उनके चेहरे पर उदासी भी खूबसूरत लगती थी- अली पीटर जॉन
मुझे एक अजीब सा अविश्वास था कि मैं किसी तरह नूतन से संबंधित हूं। या फिर कई मौकों पर कोलाबा के सागर संगीत में उनके अपार्टमेंट की 36वीं मंजिल पर उनसे मिलने, उन्हें जानने और उनके साथ बातचीत का आदान-प्रदान करने का मुझे सौभाग्य कैसे मिला होगा। मैं कोई भी नहीं