Shankar Mahadevan Birthday:शंकर महादेवन का संगीत जादू, जिसने बदला बॉलीवुड का म्यूजिक ट्रेंड
एंटरटेनमेंट: आज यानी 03 मार्च को बॉलीवुड सिंगर शंकर महादेवन अपना 58वां जन्मदिन मना रहे हैं. शंकर महादेवन अपनी मधुर आवाज से लोगों को दीवाना बना देते हैं.
एंटरटेनमेंट: आज यानी 03 मार्च (Shankar Mahadevan Birthday) को बॉलीवुड सिंगर शंकर महादेवन अपना 58वां जन्मदिन मना रहे हैं. शंकर महादेवन अपनी मधुर आवाज से लोगों को दीवाना बना देते हैं. एक बेहतरीन सिंगर होने के साथ-साथ वह म्यूजिक कंपोजर भी हैं. शंकर महादेवन ने कई बॉलीवुड फिल्मों के लिए गाने गाए हैं. उन्होंने न सिर्फ हिंदी बल्कि कई अन्य भाषाओं में भी अपनी आवाज का जादू बिखेरा है. उन्होंने छोटी सी उम्र में ही संगीत की दुनिया में कदम रख दिया था. वहीं, शंकर महादेवन (Singer Shankar Mahadevan) ने महज 5 साल की उम्र में ही संगीत सीखना शुरू कर दिया था. तो आइए उनके जन्मदिन के मौके पर जानते हैं सिंगर शंकर महादेवन के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातें...
शंकर महादेवन का जन्म 01 मार्च 1967 (Shankar Mahadevan Childhood) को मुंबई के चेंबूर में एक तमिल परिवार में हुआ था. उन्हें बचपन से ही गाने का शौक था और इसके लिए उन्होंने शास्त्रीय संगीत की शिक्षा ली. शंकर महादेवन ने मुंबई के चेंबूर स्थित ओएलपीएस स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी की. फिर उन्होंने इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन किया. लेकिन महादेवन का संगीत के प्रति प्रेम कभी कम नहीं हुआ. कॉलेज के दिनों में भी वह संगीत से जुड़े रहे.
सॉफ्टवेयर इंजीनियर से गायक-संगीतकार बने शंकर महादेवन को बचपन से ही संगीत में रुचि थी, वे इसमें माहिर भी हो गए थे. लेकिन उन्होंने पढ़ाई को भी नजरअंदाज नहीं किया. उन्होंने मुंबई के एक कॉलेज से कंप्यूटर साइंस में डिग्री ली, बाद में उन्होंने सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर भी काम किया. लेकिन कुछ समय तक काम करने के बाद शंकर महादेवन को लगा कि उन्हें भी संगीत की दुनिया में अपना करियर बनाना चाहिए. आखिरकार शंकर महादेवन पूरी तरह से संगीत की दुनिया में आ गए
प्रेम कहानी (Shankar Mahadevan Love Story) भी काफी फिल्मी थी अगर हम शंकर महादेवन के करियर से अलग उनकी निजी जिंदगी की बात करें तो उनकी प्रेम कहानी भी काफी फिल्मी रही है. शंकर महादेवन को संगीता से किशोरावस्था में ही प्यार हो गया था. दोनों बैडमिंटन खेला करते थे. इसी दौरान दोनों में नजदीकियां बढ़ीं. इनका रिश्ता करीब 10 साल तक चला. अचानक संगीता के भाई को इस प्रेम कहानी की भनक लग गई. उसने परिवार को इसकी जानकारी दी. परिवार को शंकर और संगीता के रिश्ते से कोई दिक्कत नहीं थी. लेकिन उन्हें मिलने से रोका जाता था. इसके बावजूद वे चोरी-छिपे मिलते रहते थे. शंकर महादेवन ने साल 1992 में संगीता से शादी की थी. साथ ही कुछ समय बाद उन्होंने नौकरी छोड़कर संगीत में करियर बनाने का फैसला किया. इस फैसले में उनकी पत्नी ने उनका पूरा साथ दिया. संगीता और शंकर महादेवन के दो बेटे सिद्धार्थ महादेवन और शिवम महादेवन हैं. दोनों ही सिंगर हैं.
साल 1998 में शंकर की पहली एल्बम 'ब्रेथलेस' (Shankar Mahadevan First Album) उनके सिंगिंग करियर के लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुई. इस एल्बम से शंकर महादेवन को काफी प्रसिद्धि मिली. लोगों को यह एल्बम काफी पसंद आई और शंकर को बॉलीवुड में काफी प्रसिद्धि मिली. जिसके बाद शंकर महादेवन ने एक के बाद एक कई फिल्मों के लिए गाने गाए. शंकर महादेवन ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर एक म्यूजिक ग्रुप बनाया और संगीत का नया सफर शुरू किया.
