टकलों की ब्रिगेड
अली पीटर जॉन पहले जिन विषयों को लोग नजरअंदाज करते थे आज उन्हीं विषयों को फिल्मों में कंटेंट कहा जाता है। पहले फिल्ममेकर्स ऐसा मानते थे कि फिल्म बनाने का एक ही फार्मूला है और यही कारण है कि साल में 800 फिल्में बनती थी और सभी फिल्में एक ही जैसी होती थी।