Advertisment

Death Anniversary Gulshan Kumar को बचपन से ही था संगीत का शौक, कामयाबी बनी हत्या की वजह

5 मई का दिन बेहद खास है. ये वो दिन था जब संगीत की दुनिया का सरताज इस दुनिया में आया था. गुलशन कुमार ने संगीत की दुनिया में जितना नाम कमाया शायद आज भी किसी के नसीब में न हो. इसी शोहरत की बदौलत ही उन्हें 'कैसेट किंग' कहा जाता था...

New Update
gh
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

Gulshan Kumar Death Anniversary : जूस की दुकान में काम करने से लेकर टी- सीरीज़ के मालिक बनने और अंडरवर्ल्ड से मिली धमकी.. कुछ ऐसी है 'कैसेट किंग' गुलशन कुमार की कहानी (From working in a juice shop to becoming the owner of T-Series and receiving threats from the underworld... such is the story of 'Cassette King' Gulshan Kumar)

5 मई का दिन बेहद खास है. ये वो दिन था जब संगीत की दुनिया का सरताज इस दुनिया में आया था. गुलशन कुमार ने संगीत की दुनिया में जितना नाम कमाया शायद आज भी किसी के नसीब में न हो. इसी शोहरत की बदौलत ही उन्हें 'कैसेट किंग' कहा जाता था. गुलशन कुमार शुरुआती समय में अपने पिता के साथ जूस की दुकान चलाते थे. इसके बाद ये काम छोड़ उन्होंने दिल्ली में ही कैसेट्स की दुकान खोली जहां वो सस्ते में गानों की कैसेट्स बेचते थे. 'कैसेट किंग' गुलशन कुमार अगर जिंदा होते तो अपना जन्मदिन मना रहे होते लेकिन कुछ लोगों को उनकी सफलता रास नहीं आई और मंदिर के सामने उन पर 16 गोलियां चलाकर उन्हे मौत के घाट उतार दिया गया. गुलशन कुमार की सफलता की कहानी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है.

'कैसेट किंग' करते थे जूस की दुकान में काम (Gulshan Kumar used to work in a juice shop)

एक समय में सबसे ज्यादा टैक्स देने वाले गुलशन कुमार बचपन में अपने पिता के साथ जूस की दुकान पर हाथ बंटाते थे. लेकिन इसके बाद ये काम छोड़ उन्होंने दिल्ली में ही कैसेट्स की दुकान खोली. यहीं से गुलशन का बिजनेस में इंट्रेस्ट हो गया और इस कमाई से उन्होंने कई अच्छे काम किए. गुलशन कुमार ने अपने धन का एक हिस्सा समाज सेवा के लिए दान करके एक मिसाल कायम की. उन्होंने वैष्णो देवी में एक भंडारे की स्थापना की जो आज भी तीर्थयात्रियों के लिए नि: शुल्क भोजन उपलब्ध कराता है.

टी-सीरीज़ कंपनी की शुरुआत (When Gulshan Kumar started the T-Series company)

80 के दशक में 'कैसेट किंग' गुलशन कुमार ने टी-सीरीज़ नाम की एक म्यूजिक कंपनी की नींव रखी. जो आगे चलकर देश की सबसे बड़ी म्यूजिक कंपनी बनी. इसके पीछे गुलशन कुमार की ही मेहनत थी. कहा जाता है उस दौर में जब एक कैसेट 25 से 30 रुपये में बिकता था, तब  गुलशन कुमार अपने कैसेट को 15 से 17 रुपये में बेचते थे. गुलशन कुमार पूरी शिद्दत से म्यूजिक इंडस्ट्री के किंग बनना चाहते थे और किस्मत उनकी मदद कर रही थी. महज 10 साल में ही गुलशन कुमार ने टी सीरीज़ के बिजनेस को 350 मिलियन तक पहुंचाया था. उन्होंने कई सदाबहार गायकों जैसे सोनू निगम, अनुराधा पौंडवाल और कुमार सानू को लॉन्च किया.

जब अंडरवर्ल्ड से मिली धमकी (When Gulshan Kumar got threats from the underworld)

क्या आप जानते हैं साल 1992 में 'कैसेट किंग'  गुलशन कुमार भारत के सबसे ज्यादा टैक्स देने वाले शख्स थे. इसी वजह से अंडरवर्ल्ड डॉन अबु सलेम ने गुलशन कुमार से हर महीने 5 लाख रुपए देने के लिए कहा. गुलशन कुमार ने उनकी बात मानने से इनकार करते हुए कहा था कि इतने रुपए देकर वो वैष्णो देवी में भंडारा कराएंगे. उन दिनों D कंपनी का आतंक इंडस्ट्री में बढ़ रहा था.  

12 अगस्त, 1997 को की गई हत्या (Gulshan Kumar was murdered on August 12, 1997)

12 अगस्त, 1997 का दिन हिंदी म्यूजिक इंडस्ट्री के लिए काला दिन कहा जाता है. इसी दिन सुबह के करीब साढे आठ बजे गुलशन कुमार पूजा करने मंदिर गए हुए थे जहां गोली मारकर उनकी हत्या कर दी गई थी. अंधेरी के जीतेश्वर महादेव मंदिर के सामने गुलशन कुमार को एक के बाद एक 16 गोलियां मार दी गईं. मौके पर ही उनकी मृत्यु हो गई. इंडिया टुडे की एक स्टोरी के मुताबिक उस दिन 42 साल के गुलशन कुमार हाथ में पूजा की सामग्री लिए, माला जपते हुए मंदिर की ओर से आ रहे थे. मंदिर गुलशन कुमार के घर से करीब एक किलोमीटर से भी कम की दूरी पर था. गुलशन कुमार मंदिर में पूजा करके बाहर निकल रहे थे तभी उन्हें अपनी पीठ पर बंदूक की नाल महसूस हुई. उन्होंने सामने एक शख्स को हाथ में बंदूक लिए देखा. 

