/mayapuri/media/media_files/2025/03/05/WYiOlgei0K1WNje1PbUN.jpg)
एंटरटेनमेंट: बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता, निर्देशक और लेखक सौरभ शुक्ला (Saurabh Shukla) का नाम उन कलाकारों में गिना जाता है, जिन्होंने अपनी बेहतरीन अदाकारी से दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बनाई है. गंभीर किरदारों से लेकर कॉमिक रोल तक, सौरभ शुक्ला हर भूमिका में जान डाल देते हैं. आज उनके जन्मदिन के खास मौके पर, आइए जानते हैं उनकी जिंदगी, करियर और फिल्मों से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें.
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
सौरभ शुक्ला (Saurabh Shukla Chilhood Photo) का जन्म 5 मार्च 1963 को गोरखपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था. उनके पिता एक सरकारी कर्मचारी थे, जबकि उनकी माँ एक संगीतकार थीं. बचपन से ही सौरभ का झुकाव कला और नाटकों की ओर था. उनका परिवार जल्द ही दिल्ली आ गया, जहां उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की.दिल्ली में रहते हुए उन्होंने राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (NSD) से जुड़कर थिएटर करना शुरू किया. थिएटर में उनकी दिलचस्पी ने उन्हें अभिनय की दुनिया में कदम रखने के लिए प्रेरित किया.
लव स्टोरी
सौरभ शुक्ला (Saurabh Shukla Love Story) बॉलीवुड इंडस्ट्री में लंबे समय से एक्टिव हैं, लेकिन उन्होंने अपनी लव लाइफ को हमेशा प्राइवेट रखा. उनका नाम कभी किसी को-एक्ट्रेस या किसी अन्य सेलिब्रिटी के साथ नहीं जुड़ा. वे अपनी जिंदगी में प्यार का इंतजार कर रहे थे और फिर उनकी मुलाकात संगीता शुक्ला (Saurabh Shukla Wife) से हुई.सौरभ शुक्ला और संगीता की मुलाकात बहुत साधारण तरीके से हुई थी, लेकिन धीरे-धीरे यह मुलाकात दोस्ती में बदली और फिर दोनों के बीच प्यार पनपने लगा.
कैसे हुई पहली मुलाकात?
सौरभ शुक्ला और संगीता शुक्ला की मुलाकात एक कॉमन फ्रेंड के जरिए हुई थी, उस समय सौरभ फिल्मों और थिएटर में काफी बिजी रहते थे, लेकिन जब उन्होंने संगीता से बात की, तो उन्हें महसूस हुआ कि वे बहुत खास इंसान से मिले हैं.संगीता भी कला से जुड़ी हुई थीं और थिएटर तथा सिनेमा में उनकी गहरी रुचि थी. इसी वजह से दोनों के बीच खूबसूरत बातचीत शुरू हुई और दोस्ती की नींव पड़ गई.
प्यार की शुरुआत
दोस्ती के कुछ समय बाद, सौरभ शुक्ला और संगीता (Sangeeta Shukla) की मुलाकातें बढ़ने लगीं. दोनों को एक-दूसरे के साथ समय बिताना अच्छा लगने लगा.सौरभ की हास्यपूर्ण अंदाज और संगीता की सीरियस सोच का अनोखा मेल था. यह एक ऐसी लव स्टोरी थी, जहां दो अलग-अलग व्यक्तित्वों के लोग एक-दूसरे के पूरक बन गए.धीरे-धीरे, सौरभ को एहसास हुआ कि वे संगीता के बिना अपनी जिंदगी की कल्पना नहीं कर सकते. आखिरकार, उन्होंने प्रपोज करने का फैसला किया.
संगीता ने क्या कहा?
जब सौरभ शुक्ला ने संगीता को प्रपोज किया, तो वे पहले तो थोड़ा हैरान रह गईं. लेकिन उन्होंने भी सौरभ के साथ बिताए पलों को याद किया और महसूस किया कि वे भी उन्हें पसंद करने लगी हैं.कुछ समय सोचने के बाद, संगीता ने 'हां' कह दिया और दोनों ने अपनी लव स्टोरी को शादी के मुकाम तक पहुंचाने का फैसला किया.
थिएटर से फिल्मों तक का सफर
सौरभ शुक्ला का करियर थिएटर से शुरू हुआ. उन्होंने दिल्ली के मशहूर थिएटर ग्रुप्स में काम किया और अपने अभिनय कौशल को निखारा. उन्होंने 'NSD रेपर्टरी कंपनी' के साथ भी काम किया, जिससे उनके अभिनय में और धार आई.1990 के दशक की शुरुआत में, भारतीय सिनेमा धीरे-धीरे बदलाव की ओर बढ़ रहा था, और उसी दौर में सौरभ को फिल्मों में काम करने का मौका मिला.
