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Dev Anand Death Anniversary: पर्दे के सुपरस्टार और असल जिंदगी के हीरो

देव आनंद, जिन्हें भारतीय सिनेमा के "एवरग्रीन हीरो" के रूप में जाना जाता है, का निधन 3 दिसंबर 2011 को हुआ था। उनकी अदाकारी, शैली, और चार्म ने उन्हें दशकों तक फिल्म इंडस्ट्री का एक चमकता सितारा बनाए रखा।

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Death Anniversary Screen superstars and real life heroes
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Death Anniversary- देव आनंद, जिन्हें भारतीय सिनेमा के "एवरग्रीन हीरो" के रूप में जाना जाता है, का निधन 3 दिसंबर 2011 को हुआ था। उनकी अदाकारी, शैली, और चार्म ने उन्हें दशकों तक फिल्म इंडस्ट्री का एक चमकता सितारा बनाए रखा। उनका असली नाम धर्मदेव पिशोरीमल आनंद था और उनका जन्म 26 सितंबर 1923 को पंजाब (अब पाकिस्तान) में हुआ था।

देव आनंद ने 1946 में फिल्म 'हम एक हैं' से अपने करियर की शुरुआत की, लेकिन उन्हें पहचान मिली 1948 की फिल्म 'जिद्दी' से। उन्होंने 100 से अधिक फिल्मों में काम किया, जिनमें से 'गाइड,' 'ज्वेल थीफ,' 'हरे राम हरे कृष्णा,' और 'सीआईडी' जैसी फिल्में आज भी मील का पत्थर मानी जाती हैं।

उनकी अभिनय शैली, संवाद अदायगी, और उनकी रोमांटिक छवि ने उन्हें एक अलग पहचान दी। उन्होंने अपनी खुद की प्रोडक्शन कंपनी, 'नवकेतन फिल्म्स,' शुरू की, जो कई हिट फिल्मों के लिए जानी जाती है।

देव आनंद ने भारतीय सिनेमा को नए आयाम दिए और हमेशा युवा सोच के प्रतीक बने रहे। उनके निधन के बाद, भारतीय फिल्म इंडस्ट्री ने एक युग का अंत महसूस किया। आज भी, उनकी फिल्मों और व्यक्तित्व के जरिए वे हमारे दिलों में जिंदा हैं।

50 और 60 के दशक में हिंदी फिल्मों के सुपर स्टार रहे देव आनंद अपने समकालीन एक्टरों से हमेशा अलग थे। बॉलीवुड में कई हीरो आए लेकिन देव साहब को जो टक्कर दे सके, ऐसे हीरो कम ही थे। देव आनंद को हिंदी सिनेमा का लेजेंड कहा जाता है। देवानंद ने अपनी फिल्मों के जरिए बॉलीवुड इंडस्ट्री को एक अलग मुकाम पर पहुंचाया। फिल्मों के अलावा देवानंद अपनी पर्सनल लाइफ की वजह से भी हमेशा सुर्खियों में रहे। तो आइए आज देव आनंद साहब की पुण्यतिथि के मौके पर हम आपको बताते हैं उनके जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें....

- हिंदी सिनेमा के मोस्ट चार्मिंग एक्टर देव आनंद अपने रुमानी अंदाज के लिए जाने जाते थे। वो ना जाने कितने ही लड़कियों के ड्रीम ब्यॉय थे मगर देव साहब का दिल भी पहले प्यार के लिए हमेशा धड़कता रहा। वो पहला प्यार ही था जिसके लिए उन्होंने आंसू भी बहाए और अपनी जान लेने का भी फैसला कर लिया।

- धर्मदेव आनंद यानी देव आनंद का जन्म 26 सितंबर 1923 को पंजाब में हुआ था। बीए की डिग्री लेने के बाद देव आनंद लाहौर से बंबई आ गए थे। यहां उन्होंने 165 रुपए में अपनी पहली जॉब ज्वॉइन कर ली थी। मगर किस्मत का पासा कुछ यूं पलटा की देव साहब को अशोक कुमार ने उनकी पहली फिल्म ‘हम एक हैं में’ काम दिया। बस ये फिल्मी सफर यहीं से शुरू हुआ। दूसरी फिल्म ‘जिद्दी’ से देव आनंद ने लोगों का दिल जीत लिया।

