देवानंद और साधना की वह शानदार फिल्म जो सिनेमाघरों तक नहीं पहुंच पाई...

देवानंद, साधना और जाहिदा को लेकर एक रंगीन फिल्म बनाई जा रही थी – साजन की गलियां. लेकिन यह फिल्म रिलीज नहीं हो सकी. वरिष्ठ फिल्म लेखक विनोद कुमार इस फिल्म के बारे में बता रहे हैं...

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That great film of Dev Anand and Sadhana which could not reach the theatres
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देवानंद, साधना और जाहिदा को लेकर एक रंगीन फिल्म बनाई जा रही थी – साजन की गलियां. लेकिन यह फिल्म रिलीज नहीं हो सकी. वरिष्ठ फिल्म लेखक विनोद कुमार इस फिल्म के बारे में बता रहे हैं कि अगर यह फिल्म रिलीज हो जाती तो देवानंद की पहली रंगीन फिल्म गाइड नहीं बल्कि साजन की गलियां फिल्म होती.

That great film of Dev Anand and Sadhana which could not reach the theatres

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साल 1966 में 'साजन की गलियां' रिलीज होने वाली थी लेकिन यह फिल्म डिब्बे में ही रह गई. इस फ़िल्म को बॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर राज खोसला निर्देशित कर रहे थे. गौरतलब है कि साधना ने राज खोसला की कई फिल्मों में काम किया था जैसे एक मुसाफिर एक हसीना, वो कौन थी, मेरा साया और अनीता.

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फ़िल्म के प्रोड्यूसर थे उस जमाने के फेमस सिनेमेटोग्राफर फली मिस्त्री. इन्होंने नवकेतन बैनर की 'गाइड', 'हरे राम हरे कृष्णा', 'प्रेम पुजारी', 'हीरा पन्ना' जैसी फिल्मों का छायांकन किया था.

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वह दौर था जब साधना की खूबसूरती, अदायगी और हेयर स्टाइल ने लोगों को दीवाना बना रखा था. सदाबहार अभिनेता देवानंद का तो कहना ही क्या वह तो बॉलीवुड के वैसे एवरग्रीन एक्टर थे जिन पर लड़कियां जान छिड़कती थी. अपने दिलफेंक अंदाज़, ज़िंदादिली और कातिलाना मुस्कान से वो लोगों का दिल जीत लेते थे. कई एक्टरों ने उनकी कॉपी करने की कोशिश की मगर सफ़ल नहीं हो पाए.

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साधना की हेयर स्टाइल और ड्रेसिंग सेंस उस जमाने की महिलाओं को इतना पसंद था कि महिलाओं के बीच में तो उस दौर में साधना स्टाइल हेयर कट कराने का ट्रेंड चल पड़ा था. बॉलीवुड के इन दोनों ने एक साथ केवल दो फ़िल्मों में काम किया है. ये फिल्में हैं 'हम दोनों' और 'असली नक़ली' हैं. अगर साजन की गलियां रिलीज हो गई होती तो साधना और देवानंद को एक बार फिर सिनेमा के पर्दे पर देख पाते. यह फिल्म बनी तो बहुत शानदार तरीके से लेकिन अफसोस कि वह फ़िल्म कभी रिलीज़ नहीं हो सकी.

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इस फ़िल्म की शूटिंग शुरू हो गई थी. इस फिल्म के दो गाने आज भी इंटरनेट पर मौजूद हैं. एक गाना है – 'हमने जिनके ख़्वाब सजाए'. यह एक रोमांटिक गाना है जिसे मोहम्मद रफ़ी ने गाया था.

इसी फिल्म में एक मोहम्मद रफी के अलावा सुमन कल्याणपुर और गीता दत्त का गाया एक गीत था. इन दोनों ही गानों का संगीत दिया था उस दौर की सबसे सफल संगीतकार जोड़ी शंकर-जयकिशन ने.

यह फिल्म रिलीज क्यों नहीं हो सकी इसके बारे में कुछ पता नहीं चल पाया है लेकिन अगर फ़िल्म रिलीज़ होती तो देवानंद साहब की पहली कलर फ़िल्म 'गाइड' नहीं, बल्कि 'साजन की गलियां' होती. देवानंद इस फ़िल्म से ही मशहूर अदाकारा नरगिस की भतीजी ज़ाहिदा हुसैन को बॉलीवुड में लांच करने वाले थे. बाद में उन्होंने प्रेम पुजारी फिल्म में लांच किया. इस फ़िल्म के बाद साधना और देवानंद ने एक साथ कभी काम नहीं किया और दर्शक तीसरी बार उन्हें पर्दे पर देखने से महरूम रह गए थे.

साजन की गलियां फ़िल्म तो रिलीज नहीं हो सकी मगर इसके गाने और कुछ सीन एक फ़िल्म में ज़रूर दिखाए गए थे. यह फ़िल्म है 'फ़िल्म ही फ़िल्म', जो 1983 में रिलीज़ हुई थी. इसमें प्राण साहब ने लीड रोल निभाया था. इस फिल्म में प्राण साहब बॉलीवुड में अपनी किस्मत आजमाने के लिए आने वालों को ट्रेनिंग देते नजर आते है और इस दौरान उन्होंने साजन की गलियां फिल्म के अनेक दृश्यों को दिखाते हुए समझाते हैं.

लेखक के बारे में:

विनोद कुमार मशहूर फिल्म लेखक और पत्रकार हैं जिन्होंने सिनेमा जगत की कई हस्तियों पर कई पुस्तकें लिखी हैं. इन पुस्तकों में "मेरी आवाज सुनो", "सिनेमा के 150 सितारे", "रफी की दुनिया" के अलावा देवानंद, दिलीप कुमार और राज कपूर की जीवनी आदि शामिल हैं.

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