जब देव आनंद साहब और अमजद खान को अपने”गुनाहों” की सजा मिली थी
सत्ता में होने पर किसी भी सरकार या उसके नेताओं के खिलाफ बोलना ज्यादातर ‘अपराध’ माना जाता है, यह तब भी सच था और अब भी सच है!देव आनंद एक ऐसे भारतीय थे, जो सच बोलने से कभी नहीं डरते थे, खासकर तब जब राष्ट्रहित के मामलों की बात आती थी, उन्हें ‘असंतोष की आवाज’