Death Anniversary Screen superstars and real life heroes

- देव आनंद के प्यार की शुरूआत हुई 1948 में आई फिल्म ‘विद्या’ से। ‘विद्या’ फिल्म में देव आनंद के ऑपोजिट थी सुरैय्या। जिन्हें देव आनंद काफी पसंद करने लगे थे। बॉलीवुड की खूबसूरत अदाकारा और गायिका सुरैय्या भी उन्हें पसंद करने लगी थी। अपने ऑटोबायोग्राफी में देव आनंद ने बताया है कि ऐसा एक भी दिन नहीं है था जब देव साहब सुरैय्या से मिलते ना हो या दोनों की बात ना होती हो।

- मगर सुरैय्या की नानी को ये रिश्ता पसंद नहीं था इसलिए वो लोग कभी एक नहीं हो पाए। इस फैसले के बाद देव आनंद इतना टूट गए कि उन्होंने सुसाइड तक करने की ठान ली थी। मगर उनके भाई ने देव आनंद को सम्भाल लिया। लेकिन सुरैय्या भी उन्हें बेइंतेहा मोहब्बत करती थीं, जिसकी वजह से उन्होंने कभी शादी नहीं की।

- सुरैय्या से रिश्ता खत्म होने के कुछ साल बाद देव आनंद ने भी खुद को संभाल लिया था। ये वही समय था जब देव आनंद अभिनेत्री कल्पना से मिले। अपने ही प्रोडक्शन नवकेतन की फिल्म ‘बाजी’ में काम कर रहे देव आनंद अपना दिल कल्पना को दे बैठे।

घूमना-फिरना हो या मौज मस्ती दोनों में ही कल्पना और देव साहब की दोस्ती बढ़ने लगी। अपनी बायोग्राफी में देव साहब कहते हैं कि कल्पना उनकी जिंदगी का अहम हिस्सा बन गई थी।

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- वो देव आनंद ही थे जिन्हें न्यू कमर्स को मौका देने के लिए जाना जाता था और वो जीनत अमान ही थी जिन पर अपना दिल हार बैठे थे देव आनंद। टहरे रामा हरे कृष्णाट फिल्म में देव आनंद की बहन का किरदार निभाते हुए जीनत अमान से देव साहब को प्यार हो गया।

- जीनत को प्रपोज करने के लिए उन्होंने होटल ताज में एक पार्टी भी रखी थी मगर इसी पार्टी में राज कपूर और जीनत एक-दूसरे के बेहद करीब दिखाई दिए थे। इस इंसीडेट के बाद भी देव साहब का दिल टूट गया।

- देव आनंद पर्दे पर अपने अभिनय को लेक‍र जितना लोकप्रि‍य थे उससे कहीं ज्‍यादा यह अपनी निजी ज़िंदगी की वजह से भी सुर्खियों में रहे। बड़ी संख्‍या में इनकी फैन फॉलोइंग भी थी। खास बात तो यह है कि‍ उस दौर में यह जो पहनते थे वो फैशन बन जाता था। वहीं लड़कियां इनकी एक-एक अदा पर मर मिटने को तैयार रहती थीं।

देव आनंद अपने काले कोट की वजह से बहुत सुर्खियों में रहे। कहते हैं कि काले कोट और सफेद शर्ट का फैशन इन्‍होंने ही लोक‍प्रिय बनाया था। जब यह काले कपड़ों में दिखते थे तो लड़कियां इस कदर इन पर फिदा होती थी कि कुछ भी कर गुजरती थीं। कई लड़कियों ने तो इनके इस स्‍टाइल पर सुसाइड तक की कोशिश कर डाली थी। ऐसे में इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट ने देव आनंद के काले कोट पहनने पर बैन लगा दिया था।

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फिल्मफेयर पुरस्‍कार के अलावा एक्‍टर देव आनंद को 2001 में भारतीय सिनेमा के योगदान के लिए पद्म भूषण सम्‍मान दिया गया था। वहीं इन्‍हें 2002 में दादासाहेब फाल्के पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। देव आनंद ने हार्ट अटैक की वजह से 3 दिसंबर 2011 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।

देव आनंद की डेथ की तस्वीरें :-

ANAND

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"देव आनंद भारतीय सिनेमा के वो सितारे थे, जो कभी डूबे नहीं।"

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