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ज़ी के ज़रिए मनाइए अपनेपन का जश्न, ‘Aapka Apna ZEE‘ के साथ

देश की सात भाषाओं में पेश की गई प्रभावशाली फिल्मों के ज़रिए ज़ी ने भारत की सांस्कृतिक विविधता को एक खूबसूरत कहानी में पिरोया है, जो अलग-अलग क्षेत्रों के दर्शकों को एकजुट करते हुए हमें उन जज़्बातों...

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Fwd ZEE Invites India to celebrate ‘Togetherness’ with Aapka Apna ZEE
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देश की सात भाषाओं में पेश की गई प्रभावशाली फिल्मों के ज़रिए ज़ी ने भारत की सांस्कृतिक विविधता को एक खूबसूरत कहानी में पिरोया है, जो अलग-अलग क्षेत्रों के दर्शकों को एकजुट करते हुए हमें उन जज़्बातों और किरदारों से जोड़ती है जो दिल को छू जाते हैं और आपसी अनुभवों को सेलिब्रेट करते हैं.

भारत के सबसे प्रतिष्ठित और चहेते मीडिया ब्रांड्स में से एक, ज़ी, जो 208 मिलियन घरों में 854 मिलियन दर्शकों तक पहुंच रखता है, अब 'आपका अपना ज़ी' के नाम से अपनी नई पहचान और ब्रांड विचारधारा को पेश करते हुए एक नए सफर की शुरुआत कर रहा है. भारत की सांस्कृतिक जड़ों से अपने गहरे जुड़ाव को और मज़बूत करते हुए ज़ी ने एक ऐसा कैम्पेन शुरू किया है जो हमारे रिश्तों, जज़्बातों और अपनेपन की भावना को खूबसूरती से सामने लाता है.

इस कैम्पेन के दिल में बसा है एक सादगी भरा लेकिन गहरा एहसास - 'साथ आने से बात बनती है'. ये जज़्बात उस ताकत का जश्न है, जो अपनेपन से आता है. ये उन साझा पलों का जश्न है जो असर पैदा करते हैं, अच्छाई फैलाते हैं, हमें आगे ले जाते हैं और हर मुश्किल को पार करने का हौसला देते हैं. आपस में बांटा गया हर अनुभव उम्मीद जगाता है, हमें सहारा देता है और हमें यह याद दिलाता है कि हम साथ मिलकर हर मुश्किल का सामना कर सकते हैं.

ZEE Aapka Apna ZEE

इसी सोच को साकार करता है यह बहुभाषी कैम्पेन, जिसमें सात भाषाओं में बेहद प्रभावशाली ब्रांड फिल्म्स पेश की गई हैं. हर फिल्म उस समुदाय की संस्कृति, उनकी खासियतों और जज़्बातों को दर्शाती है जिनकी वह कहानी है. यह फिल्में स्थानीय किरदारों और कहानियों के ज़रिए रोज़मर्रा की सच्चाइयों को छूती हैं. ये एक सिनेमाई ट्रिब्यूट है उस गहरे जुड़ाव को, जो दर्शकों को यह एहसास दिलाता है कि उन्हें देखा और समझा जा रहा है, और उन्हें अपनापन महसूस कराता है.

इस कैम्पेन की प्रमुख कहानी में है भारतीय सेना में शामिल एक पिता, जिसे अपनी बेटी की शादी से कुछ ही दिन पहले ड्यूटी पर बुला लिया जाता है. यह फिल्म सामुदायिक भावना और एकजुटता की सच्ची तस्वीर पेश करती है, जिसमें उनकी गैरमौजूदगी में पूरा मोहल्ला एक परिवार की तरह आगे आता है, हर छोटी-बड़ी तैयारी में दिल से शामिल होता है, और यह सुनिश्चित करता है कि शादी में कोई कमी न रहे. जब वो पिता शादी वाले दिन अपने घर लौटता है और सब कुछ व्यवस्थित देखता है, तब उनकी पत्नी मुस्कुराकर कहती हैं - "इतना बड़ा परिवार है, आराम से हो गया"! यह सुनकर वो पिता भावुक हो उठता है.

इस भावना को और गहरा बनाने के लिए ज़ी के सबसे चहेते किरदारों ने इस कहानी में हिस्सा लिया है, लेकिन किसी सेलिब्रिटी की तरह नहीं - बल्कि अपने लोग बनकर, जो दिल से इस समारोह में शामिल होते हैं. इनकी मौजूदगी अपनेपन और आपसी मेल-जोल की भावना को और भी मजबूत करती है.

