- अली पीटर जाॅन
दो हफ्ते हो गए लता जी गए (कौन कहता है कि लता जी गईं? लता जी तो अमर है, अनंत है) और कुछ लोग मुझे पूछते हैं क्या ये कथा लता की कभी खत्म होगी की नहीं...
उस लता की कहानी कैसे कोई भूल सकता है जिनके बारे में महान गायक बड़े गुलाम अली खान, जिसे लता अपना गुरु मानती थी, कहा कि ‘‘कमबख्त कभी बेसुरी होती ही नहीं‘‘ और फिर उन्हीं बड़े गुलाम अली खान ने एक बार अपनी गाड़ी मुंबई के कैनेडी ब्रिज पर ड्राइवर से कहकर गाड़ी रुकवाई जब उन्होंने दूर एक इमारत पर लता जी की आवाज सुनी और कहा, ‘‘अल्लाह की सही इबादत हो रही है, गाड़ी आगे नहीं जा सकती‘‘।
उस लता की कहानी कैसे कोई भूल सकता है जिनके लिए नौशाद ने कहा था, ‘‘अल्लाह ने अपने सारे प्यार से एक ही लता बनाई और अब वो कभी दूसरी लता नहीं बना सकेंगे‘‘।
उस लता की कहानी कैसे कोई भूल सकते हंै जिनके बारे में मो. रफी ने लता की बहन मीना से रिकॉर्डिंग के दौरान खुशी के आंसू बहाते हुए कहा था, ‘‘वो देखो अंदर खुदा की देन गा रही है‘‘।
और उस लता की कहानी कैसे कोई भूल सकता है जिनके लिए किशोर कुमार ने कहा था, ‘‘लता को खुदा ने इसलिए बनाया की कोई नास्तिक भी उनके होने का यकीन करे‘’।
अभी तो सिर्फ दो हफ्ते गुजरे हैं, लता को तो आने वाले दो हजार साल तक कोई भूल नहीं पाएगा क्योंकि खुदा को भी कोई भूल नहीं पाएगा।