एंटरटेनमेंट लोग मुझे लालबाग का दादा कहते हैं, लेकिन असली दादा तो वो बप्पा है जिनके बिना मैं (डॉ.वी शांताराम) कुछ भी नहीं हूं- अली पीटर जॉन वंकुद्रे शांताराम एक कुली थे, जो कोल्हापुर के प्रभात स्टूडियो में फर्श से फर्श तक उपकरण ले जाते थे, लेकिन वे एक उच्च महत्वाकांक्षा वाले युवक थे और एक दिन बॉम्बे में अपना खुद का स्टूडियो बनाने का सपना देखते थे। लोग उसकी महत्वाकांक्षाओं पर हंसते थे क्योंकि By Mayapuri Desk 20 Sep 2021 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn
अली पीटर जॉन उनके फैंसलों ने लोगो की जिंदगी बदल दी- अली पीटर जॉन उनमें कुछ ऐसा था जो लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता था, यहाँ तक कि कुछ प्रसिद्ध सितारों के भी जो पहले से ही अपने सिंहासन पर बैठे थे। प्रसिद्ध फिल्म निर्माता डॉ.वी शांताराम ‘दो आंखें बारह हाथ’ नामक एक हिंदी फिल्म बनाने की योजना बना रहे थे और वह दिली By Mayapuri Desk 13 Jul 2021 शेयर Twitter शेयर Whatsapp LinkedIn