एक साम्राज्य और एक अग्रणी के बिल्डर के लिए एक कुली
वी.शांताराम - अली पीटर जाॅन मैं वर्ष 1973 में “स्क्रीन“ से काफी अनिच्छा के साथ जुड़ा। मैं अपने गुरु, के.ऐ.अब्बास के सहायक के रूप में अपनी 100 रुपए की नौकरी से खुश था, यह आय मुझे कभी-कभी मिलती थी और कभी-कभी महीनों इंतजार करना पड़ता था, लेकिन मुझे