लखनऊ सेंट्रल
10.57 Cr
रेटिंग*** लगता है कंगना ग्रे शेड भूमिकाओं का पर्याय बन चुकी है। उनकी पिछली कोई भी फिल्म उठाकर देख लीजीये, उन सभी में कंगना राउड़ी टाइप रोल्स करती नजर आयेगी। इसी श्रंखला में हंसल मेहता की फिल्म ‘सिमरन’ भी है। जिसमें कंगना एक बार फिर अलमस्त अपनी मर्जी की ला
रेटिंग*** सच्ची घटना पर आधारित निर्देशक रंजीत तिवारी की फिल्म‘ लखनऊ सेंट्रल’ में जेल की राजनीति, वर्चस्व के लिये मारपीट तथा बंदियों के इमोशंसॉ प्रभावशाली तरीके से दिखाने की कोशिश की गई है। फरहान अख़्तर एक लाइब्रेरियन का लड़का है जो अपना बैंड बनाना चाहता ह
रेटिंग*** आंतकवाद को लेकर अभी तक ढेर सारी फिल्में आ चुकी हैं लेकिन दक्षिण बजरंग छेरा द्धारा निर्देशित फिल्म ‘समीर’ में कुछ नये तथ्य रखे गये हैं। जिसके तहत आतंकवाद का एक अलग चेहरा उभर कर सामने आता है। समीर यानि मौहम्मद जिशान अयूब एक कॉलेज स्टूडेंन्ट है उ
रेटिंग** अनूप जलौटा द्धारा प्रोड्यूस और सीमा कपूर द्धारा निर्देशित फिल्म ‘मि.कबाड़ी’ में कॉमेडी के तहत एक ऐसे शख्स के जरिये अपनी व्यथा बताने पर आधारित है जो सुलभ शौचालय का कॉन्ट्रेक्टर है। अनु कपूर कबाड़ी के धंधे से करोड़पति बना चुका है उसकी बीवी सारिका कभ
रेटिंग 000 आज भी हमारी सोच किस कदर संकीर्ण है। ये बात मराठी फिल्म का रीमेक तथा श्रेयस तलपड़े द्धारा निर्देशित फिल्म 'पोस्टर बॉयज' के तहत नसबंदी को लेकर बताने की कोशिश की है कि एक नसबंदी पोस्टर पर गलत लोगों की फोटोज लगा देने के बाद उनकी जिन्दगी किस कदर