jaideep ahlawat diet
ताजा खबर: फ़िल्म ‘ज्वेल थीफ’ के ट्रेलर में जब अभिनेता जयदीप अहलावत स्क्रीन पर एक दमदार, फिट और करिश्माई किरदार में दिखे, तो फ़ैन्स उनकी फिज़ीक देखकर दंग रह गए. प्रमोशन दौर में वे जब यूट्यूब शो ‘खाने में क्या है’ पर पहुँचे, तो अपनी बचपन की यादों और डाइट सीक्रेट्स ने सबको चौंका दिया. जयदीप का देसी फिटनेस मंत्र क्या है और कैसे उनके खान‑पान ने एक आम हरियाणवी लड़के को बॉलीवुड का भरोसेमंद कलाकार बना डाला.
गाँव का बचपन और देसी थाली
जयदीप हिसार ज़िले के खरकड़ा गाँव में पले‑बढ़े. वे बताते हैं, “गाँव में बच्चे दूध‑दही‑घी पर पलते हैं. मैं रोज़ाना आधा लीटर गाय का कच्चा दूध पीता था. खेत में जाते तो ताज़ी मूली, गाजर, शलगम सीधी उखाड़कर खाते. प्रोटीन‑रिच दाल और घी लगी बाजरे‑गेहूँ की रोटियाँ आम बात थीं.”
40 रोटियाँ रोज—फिर भी 70 किलो!
यही वह किस्सा है जिसने शो के होस्ट को भी दंग किया. जयदीप हँसते हुए बोले, “जब मैं 28 साल का था और पुणे FTII में पढ़ रहा था, तब एक दिन में 40 रोटियाँ आराम से खा जाता था. फिर भी वज़न 70 किलो से ऊपर नहीं गया, क्योंकि क्लासेज़ के बाद स्टेज रिहर्सल, फुटबॉल और साइकलिंग से दिन भर शरीर काम में लगा रहता था.”जयदीप मानते हैं कि आजकल जिम‑सप्लीमेंट का चलन है, पर देसी खान‑पान और शारीरिक मेहनत से बेहतर कुछ नहीं. उनका तर्क स्पष्ट है—“अगर दिन भर एक्टिव रहते हो, तो शरीर वो खाना ‘फ्यूल’ की तरह इस्तेमाल करता है. बैठा‑बैठा लाइफ़ हो तो पाँच रोटियाँ भी भारी पड़ेंगी.”
मौजूदा ‘मॉडिफ़ाइड’ डाइट
फ़िल्मों की शूटिंग शेड्यूल और बढ़ती उम्र के कारण जयदीप ने अब डाइट में थोड़ा संतुलन लाया है:
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ब्रेकफ़ास्ट: ओट्स या दलिया, चार अंडे, फलों का स्मूदी.
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लंच: ब्राउन राइस या बाजरे की रोटी, चिकन/दाल, सलाद.
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स्नैक: मुट्ठी भर बादाम‑अखरोट, ब्लैक कॉफ़ी.
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डिनर: ग्रिल्ड फ़िश या पनीर, हरी सब्ज़ी, सादा दही.
वह कहते हैं, “फिल्म के रोल के हिसाब से कार्ब और प्रोटीन की मात्राएँ घटाती‑बढ़ाती रहती हैं, पर घी छोड़ता नहीं,”—यह कहकर वे मुस्कुरा उठते हैं.
‘ज्वेल थीफ’ में रोल और फिज़िकल ट्रांसफ़ॉर्मेशन
नेटफ्लिक्स पर आने वाली ‘ज्वेल थीफ’ में जयदीप वह किरदार निभा रहे हैं, जो अफ़्रीका के सबसे दुर्लभ हीरे की चोरी करवाने का मास्टर‑माइंड है. इस रोल के लिए उन्हें स्लीक, मस्कुलर और थोड़ा रफ‑एंड‑टफ दिखना था. इसलिए उन्होंने इंटरवल ट्रेनिंग, रोप स्किपिंग और किगं बॉक्सिंग जोड़ी. छह हफ़्तों में बॉडी‑फ़ैट घटाकर 12 % तक ले आए.
खेत से लेकर कैमरे तक का सफर
जयदीप मानते हैं कि अभिनय में देसी जड़ों ने उन्हें ग्राउंडेड रखा. वे कहते हैं, “गाँव की मिट्टी, माँ का बना खाना और मेहनत का संस्कार—यही असली प्रोटीन शेक है.” यही वजह है कि ‘बदलापुर’ से लेकर ‘एन ऐक्शन हीरो’ तक हर निगेटिव किरदार में उनका देहाती रॉपन दर्शकों को असली लगता है.
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