शंकर महादेवन की आज जो लोकप्रियता है, वह सिर्फ उनकी मेहनत का नतीजा नहीं है, इसमें एहसान और लॉय नाम के दो लोगों का भी योगदान है.एहसान नूरानी गिटार वादक हैं और लॉय मेंडोसा कीबोर्ड वादक हैं, वह इलेक्ट्रॉनिक फ्यूजन म्यूजिक कंपोज करते हैं. शंकर, एहसान और लॉय सालों पहले एक बैंड के तौर पर साथ आए थे, 1980 में एहसान मुंबई में जिंगल्स (रेडियो विज्ञापन) बनाते थे, जबकि लॉय टीवी के लिए लिखते थे. बाद में 1989 में शंकर एहसान के जिंगल्स में गाने लगे. फिर तीनों ने मुकुल आनंद की फिल्म 'दास (1997)' में साथ काम किया. इस फिल्म का एक गाना 'हिंदुस्तानी' काफी मशहूर हुआ था. इसके बाद ही शंकर, एहसान और लॉय ने म्यूजिक बैंड बनाया. तब से, इन तीनों ने 'दिल चाहता है', 'तारे ज़मीन पर', 'रॉक ऑन', 'जिंदगी ना मिलेगी दोबारा' और कई अन्य हिट फिल्मों के लिए संगीत तैयार किया है.
शंकर महादेवन ने एहसान और लॉय के साथ मिलकर दिल चाहता है के गाने कंपोज किए और गाए भी. लेकिन दर्शकों को जानकर हैरानी होगी कि इस फिल्म के एक गाने की धुन का आइडिया शंकर के दिमाग में दांत साफ करते वक्त आया था. कुछ साल पहले कपिल शर्मा के कॉमेडी शो में शंकर महादेवन ने बताया था कि ऐसे कई गानों की धुन का आइडिया उन्हें बाथरूम में आया था. उनका मानना है कि सुबह का एकांत किसी भी क्रिएटिव इंसान के लिए खास होता है, इस दौरान कई अच्छे आइडिया आते हैं.
एक सांस में गाना गाने के लिए वह मशहूर हो गए थे. साल 1988 में शंकर महादेवन एक एल्बम लेकर आए 'ब्रेथलेस'. इस एल्बम में उन्होंने एक गाना गाया था 'कोई जो मिला तो मुझे ऐसा लगता है...'. वह बिना सांस लिए इस गाने को गाते नजर आए, उन्होंने एक ब्रेक भी नहीं लिया. इस गाने ने शंकर महादेवन को संगीत की दुनिया में एक अलग पहचान दिलाई, दर्शक भी उन्हें इसी गाने की वजह से पहचानने लगे. शंकर के इस एल्बम को उस साल बेस्ट नॉन फिल्म एल्बम का स्क्रीन अवॉर्ड भी मिला था. आज भी जब शंकर महादेवन 'ब्रेथलेस' गाना गाते हैं तो दर्शक सांस रोककर सुनते हैं.
गायक शंकर महादेवन को चार बार राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. साल 2011 में उन्होंने एक ऑनलाइन अकादमी भी शुरू की थी. इस अकादमी के जरिए गायक देश-दुनिया भर के बच्चों को संगीत सिखाने का काम करते हैं. शंकर को अपना पहला राष्ट्रीय पुरस्कार मशहूर गायक ए.आर. रहमान के साथ तमिल फिल्म 'कंडोकंदनी-कंडोकंदनी' के लिए मिला था. इसके अलावा उन्होंने तीन बार बेस्ट मेल प्लेबैक सिंगर का अवॉर्ड भी जीता है. शंकर महादेवन को एक बार बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर का अवॉर्ड भी दिया गया था. अपने बेहतरीन गानों और सुरीली आवाज की वजह से वह लाखों लोगों के दिलों पर राज करते हैं. मधुर आवाज के मालिक आपको बता दें कि शंकर महादेवन की शादी संगीता शंकर महादेवन से हुई है. उनके बेटे सिद्धार्थ महादेवन हैं, जो अपने पिता की तरह ही गायक हैं. उन्होंने फिल्म 'भाग मिल्खा भाग' के गाने 'जिंदा' से अपने सिंगिंग करियर की शुरुआत की थी. शंकर महादेवन के छोटे बेटे शिवम महादेवन भी गायक हैं.
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