TV कलाकारों ने युवाओं को हिन्दी अपनाने और बोलने के लिये प्रेरित किया हिन्दी भाषा को जानने से साहित्य के प्रति गहरा जुड़ाव बनता है. हम उन परंपराओं से भी जुड़ते हैं, जिन्होंने पीढ़ी दर पीढ़ी हमारे समाज को गढ़ा है. हिन्दी दिवस के मौके पर एण्डटीवी के कलाकार युवा पीढ़ी को प्रोत्साहित कर रहे हैं... By Mayapuri Desk 16 Sep 2024 in टेलीविज़न New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 Follow Us शेयर हिन्दी भाषा को जानने से साहित्य के प्रति गहरा जुड़ाव बनता है. हम उन परंपराओं से भी जुड़ते हैं, जिन्होंने पीढ़ी दर पीढ़ी हमारे समाज को गढ़ा है. हिन्दी दिवस के मौके पर एण्डटीवी के कलाकार युवा पीढ़ी को प्रोत्साहित कर रहे हैं कि वे इसे केवल संवाद का माध्यम न बनाएं, बल्कि अपनी सांस्कृतिक पहचान के रूप में इसका संरक्षण भी करें. ये कलाकार हैं स्मिता सेबल (धनिया, 'भीमा'), आशुतोष कुलकर्णी (कृष्ण बिहारी वाजपेयी, 'अटल'), योगेश त्रिपाठी (हप्पू सिंह, 'हप्पू की उलटन पलटन') और रोहिताश्व गौड़ (मनमोहन तिवारी, 'भाबीजी घर पर हैं'). 'भीमा' में धनिया की भूमिका निभा रहीं स्मिता सेबल ने कहा, "हिन्दी भारत के इतिहास एवं संस्कृति की गहराई में रची-बसी है. हालांकि, आजकल के युवा अक्सर अपनी रोजमर्रा की बातचीत में मॉडर्न स्लैन्ग का प्रयोग करते हैं, पर यह महत्वपूर्ण है कि वे हिन्दी से जुड़ाव खत्म न करें. अपनी भाषाई पहचान का संरक्षण करना जरूरी है. और मैं शैक्षणिक संस्थानों में हिन्दी को अधिक प्रमुखता देने की पक्षधर हूँ, ताकि वह हमारी संस्कृति का एक महत्वपूर्ण पहलू बनकर चलती रहे." 'अटल' में कृष्ण बिहारी वाजपेयी की भूमिका निभा रहे आशुतोष कुलकर्णी ने कहा, "अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का पक्षधर होने के नाते मेरा मानना है कि जनरेशन-जेड को हिन्दी अपनानी और बोलनी चाहिये. दुनिया का तेजी से भूमण्डलीकरण हो रहा है और ऐसे में हमारी अपनी भाषा का महत्व केवल संवाद तक सीमित नहीं हो सकता. यह हमें अपने इतिहास, परंपराओं और मूल्यों से जोड़ती है. हिन्दी बोलकर हम न केवल अपने पूर्वजों की बुद्धिमत्ता का सम्मान करते हैं, बल्कि अपनी सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने एवं प्रासंगिकता भी सुनिश्चित करते हैं. यह केवल शब्दों तक सीमित नहीं है- इसमें अपनेपन, समाज और गौरव की भावना का संरक्षण निहित है." 'हप्पू की उलटन पलटन' में दरोगा हप्पू सिंह बने योगेश त्रिपाठी ने कहा, "यह सभी के लिये और खासकर युवा पीढ़ी के लिये अत्यंत महत्वपूर्ण है कि वे अपनी जड़ों से जुड़े रहें. आज की दुनिया में विदेशी भाषाओं के प्रति हम बड़ी ही आसानी से आकर्षित हो जाते हैं, लेकिन हमारी मातृभाषा ही हमें परिभाषित करती है. हिन्दी की अपनी सुंदरता और गहराई है, जो हमारे विविधतापूर्ण समाज को प्रतिबिम्बित करती है और हिन्दी बोलकर युवा पीढ़ी हमारी सांस्कृतिक विरासत के विकास में योगदान दे सकती है. आइये, हम आत्मविश्वास एवं प्रेम की भावना के साथ हिन्दी का उत्सव मनाएं और उसे बढ़ावा दें." 'भाबीजी घर पर हैं' के मनमोहन तिवारी, ऊर्फ रोहिताश्व गौड़ ने कहा, "हमें अपनी देशी भाषा हिन्दी का महत्व समझना चाहिये. हिन्दी बोलकर अपनी जड़ों और संस्कृति के साथ ज्यादा गहरा जुड़ाव बनाया जा सकता है और इससे आत्मविश्वास को बढ़ावा भी मिलता है. इसके द्वारा करोड़ों हिन्दीभाषियों के साथ संवाद बेहतर होता है. निजी और पेशेवर पहलुओं में ज्यादा गहरे संबंध और मौके बनते हैं." अपने चहेते कलाकारों को देखिये 'अटल' में रात 8:00 बजे, 'भीमा' में रात 8:30 बजे, 'हप्पू की उलटन पलटन' में रात 10:00 बजे और 'भाबीजी घर पर हैं' में रात 10:30 बजे, हर सोमवार से शुक्रवार सिर्फ एण्डटीवी पर! Read More क्या पठान की सक्सेस पार्टी में न आने पर SRK ने जॉन को गिफ्ट की थी बाइक क्रिकेटर युवराज सिंह पर बनने जा रही है फिल्म,भूषण कुमार ने किया अनाउंस रणदीप हुड्डा का लिन लैशाराम से मुलाकात का नसीरुद्दीन शाह से है कनेक्शन अमेरिकी तैराकी टीम ने ऐश्वर्या के गाने 'ताल से ताल' पर किया परफॉर्म हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Latest Stories Read the Next Article