ताजा खबर: बॉलीवुड की दुनिया में कई ऐसे कलाकार रहे हैं जिन्होंने पर्दे पर अपनी पहचान विलेन के रूप में बनाई, लेकिन असल जिंदगी में सबसे बड़ी लड़ाई अपनी किस्मत से लड़ी. ऐसे ही एक अभिनेता थे महेश आनंद (Mahesh Anand) — जिनकी आंखों में झलकता गुस्सा, लंबा कद, और दमदार आवाज़ ने उन्हें 80s और 90s के दशक का एक यादगार विलेन बना दिया था.
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‘शहंशाह’ से बनाई पहचान
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1988 में रिलीज हुई अमिताभ बच्चन की सुपरहिट फिल्म शहंशाह में जब महेश आनंद ने स्क्रीन पर कदम रखा, तो दर्शकों ने तुरंत नोटिस किया कि ये कोई आम विलेन नहीं है. उनका व्यक्तित्व ऐसा था कि सामने वाला डर और सम्मान दोनों महसूस करता था. उनकी पहली ही फिल्म ने उन्हें चर्चा में ला दिया.इसके बाद उन्होंने स्वर्ग, गुमराह, थानेदार, विजयपथ, लाल बादशाह, करन अर्जुन, पुलिसवाला गुंडा, मजदूर, कुली नंबर 1 जैसी कई बड़ी फिल्मों में खलनायक का रोल निभाया. महेश आनंद की खासियत थी कि वो स्क्रीन पर उतने ही खतरनाक लगते थे जितने असल में सादे और विनम्र इंसान थे.
करियर का टर्निंग पॉइंट बना एक्सीडेंट
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फिल्मों में लगातार काम मिलने लगा था, नाम और पहचान दोनों बढ़ रहे थे. तभी एक दिन शूटिंग के दौरान हुआ हादसा उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा टर्निंग पॉइंट बन गया. एक स्टंट सीन के दौरान हुए एक्सीडेंट में उन्हें गंभीर चोट लगी. महीनों तक अस्पताल और फिर बिस्तर पर रहने की वजह से उनका करियर रुक गया.जब वो फिर से फिल्मी दुनिया में लौटने की कोशिश कर रहे थे, तब तक नए चेहरे इंडस्ट्री में अपनी जगह बना चुके थे. महेश को काम मिलना बंद हो गया. उन्होंने बताया था कि उनके पास पैसे की इतनी कमी हो गई थी कि कई बार उन्हें घर का किराया तक चुकाने में मुश्किल होती थी.
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भाई का धोखा और टूटता विश्वास
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महेश आनंद को सिर्फ इंडस्ट्री से ही नहीं, अपने परिवार से भी झटका मिला. जब वो बीमारी से जूझ रहे थे, उस दौरान उनके भाई ने करोड़ों रुपये का धोखा दे दिया. इस घटना ने उन्हें अंदर से तोड़ दिया. शराब उनका सहारा बन गई. वो सोशल मीडिया पर अपने दर्द को खुलकर लिखते थे, लेकिन शायद कोई उन्हें सुनने वाला नहीं था.
पांच शादियां, लेकिन एक भी रिश्ता नहीं टिक पाया
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महेश आनंद की निजी जिंदगी भी फिल्मों से कम नाटकीय नहीं थी. उन्होंने पांच शादियां कीं, लेकिन कोई रिश्ता लंबा नहीं चला. दूसरी पत्नी से उनका एक बेटा हुआ — त्रिशुल, जिसे वो बहुत प्यार करते थे. रिश्ता टूटने के बाद बेटा कनाडा चला गया और महेश हर दिन उसकी याद में टूटते रहे.वो सोशल मीडिया पर अक्सर दर्द भरे पोस्ट लिखते थे —“काश, मेरा बेटा एक बार आकर मुझे गले लगा ले…”
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कमबैक की कोशिश, लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया
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लंबे ब्रेक के बाद 2018 में उन्हें ‘रंगीला राजा’ फिल्म में मौका मिला. उन्होंने इसे अपने जीवन का नया अध्याय बताया, लेकिन फिल्म फ्लॉप हो गई. उनकी वापसी की कोशिशें नाकाम रहीं.कुछ महीनों बाद, 2019 में, वो अपने मुंबई के वर्सोवा स्थित फ्लैट में मृत पाए गए. टीवी चल रही थी, पास में खाना और शराब रखी थी. दो दिनों तक दरवाजा न खुलने पर पुलिस पहुंची और यह दुखद खबर बाहर आई.
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