नौशाद साहब को सन 90 के बाद पैदा हुई पीढ़ी शायद न पहचानती हो पर भारतीय संगीत के इतिहास में नौशाद साहब का नाम हमेशा सुनहरे अक्षरों से लिखा गया है. बैजू बांवरा, मुग़ल-ए-आज़म, आन, मदर इंडिया, गंगा जमना जैसी सत्तर से अधिक फिल्मों में अपने संगीत का जादू बिखेरा है.