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Bollywood Love Story
Bollywood Love Story: पिछले कुछ वर्षों भारत में वेलेनटाइन डे को लेकर हंगामा मचने लगा है. वेलेनटाइन डे को पश्चिमी सभ्यता की नकल कहा जाने लगा है. लेकिन लोगों को पता नहीं होगा कि आज से 73 वर्ष पहले वेलेनटाइन डे यानी कि 14 फरवरी 1952 को मशहूर फिल्म निर्देशक कमाल अमरोही और मशहूर अभिनेत्री meena kumari ने चोरी छिपे प्रेम विवाह रचाया था. उस वक्त मीना कुमारी उम्र में kamal amrohi से 19 साल छोटी थीं. यह अलग बात है कि इसी प्यार ने मीना कुमारी की जिंदगी को जहन्नुम बना दिया था. कहा जाता है कि प्यार के नाम पर शादी करना और फिर प्यार के नाम पर जिंदगी को जहन्नम बना देना, ऐसा सिर्फ वही इंसान कर सकता है, जिसे अपने आगे कुछ दिखाई न दे. इस बात को साबित करते कमाल-मीना के कई ऐसे किस्से हैं, जो दूसरी आम लड़कियों के लिए सबक की तरह हैं. इनके बारे में जितना पढ़ा जाए, उतना समझ आता है कि आखिर टॉक्सिक मैरिड लाइफ होती क्या है? आइए इस पर मीना कमारी से कमाल के संबंधो पर जान लें...
दो दो शादी कर चुके कमाल अमरोही तीसरी पत्नी के रूप में भी ऐसी पत्नी चाहते थे, जो घर में ही रहे और उसकी पहचान उनसे हो. मगर यह बात जगजाहिर थी कि मीना कुमारी इनमें से किसी पर भी उम्मीद पर खरी नहीं उतरती थीं. वह एक नामी अदाकारा थीं, जिन्होंने छोटी सी उम्र में ही इंडस्ट्री में कदम रख दिया था. बावजूद इसके kamal amrohi ने खुद को पहले तो दीवाने की तरह पेश कर उनसे शादी की और फिर उनकी जिंदगी को काबू में करना शुरू कर दिया.
5 साल की मीना से हुई थी पहली बार मुलाकात
kamal amrohi की meena kumari से पहली मुलाकात तब हुई थी, जब वह महज 5 साल की थी. उस वक्त कमाल अमरोही बाल कलाकार की तलाश कर रहे थे. उस समय तो बात नहीं बनी. लेकिन फिर 14 साल बाद अशोक कुमार ने दोनों की मुलाकात 'तमाश' के सेट पर करवाई. दोनों की उम्र में 19 सालों का फासला था और कमाल अमरोही पहले ही दो शादियां कर 3 बच्चों के पिता बन चुके थे. पहली मुलाकात में ही कमाल अमरोही ,मीना कुमारी को अपना दिल दे चुके थे. इस बात से मीना कुमारी अनजान थी. उनके लिए वह महज एक निर्देशक ही थे. पर कमाल को वह मौका जल्द ही मिल गया, जिसकी उन्हे प्रतीक्षा थी. नंदलाल जसवंत लाल के निर्देशन में बन रही फिल्म 'अनारकली' में काम करने के लिए मीना कुमारी ने हामी भरी थी, पर एक सड़क दुर्घटना में वह काफी घायल हो गयी, तो उन्हे पुणे के एक अस्पताल में भर्ती होना पड़ा और फिल्म 'अनारकली' छोड़नी पड़ी थी. उस वक्त कमाल अमरोही ने उनका खूब ख्याल रखा. मीना कुमारी को देखने के लिए कमाल अमरोही सप्ताह के एक दिन मुंबई से पूणे जाते थे. कुछ ही दिनों में लगने लगा कि एक दिन की मुलाकात में दिल की बात नहीं हो पा रही है, तो फिर दोनों ने रोजाना एक दूसरे को खत लिखने का फ़ैसला लिया. मशहूर पत्रकार विनोद मेहता ने इस बारे में लिखा है, '31 साल का एक आदमी काली शेरवानी में एंबैसडर कार से उतरता और खतों के लिफाफे के साथ अस्पताल के एक प्राइवेट कमरे तक जाता था. जहां 18 साल की मीना कुमारी बेड पर मौजूद हैं. दोनों एक दूसरे को लिखे खत देते हैं और थोड़ी ही देर में अमरोही कार से मुंबई के लिए रवाना हो जाते हैं.' यहीं से दोनों के बीच प्यार परवान चढ़ा. तब तक कमाल अमरोही की पहली पत्नी की मौत हो चुकी थी और वह दूसरी शादी कर चुके थे. फिर भी वह मीना कुमारी से शादी करने के लिए उतावले थे.
