दिलीप कुमार सिर्फ एक करिश्माई अभिनेता ही नहीं बल्कि, शानदार सिनेमाई युग को बुनने वाले एक माहिर जुलाहे भी थे।- अली पीटर जॉन
इस महान कलाकार को इस कविता के रूप में एक भावपूर्ण काव्यात्मक श्रद्धांजलि सिनेमा के जुलाहे सिनेमाई सरगर्मियों का सरनामा, अदाओं के दिलकश कूचे थे वो, उनका कायिक कद जो भी था, पर करनी से कितने ऊंचे थे वो! उनके भाल पे कीर्ति का सूरज पलता था,