जैसे ही गुलशन कुमार कुछ कह पाते. बंदूक से उन पर 16 बार फायरिंग कर दी गई. उनकी गर्दन और पीठ में 16 गोलियां लगी थीं. गुलशन कुमार के ड्राइवर अपने मालिक को बचाने के लिए हत्यारों पर कलश फेंकते रहे लेकिन हत्यारें नहीं रुके. उन्होंने ड्राइवर के पैर पर भी गोली चलाई, जिससे वो वहीं जख्मी हो गया. देखते ही देखते उनकी जान चली गई. उस वक्त गुलशन कुमार की मौत ने पूरे देश को हिला दिया था. जानकारी के मुताबिक अबु सलेम ने 'कैसेट किंग' गुलशन कुमार को मारने की जिम्मेदारी दाऊद मर्चेंट और विनोद जगताप नाम के शार्प शूटरों को दी थी. 9 जनवरी 2001 को विनोद जगताप ने कुबूल किया कि उसने ही गुलशन कुमार को गोली मारी. साल 2002 को विनोद जगताप को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई. विनोद जगताप अभी भी जेल में ही है, लेकिन दाऊद मर्चेंट 2009 में परोल पर रिहाई के दौरान फरार हो गया और बांग्लादेश भाग गया था. 

Gulshan Kumar Songs

Gulshan Kumar Movies

gulshan kumar movies

FAQ about Gulshan Kumar 

गुलशन कुमार की मृत्यु का कारण? (gulshan kumar death cause)

उन्हें 16 गोलियाँ मारी गईं। हत्या के दिन, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उपलब्ध कराया गया उनका अंगरक्षक बीमार था।

गुलशन कुमार की हत्या किसने की? (who killed gulshan kumar)

टी-सीरीज़ के संस्थापक गुलशन कुमार की 12 अगस्त, 1997 को मुंबई में हत्या कर दी गई थी। इस हत्या के लिए मुख्य रूप से दोषी अब्दुल रऊफ दाऊद मर्चेंट था, जो डी-कंपनी अंडरवर्ल्ड सिंडिकेट का सदस्य था। मुंबई पुलिस ने संगीतकार नदीम सैफी पर भी व्यक्तिगत विवाद के चलते हत्या की सुपारी देने का आरोप लगाया था।

गुलशन कुमार की हत्या के पीछे क्या कारण है? (What is the reason behind killing Gulshan Kumar)

पुलिस ने आरोप लगाया कि सैफी ने कुमार की हत्या के लिए दाऊद इब्राहिम के ज्ञात सहयोगी अबू सलेम को पैसे दिए थे और रऊफ को यह काम सौंपा था, लेकिन संयोग से इब्राहिम और अबू सलेम पहले से ही कुमार की हत्या की योजना बना रहे थे, क्योंकि उन्होंने जबरन वसूली के प्रयास के तहत डी-कंपनी को संरक्षण राशि देने से इनकार कर दिया था।

टी-सीरीज़ के मालिक गुलशन कुमार की कुल संपत्ति कितनी है? (What is the net worth of T-Series owner Gulshan Kumar)

हुरुन इंडिया रिच लिस्ट के अनुसार, कुमार परिवार की कुल संपत्ति 10,000 करोड़ रुपये आंकी गई है।

गुलशन कुमार का पहला गाना? (gulshan kumar first song)

गुलशन कुमार ने संगीत निर्माण में अपना पहला कदम फ़िल्म "लाल दुपट्टा मलमल का" (1989) से रखा था। हालाँकि उन्हें टी-सीरीज़ की स्थापना और एक संगीत निर्माता के रूप में उनकी भूमिका के लिए व्यापक रूप से जाना जाता है, लेकिन उन्होंने खुद गाने नहीं गाए। इसके बजाय, उन्हें अपने लेबल के माध्यम से कई गायकों और संगीतकारों को पेश करने और उन्हें बढ़ावा देने का श्रेय दिया जाता है। उनका प्रारंभिक ध्यान लोकप्रिय गीतों के किफ़ायती कैसेट बनाने पर था और बाद में उन्होंने फ़िल्म निर्माण में भी कदम रखा।

Read More

Raveena Tandon On Stray Dogs: दिल्ली-एनसीआर में स्ट्रे डॉग्स को शेल्टर्स में भेजने पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, रवीना टंडन ने दी अपनी राय

Kapil Sharma pokes fun at Udit Narayan's KISS controversy: कपिल शर्मा ने उड़ाया उदित नारायण की किस कंट्रोवर्सी पर मजाक, वीडियो वायरल

Farah Khan Dilip YouTube earnings: फराह खान के व्लॉग से दिलीप की बढ़ी कमाई? कुक की सैलरी और रॉयल्टी पर खुद फराह ने तोड़ी चुप्पी

Ashish Chanchlani on India’s Got Latent row:आशीष ने बताया पुलिस पूछताछ के दिन का एक्सपीरियंस, कहा "Samay-Apoorva गायब थे, पुलिस सबसे पहले.."

Tags : Gulshan Kumar and T-Series | Gulshan Kumar Film | Bhushan kumar | bhushan kumar controversy | bhushan kumar latest news | bhushan kumar news

Advertisment
Latest Stories