अस्पताल से भागकर की थी शादी
इधर meena kumari के पिता काफी सख्त थे. वह मीना कुमारी को कहीं भी अकेले जाने की इजाजत नहीं देते थे. पुणे के अस्पताल से आने के बाद मीना कुमारी को वार्डेन रोड स्थित एक अस्पताल में फिजियोथेरेपी के लिए जाना पड़ता था. तो उनके पिता हर दिन उन्हें छोटी बहन मधु के साथ रोज 8 बजे अस्पताल में छोड़ते और 10 बजे लेने आते. मीना जानती थीं कि उनके पिता इस शादी के लिए राजी नहीं होंगे. ऐसे में दोनों ने चोरी-छिपे शादी करने का फैसला किया. 14 फरवरी 1952, वैलेंटाइंस डे पर मीना और बहन मधु को उनके पिता जब अ्रस्पताल में छोड़कर निकल गए. तो पिता के जाते ही कमाल ने दोनों को वहां से अपने साथ लेकर पहुँच गए मौलवी के पास और शादी कर ली. इस शादी के लिए उन्हें सुबह 8 से 10 बजे के बीच महज 2 घंटे का समय ही मिला था. शादी होते ही दोनों पिता के पहुंचने से पहले अस्पताल पहुंच गए. लेकिन मीना कुमारी में हिम्मत नहीं थी कि वह अपनी इस शादी की जानकारी अपने पिता को दे सकें. इसलिए इसे राज बनाते हुए दोनों साथ नहीं रहते थे. बल्कि मीना कुमारी अपने पिता के घर में ही रहती थीं. पर सच कब तक छिपता. एक दिन जब मीना के पिता को शादी का पता चला, तो उन्होंने तलाक का दबाव बनाया, लेकिन दोनों नहीं माने. आखिरकार पिता ने मीना को घर से निकाल दिया. वह कमाल के पास रहने आ गईं.
मीना के लिए जासूसी करता था कमाल का सहायक
meena kumari ने प्यार के आवेग में शादी तो कर ली. शादी के कुछ दिन बाद ही मीना कुमारी को अहसास हो गया कि यह तो उन्होने अपनी जिंदगी को जहन्नुम बना ली. जी हां! अब कमाल अमरोही प्रेमी की बजाय पति बनते ही मीना कुमारी के पिता की ही तरह उनके घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी और कह दिया कि वह अब फिल्मों काम नही करेंगी. पर मीना कुमारी झुकने को तैयार न हुई, तब कमाल अमरोही ने मीना कुमारी को इन शर्तों पर फिल्मों में काम करने की इजाजत दी कि उन्हें शाम साढ़े छह बजे घर लौटना होगा, खुद की कार से आना होगा और उनके मेकअप रूम में कभी कोई आदमी नहीं आएगा. इसके अलावा कमाल का सहायक बकर अली उन पर नजर रखता था. सख्तियों से परेशान मीना को कई लोगों ने 'साहिब बीवी और गुलाम' के सेट पर रोते देखा था.
अहंकारी था कमाल अमरोही का व्यवहार
कमाल अमरोही अहंकारी ऐसे कि मीना कुमारी का पति कहलाए जाने पर गवर्नर के सामने पत्नी से लड़ बैठे थे. एक कार्यक्रम के दौरान जब सोहराब मोदी ने मुंबई के गवर्नर से कमाल और मीना का परिचय करवाया तो वह खूब गुस्सा हुए. दरअसल सोहराब ने कहा था, यह मीना कुमारी हैं और यह उनके पति कमाल. कमाल ने तुरंत टोका और कहा, जी नहीं, मैं कमाल अमरोही हूं और यह मेरी पत्नी मीना. फिर गुस्से में कमाल कार्यक्रम छोड़कर तुरंत निकल गए और मीना को सबके सामने शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा. मीना कुमारी को अपने पैसे भी कमाल से मांगने पड़ते थे शादी के बाद कमाल अमरोही ही मीना की कमाई का हिसाब रखते थे. दोनों का पहला झगड़ा 2 रुपए के लिए हुआ था. जब मीना ने अपनी मालिशवाली औरत के 2 रुपए बढ़ाने को कहा तो कमाल ने यह कहकर इनकार कर दिया कि तुम्हें मालिश की जरूरत नहीं है. दोनों का झगड़ा इतना बढ़ गया कि मालिश वाली को नौकरी से निकाल दिया गया.
अवॉर्ड सेरेमनी में मीना का पर्स छोड़ा, कहा- आज पर्स उठाता, कल चप्पल
1955 की फिल्म 'परिणीता' के लिए मीना कुमारी को बेस्ट एक्ट्रेस का फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला. मीना अवॉर्ड फंक्शन में कमाल के साथ बैठी थीं. जब अवॉर्ड लेने वह स्टेज पर गईं तो पर्स कुर्सी पर ही छूट गया. घर आए तो मीना को पता चला कि पर्स वहीं छूट गया. कुछ समय बाद अभिनेत्री निम्मी, मीना का पर्स लौटाने आईं. जब मीना ने कमाल से पूछा कि क्या आपको पर्स नहीं दिखा? जवाब मिला-दिखा था, लेकिन मैंने उठाया नहीं. आज तुम्हारा पर्स उठाता, कल चप्पल.
