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कॉमेडी के बादशाह Rajendra Nath को उनके जन्मदिन पर याद करें

आज हम प्रतिष्ठित भारतीय अभिनेता और हास्य अभिनेता राजेंद्र नाथ को याद करते हैं, जो 13 फरवरी, 2008 को हमें हंसी का खजाना देकर चले गए। 1931 में जन्मे नाथ का करियर चार दशकों से अधिक समय तक चला...

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आज हम प्रतिष्ठित भारतीय अभिनेता और हास्य अभिनेता राजेंद्र नाथ को याद करते हैं, जो 13 फरवरी, 2008 को हमें हंसी का खजाना देकर चले गए। 1931 में जन्मे नाथ का करियर चार दशकों से अधिक समय तक चला, जिसमें उन्होंने अपनी अनूठी हास्य शैली से लोगों का दिल जीता, जिसमें बुद्धि, आकर्षण और त्रुटिहीन समय का मिश्रण था।

 

नाथ की यात्रा मंच से शुरू हुई, जहाँ उनकी प्रतिभा को नकारा नहीं जा सकता था। जल्द ही, बॉलीवुड ने उन्हें आकर्षित किया, और उन्होंने 1959 में "दिल देके देखो" से अपनी शुरुआत की। हालाँकि शुरुआती भूमिकाएँ छोटी थीं, लेकिन उनकी हास्य प्रतिभा ने उन्हें नासिर हुसैन जैसे दिग्गज निर्देशकों का ध्यान आकर्षित किया।

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1960 और 70 का दशक नाथ के लिए स्वर्णिम वर्ष रहा

राजेंद्र नाथ सिर्फ़ एक हास्य अभिनेता नहीं थे; उनमें हास्य के साथ गर्मजोशी और संवेदनशीलता को भी शामिल करने की अद्भुत क्षमता थी। टेलीविजन धारावाहिक "हम पांच" में हमेशा आशावादी "पोपट लाल" की भूमिका ने उन्हें घर-घर में मशहूर कर दिया और दर्शकों की कई पीढ़ियों तक उनका नाम बना रहा।

कॉमेडी के अलावा राजेंद्र नाथ ने बहुमुखी प्रतिभा का परिचय दिया और नाटकीय भूमिकाएँ भी उतनी ही दृढ़ता से निभाईं। मनोज कुमार की "पूरब और पश्चिम" में उनका अभिनय उनकी विविधता का प्रमाण था।

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वह सिर्फ़ एक मनोरंजनकर्ता ही नहीं थे; राजेंद्र नाथ संस्कृतियों के बीच एक सेतु थे, उन्होंने नेपाल की पहली फ़िल्म "मैतीघर" में योगदान दिया। उनके काम ने सीमाओं को पार किया, और एक ऐसी विरासत छोड़ी जो दुनिया भर के दर्शकों के बीच गूंजती रही।

स्क्रीन से परे

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राजेंद्र नाथ की विरासत हंसी से कहीं आगे तक फैली हुई है। वे अपनी विनम्रता, उदारता और अपने काम के प्रति समर्पण के लिए जाने जाते थे। उन्होंने अनगिनत महत्वाकांक्षी हास्य कलाकारों और अभिनेताओं को प्रेरित किया और अपने पीछे अविस्मरणीय प्रदर्शनों का खजाना छोड़ गए।

विरासत

आज, जब हम उनकी पुण्यतिथि मना रहे हैं, हम राजेंद्र नाथ के जीवन और करियर का जश्न मना रहे हैं। उनकी फ़िल्में हमें खुशी और हँसी देती हैं, जो हमें उनकी सदाबहार प्रतिभा की याद दिलाती हैं। वे सिर्फ़ एक हास्य अभिनेता नहीं थे; वे एक कलाकार थे जिन्होंने अपनी गर्मजोशी और हास्य से दिलों को छू लिया। उनकी विरासत आज भी ज़िंदा है, जो महत्वाकांक्षी अभिनेताओं को प्रेरित करती है और हमें एकजुट करने और उत्थान करने की हँसी की शक्ति की याद दिलाती है।

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