विश्वास है, तो खड़े रहो ...अड़े रहो, कहना है कौन बनेगा करोड़पति का
जब आपका टारगेट, समाज के टारगेट से मैच नहीं करता, तो आप समाज का टारगेट बन जाते हैं... कई बार, अपने विश्वास या महत्वाकांक्षाओं का पालन करने के लिए अपने परिवार या समाज के सामने बड़े पैमाने पर खड़े होना मुश्किल हो सकता है। लानत देने और भावनात्मक अत्याचार को देख