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World Television Day पर ज़ी टीवी के कलाकारों ने बताए अपने अनुभव

1996 से, हर साल 21 नवंबर को 'वर्ल्ड टेलीविजन डे' मनाया जाता है. इस दिन को खास तौर पर टेलीविजन का महत्व पहचानने के लिए मनाया जाता है. टेलीविजन न सिर्फ हमें शिक्षित करता है...

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World Television Day पर ज़ी टीवी के कलाकारों ने बताए अपने अनुभव
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1996 से, हर साल 21 नवंबर को 'वर्ल्ड टेलीविजन डे' मनाया जाता है. इस दिन को खास तौर पर टेलीविजन का महत्व पहचानने के लिए मनाया जाता है. टेलीविजन न सिर्फ हमें शिक्षित करता है, बल्कि मनोरंजन, प्रेरणा और जानकारी साझा करने का सबसे असरदार जरिया भी है. इस खास मौके पर ज़ी टीवी के कुछ पॉपुलर एक्टर्स ने बताया किया कि टेलीविजन ने उनकी ज़िंदगी को कैसे बदला और उनके लिए यह क्या अहमियत रखता है. इनमें 'भाग्य लक्ष्मी' की ऐश्वर्या खरे, 'कुमकुम भाग्य' की राची शर्मा, 'जागृति - एक नई सुबह' के आर्य बब्बर, 'जाने अनजाने हम मिले' के भरत अहलावत, 'वसुधा' की नौशीन अली सरदार और 'कुंडली भाग्य' के बसीर अली शामिल हैं. आइए जानते हैं क्या कहते हैं ज़ी टीवी के ये सितारे...

'कुमकुम भाग्य' में पूर्वी का किरदार निभा रहीं राची शर्मा कहती हैं,

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"टेलीविजन सिर्फ हमारे ड्रॉइंग रूम में रखा एक डिब्बा नहीं है; यह पूरी दुनिया से जुड़ने का एक जरिया है. यह कहानियां सुनाता है, हमें सिखाता है, प्रेरणा देता है, और सांस्कृतिक भिन्नताओं को पाटने में मदद करता है. यह हमारे जज़्बात जगाने और समाज की अहम समस्याओं को उजागर करने की ताकत रखता है. एक कलाकार के रूप में, मुझे इस मंच का हिस्सा बनने पर गर्व है, जहां हम अलग-अलग कहानियां प्रस्तुत कर पाते हैं और हर वर्ग के दर्शकों से जुड़ पाते हैं. टेलीविजन समाज का आईना है, जो इंसानी स्वभाव की गहराई और हमारी ज़िंदगी की उलझनों को दिखाता है. इस शानदार इंडस्ट्री का हिस्सा बनना मेरे लिए सौभाग्य की बात है. हैप्पी वर्ल्ड टेलीविजन डे!"

'भाग्य लक्ष्मी' में लक्ष्मी का किरदार निभा रहीं ऐश्वर्या खरे बताती हैं, 

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"टेलीविजन मेरे लिए एक ऐसा मंच है, जिसने न सिर्फ मेरी कहानियों को दर्शकों तक पहुंचाया, बल्कि मेरे सपनों को भी हकीकत में बदल दिया. इसने मेरी ज़िंदगी के हर पहलू को बदला है. मुझे आज भी याद है, जब बचपन में हमारा पूरा परिवार साथ बैठकर फिल्में देखता था. स्कूल से लौटकर बहनों के साथ टीवी का रिमोट छीनने की लड़ाई, और मेरी मां का घर का काम करते हुए पुराने गानों का आनंद लेना... ये सारी यादें बहुत खास हैं. टेलीविजन सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि यह लोगों को जोड़ता है, जानकारी बढ़ाता है, और ज़िंदगी में खुशियां लाता है. आज मैं इस मंच का हिस्सा बनकर दर्शकों का मनोरंजन करने के लिए आभारी हूं."

