हर एहसास रो रहा है और उनको समझाने वाला कोई नही...
- अली पीटर जाॅन आज एक महीना होने को आया, और कभी कभी वक्त कितने बेरहमी से दौड़ता है। हां आज एक महीना हो गया लता जी को गए और ऐसा लग रहा है जैसे ना ये जग, ना ये जमाना, ना कायनात, ना कुदरत और ना खुदा कभी वो ही रहेंगे जो वो लता युग में थे। एक बार फिर खुदा की