हलाला से भी गुजरी मीना कुमारी
किसी व्यक्ति में जब पुरुष होने का इतना अहंकार हो कि उसे पत्नी की ख्याति और सफलता अपनी बेइज्जती लगने लगे, तो उसके साथ किसी भी महिला का रह पाना असंभव है. और अगर फिर भी वह साथ में रहना जारी रखे, तो अंजाम वही होता है, जो मीना कुमारी का हुआ. कहा जाता है कि एक बार गुस्से में कमाल ने मीना को तीन तलाक दे दिया. उन्हें बाद में पछतावा हुआ और वह फिर से निकाह के लिए गुजारिश लेकर पहुंच गए. प्यार में दीवानी मीना भी उनके पास वापस जाना चाहती थीं. लेकिन इसके लिए रीत के मुताबिक अदाकारा को हलाला से गुजरना था. बताया जाता है कि मीना का जीनत अमान के पिता अमान उल्लाह खां के साथ विवाह हुआ. दोनों हमबिस्तर हुए और फिर जब उन्हें वहां से तलाक मिला, तब जाकर वह कमाल अमरोही के साथ पुनः निकाह कर सकीं. यह ऐसा जख्म था जिसे मीना कुमारी ताउम्र नहीं भूल सकीं. उन्होंने तो अपनी तुलना 'वेश्या' तक से कर डाली थी, और इस बात का जिक्र उनकी बायोग्राफी में मिलता है.
सहायक ने उठाया हाथ, मीना के सब्र का टूटा बांध
कमाल अमरोही ने अपने सहायक बकर अली को इतनी छूट दे रखी थी कि एक दिन उसने मीना को सरेआम थप्पड़ मार दिया. कारण था उनके मेकअप रूम में गुलजार का दाखिल होना. जब मीना कुमारी ने रोते हुए कमाल अमरोही को फोन कर बकर अली के कारनामे की शिकायत की, तो कमाल ने सुनना तक पसंद नही किया. आखिरकार मीना कुमारी ने कमाल अमरोही का घर छोड़ दिया. कमाल और मीना ने 1964 में तलाक ले लिया. कमाल अमरोही से अलग होने के बाद मीना कुमारी शराब की आदी हो चुकी थीं. लगातार शराब पीने से मीना कुमारी बीमार रहने लगी थीं. 1968 में मीना कुमारी को लिवर सिरोसिस का पता चला. जून 1968 में ही मीना इलाज के लिए लंदन और स्विट्जरलैंड गईं. एक माह बाद सितंबर में वह रिकवर होकर लौटीं जरूर, लेकिन पूरी तरह ठीक नहीं हुईं. मीना को बताया जा चुका था कि उनके पास ज्यादा दिन नहीं है.
इधर कमाल अमरोही ठान चुके थे कि वह मीना कुमारी के साथ ही फिल्म पाकीजा बनाएंगे. दोनों के बीच अलगाव के चलते 'पाकीजा' की शूटिंग अधूरी थी. एक दिन कमाल अमरोही ने अस्पताल में भर्ती मीना कुमारी को खत लिखा, जिसमें उन्होंने विनती की थी कि मीना फिल्म 'पाकीजा' की शूटिंग पूरी करें. आखिरकार, स्वाभिमानी पति को विनती करते देख मीना ने वादा पूरा करने का फैसला कर लिया. बीमारी के बीच ही 1969 में मीना कुमारी पाकीजा के सेट पर लौट आईं और शूटिंग शुरू कर दी. सेट पर पहुंचकर मीना कुमारी, कमाल अमरोही का हाथ पकड़कर खूब रोई थीं. सालों बाद जब मीना पाकीजा के सेट पर पहुंची थीं तो कमाल ने फूलों का गुलदस्ता देकर उनका स्वागत किया था.
अंततः फिल्म "पाकीजा" 4 फरवरी 1972 को रिलीज हुई. 31 मार्च 1972 को मीना कुमारी का निधन हो गया. मीना कुमारी के निधन से फिल्म 'पाकीजा' को जबरदस्त सफलता मिली, जिसके चलते कमाल अमरोही फायदे में रहे. पूरे 21 वर्ष बाद 11 फरवरी 1993 को जब 75 साल के कमाल अमरोही का इंतकाल हुआ तो उनकी आखिरी ख्वाहिश के मुताबिक उन्हें रहमतबाद के ईरानी कब्रिस्तान में मीना कुमारी की कब्र के बगल वाली कब्र में दफनाया गया था.
Pakeezah (1972) All Songs
Meena Kumari Hit Songs
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