'जागृति - एक नई सुबह' में कालीकांत के रोल में नजर आ रहे आर्य बब्बर कहते हैं,

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"वर्ल्ड टेलीविजन डे मुझे हमेशा यह याद दिलाता है कि टेलीविजन की कहानी कहने की ताकत कितनी गहरी है. मेरे लिए इस इंडस्ट्री का हिस्सा बनना एक सम्मान और जिम्मेदारी है. टेलीविजन सिर्फ मनोरंजन का जरिया नहीं है, यह लोगों, संस्कृतियों और विचारों को जोड़ने का माध्यम है. यह हमें नए नजरिए दिखाने, अनसुनी कहानियों को सामने लाने, और दर्शकों को दूसरी दुनिया में ले जाने की काबिलियत रखता है. एक एक्टर के रूप में, मुझे इस माध्यम से जुड़कर समाज की खुशियों और संघर्षों को दर्शाने का मौका मिला है. मुझे गर्व है कि मेरा काम लोगों तक पहुंचता है और उनके दिलों को छूता है."

'जाने अनजाने हम मिले' में राघव का रोल निभा रहे भरत अहलावत ने कहा,

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"टेलीविजन वो जादुई जरिया है, जो अनगिनत घरों में सपने, कहानियां, और जज़्बात लेकर आता है. एक एक्टर के रूप में, यह मेरे लिए सबसे बड़ा टीचर और दर्शकों से जुड़ने का सबसे खूबसूरत मंच रहा है. मुझे सबसे ज्यादा इस बात से खुशी मिलती है कि यह माध्यम लोगों को एक साथ लाने का काम करता है. हंसी, आंसू, और प्रेरणा के जरिए यह हमें एक साझा अनुभव देता है. मुझे आज भी वो दिन याद है, जब मेरे परिवार ने पहली बार मुझे टीवी पर देखा था. उनके चेहरे की मुस्कान और हमारी भावनाएं मुझे आज भी याद दिलाती हैं कि मैंने यह सफर क्यों चुना."

'वसुधा' में चंद्रिका का रोल निभा रहीं नौशीन अली सरदार बताती हैं,

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"टेलीविजन वो मंच है, जिसने मुझे दर्शकों से गहराई से जुड़ने का मौका दिया. यह वो जरिया है, जो कहानियों में जान डालता है, लोगों को सपने देखने के लिए प्रेरित करता है, और सबसे खास बात, सकारात्मकता और जागरूकता फैलाता है. मैं बचपन से टीवी देखते हुए बड़ी हुई हूं. इसके बाद 20 साल से ज्यादा समय तक इस इंडस्ट्री का हिस्सा रहते हुए, मैं यह मानती हूं कि यह हमें सिखाने, प्रेरित करने, और जोड़ने की बेमिसाल ताकत रखता है. वर्ल्ड टेलीविजन डे पर, मैं उन सभी दर्शकों का तहे दिल से शुक्रिया अदा करती हूं, जिन्होंने हमेशा हम पर अपना प्यार और भरोसा बनाए रखा है. यह प्यार हमें लगातार याद दिलाता है कि टेलीविजन न सिर्फ ज़िंदगी को नई ताज़गी देता है, बल्कि दुनियाभर में दिलों को जोड़ने का काम भी करता है."

'कुंडली भाग्य' में शौर्य का किरदार निभा रहे बसीर अली कहते हैं,

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"टेलीविजन का आकर्षण और पहुंच बेमिसाल है. टेलीविजन अपनी खूबियों के साथ लोगों की ज़िंदगी में गहराई तक उतरने की ताकत रखता है. एक एक्टर के रूप में, मैं खुद को खुशकिस्मत मानता हूं कि मैं ऐसी इंडस्ट्री का हिस्सा हूं, जो हर दिन लोगों की ज़िंदगी को छूती है. 'कुंडली भाग्य' जैसे शो ने मुझे दर्शकों के करीब लाया, जो मेरे किरदार और उसके सफर जुड़ गए. वर्ल्ड टेलीविजन डे पर, मैं इसके जादू और इसकी एकजुट करने की ताकत को सलाम करता हूं. टेलीविजन हर दौर में बदलता रहेगा, लेकिन यह हमेषा लोगों को जोड़ता और प्रेरित करता रहेगा. हैप्पी वर्ल्ड टेलीविजन डे!"

by SHILPA PATIL

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