33 साल पहले एक आम आदमी, शाम अपने रब पर भरोसा रख कर मुंबई आया, और आज उनके रब की मेहरबानी ने उन्हें वो सब कुछ दिया है जो शाम जी ने कभी ख्वाब में भी नहीं देखा था...
-अली पीटर जॉन मैं अंधविश्वास, ज्योतिष, हस्तरेखा या यहां तक कि वास्तु नामक नवीनतम पागलपन जैसी पागल मान्यताओं में विश्वास नहीं करता, लेकिन मेरे जीवन में कुछ घटनाएं हैं जो मुझे आकर्षित करती हैं और मुझे भाग्य, संयोग या भगवान के हाथ में विश्वास करने के लिए