शेखर कपूर ने दिया पहला ब्रेक
थिएटर में नाम कमाने के बाद सौरभ (Saurabh Shukla First Film) को पहला मौका 1994 में शेखर कपूर की फिल्म 'बैंडिट क्वीन' (Bandit Queen) में मिला. दिलचस्प बात यह है कि तब वे नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा (NSD) में काम कर रहे थे, जहां उन्हें 4000 रुपए महीने की सैलरी मिलती थी. इसी दौरान एक नाटक में उनकी मुलाकात शेखर कपूर से हुई, जिन्होंने बैंडिट क्वीन में उनके लिए एक किरदार लिखा और उन्हें मुंबई बुला लिया.
फिल्मी करियर की शुरुआत
सौरभ शुक्ला ने 1994 में शेखर कपूर की फिल्म 'बैंडिट क्वीन' से बॉलीवुड में कदम रखा. इस फिल्म में उनका किरदार छोटा था, लेकिन उन्होंने अपनी अदाकारी से दर्शकों का ध्यान खींचा.इसके बाद उन्हें कई फिल्मों में छोटे-मोटे रोल मिले, लेकिन असली पहचान 1998 में राम गोपाल वर्मा की फिल्म 'सत्या' (Film Satya) से मिली. इस फिल्म में उन्होंने के. के. मेनन नामक एक पुलिस ऑफिसर की भूमिका निभाई, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा.उन्होंने इस फिल्म के लिए न सिर्फ शानदार अभिनय किया, बल्कि इसके स्क्रीनप्ले लेखन में भी योगदान दिया. 'सत्या' बॉलीवुड की सबसे आइकॉनिक गैंगस्टर फिल्मों में से एक मानी जाती है, और सौरभ शुक्ला को इस फिल्म के बाद खूब प्रसिद्धि मिली.
गर्लफ्रेंड के लिए थिएटर जॉइन किया
खालसा कॉलेज में पढ़ाई के दौरान वे अक्सर थिएटर के पास से गुजरते थे. एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि थिएटर के बाहर हमेशा खूबसूरत लड़कियां होती थीं, जबकि लड़के ज्यादा आकर्षक नहीं होते थे. यह देखकर उन्हें लगा कि उन्हें भी यहां गर्लफ्रेंड मिल सकती है. इसी सोच के साथ वे 1984 में थिएटर से जुड़ गए. हालांकि, एक्टिंग में पहले से ही दिलचस्पी होने के कारण वे वहीं रह गए और एक्टिंग की बारीकियां सीखने लगे.
करियर की अहम फिल्में
सौरभ शुक्ला (Saurabh Shukla Famous Film) ने अपने करियर में कई यादगार किरदार निभाए हैं. उन्होंने गंभीर भूमिकाओं के साथ-साथ कॉमेडी में भी अपनी छाप छोड़ी है.उनकी कुछ प्रमुख फिल्में इस प्रकार हैं
नायक (2001)
इस फिल्म में उन्होंने एक भ्रष्ट मंत्री की भूमिका निभाई, जिसे अनिल कपूर (शिवाजी राव) एक दिन के मुख्यमंत्री बनने के बाद चुनौती देते हैं. उनकी दमदार अदायगी ने इस किरदार को यादगार बना दिया.
बर्फी (2012)
रणबीर कपूर (Ranbir Kapoor) स्टारर इस फिल्म में उन्होंने एक पुलिस ऑफिसर की भूमिका निभाई, जो कहानी में महत्वपूर्ण मोड़ लाता है.
जॉली एलएलबी (2013)
इस फिल्म में उन्होंने जज त्रिपाठी का किरदार निभाया, जिसने दर्शकों को खूब गुदगुदाया. उनकी शानदार एक्टिंग के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिला.
पीके (2014)
राजकुमार हिरानी (Rajkumar Hirani) की इस सुपरहिट फिल्म में वे एक भ्रष्ट धार्मिक गुरु के रूप में नजर आए. आमिर खान (Aamir Khan) और उनके बीच के संवाद लोगों को खूब पसंद आए.
जॉली एलएलबी 2 (2017)
पहली फिल्म की सफलता के बाद, वे इसके सीक्वल में भी नजर आए और एक बार फिर अपनी बेहतरीन अदाकारी से लोगों का दिल जीत लिया.
रेड (2018)
अजय देवगन स्टारर इस फिल्म में उनका किरदार एक ताकतवर बिजनेसमैन का था, जो भ्रष्टाचार में लिप्त था. उनकी एक्टिंग ने फिल्म में जान डाल दी
Read More
Tamannaah Bhatia और Vijay Verma का हुआ ब्रेकअप! सालों की डेटिंग के बाद लिया अलग होने का फैसला?
Rakul Preet Singh ने वाइन कलर की हॉट ड्रेस में बिखेरा जलवा
Vir Das ने भारतीय अवॉर्ड शोज का उड़ाया मजाक, 'India’s Got Latent' पर कसा तंज
Bigg Boss OTT 4 की वापसी! Salman khan फिर होंगे होस्ट या कोई नया चेहरा लेगा जगह?