Kartik Mahadev, Chief Marketing Officer, ZEE Entertainment Enterprises Ltd.,

इस कैम्पेन के बारे में बात करते हुए ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइसेस लिमिटेड के चीफ मार्केटिंग ऑफिसर कार्तिक महादेव ने कहा, "कैम्पेन 'आपका अपना ज़ी' एक प्रभावशाली बहुभाषी ब्रांड फिल्म सीरीज़ है, जो इस देश में बसे अनेक भारतों की भावना को जीवंत करती है. यह इस बात का आईना है कि हमारे पड़ोसी, दोस्त और जान-पहचान वाले मुश्किल समय में एक बड़े परिवार की तरह हमारी मदद के लिए तैयार खड़े रहते हैं. इन सातों फिल्मों की जड़ें अपने-अपने क्षेत्र की संस्कृति में गहराई से जुड़ी हैं — ये वहां की धड़कन, परंपराएं, रहन-सहन और लोगों की सच्चाई को संजीदगी से प्रस्तुत करती हैं. कहीं केरल की बारिश खुद एक किरदार बन जाती है, तो कहीं तेलंगाना का वह गांव, जो सेना में सेवा की परंपरा के लिए जाना जाता है, कहानी का केंद्र बनता है. हर कहानी असली भारत की सांस्कृतिक समृद्धि और भावनात्मक सच्चाइयों को उजागर करती है. यह कैम्पेन इस बात की एक सशक्त पुष्टि है कि ज़ी आज भी करोड़ों लोगों की रोज़मर्रा की ज़िंदगी में एक भरोसेमंद साथी बना हुआ है. 'साथ है तो बात है' सिर्फ एक सोच नहीं, बल्कि करोड़ों घरों की धड़कनों से जुड़ा एक जज़्बात है — जहां ज़ी सिर्फ देखा नहीं जाता, बल्कि हर दिन दिल से अपनाया जाता है."

ब्रांड फिल्म 'साथ है तो बात है' की भावना को सबके दिलों तक पहुंचाने के लिए ज़ी के लोकप्रिय शोज़ के 25 से ज्यादा मशहूर कलाकार किरदार नहीं, बल्कि ज़ी का परिवार बनकर इस फिल्म का हिस्सा बने. इनमें शामिल हैं देवांश और वसुधा (वसुधा), अंगूरी भाभी और विभूति नारायण मिश्रा (भाबीजी घर पर हैं), श्रावणी और सुब्बू (श्रावणी सुब्रह्मण्यम), वीरा और मारन (वीरा), रुद्र और गंगा (जयम), जाह्नवी और जयंत (लक्ष्मी निवास), और दुर्गा और स्वयंभू (जगद्धात्री). इनकी मौजूदगी ने ब्रांड के संदेश को और भी असरदार बना दिया और इस कैम्पेन को एक यादगार सांस्कृतिक पल में बदल दिया.

हर ब्रांड फिल्म अलग-अलग संस्कृतियों की जड़ों से जुड़कर दिल छू लेने वाली कहानी और सच्चे दृश्यों को सामने लाती है. केरल में बारिश में भीगी गलियां और पारंपरिक नालुकेट्टु घर सामूहिक शादी के आयोजन की पृष्ठभूमि तैयार करते हैं, जिसमें वहां की संस्कृति और अपनापन झलकता है. बंगाली फिल्म एक बरोन-धोरा शादी को दर्शाती है, जिसमें उलुध्वनि जैसी सांस्कृतिक रस्म और शुक्तो जैसे व्यंजन किसी असली परिवार के एलबम की तरह सामने आते हैं. कर्नाटक के मंड्या में बनी कन्नड़ फिल्म में वहां की संस्कृति की झलक है, जिसमें चप्परा, रंगोली और पवित्र अरिषिन शास्त्र जैसी रस्मों को दिखाया गया है, जहां पूरा गांव एक मां की मदद के लिए आगे आता है जो अपनी बेटी की शादी की तैयारी कर रही है. तेलुगु कहानी पश्चिम गोदावरी के एक गांव में रची गई है, जिसमें थाटाकु पंडिराम, पेल्ली बुट्टा और रूह को छू लेने वाला गाना 'संदड़ी संदड़ी' उस क्षेत्र की संस्कृति और उत्सव की भावना को जगाता है. मराठी फिल्म में हलद चढवणे की रस्म और नववारी साड़ी को धोती स्टाइल में पहनने वाली दुल्हन की छवि परंपरा और शक्ति को दर्शाती है. हिंदी फिल्म उत्तर भारत के फरीदाबाद में बसे एक मोहल्ले के जज़्बे को सामने लाती है, जहां पड़ोसी एक परिवार बन जाते हैं. वहां की छतें ढोलक, सांस्कृतिक संगीत, लोकगीत, लड्डू और हंसी की आवाज़ से भर जाती हैं, जो साथ जीने और जश्न मनाने की एक खूबसूरत मिसाल पेश करती है.

ZEE Aapka Apna ZEE

यह कैम्पेन 23वें ज़ी सिने अवॉर्ड्स 2025 के प्रसारण के दौरान लॉन्च किया गया, जिसमें सभी सात फिल्में एक साथ ज़ी के सभी टीवी चैनलों और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित हुईं. इससे दर्शकों को एक सोच को सात अलग-अलग भाषाओं में एक ही समय पर महसूस करने का अनोखा अनुभव मिला.

'आपका अपना ज़ी' के साथ यह नेटवर्क हर घर, हर आवाज़ और हर जज़्बात का सच्चा हमसफर बनकर उभरता है. यह सिर्फ एक ब्रांड नहीं, बल्कि एक अपनापन है—जो दर्शकों का है क्योंकि यह उनकी भाषा बोलता है, उनके मूल्यों को अपनाता है, और उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चलता है.

यह महज़ एक नई पहचान नहीं है.
ये है - आपका अपना ज़ी.

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by shilpa patil

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