हर एहसास रो रहा है और उनको समझाने वाला कोई नही... By Mayapuri Desk 06 Mar 2022 in अली पीटर जॉन New Update Follow Us शेयर - अली पीटर जाॅन आज एक महीना होने को आया, और कभी कभी वक्त कितने बेरहमी से दौड़ता है। हां आज एक महीना हो गया लता जी को गए और ऐसा लग रहा है जैसे ना ये जग, ना ये जमाना, ना कायनात, ना कुदरत और ना खुदा कभी वो ही रहेंगे जो वो लता युग में थे। एक बार फिर खुदा की स्तुति और गुण वैसे कौन गाएगा जैसे स्वर कोकिला लता जी गाती थीं। आजकल किसकी गायकी पर इतना नाज होगा, परियाँ इतनी खुश होंगी की लता जी उनके साथ हैं और उनके साथ गा रहीं हैं। आजकल मां के गुण कौन गाएगा जैसे लता जी गाती थीं? आजकल भाई के गुण बहन कैसे गाएगी जब बहन के पास लता जी के गाये हुए गीत नहीं होंगे। आजकल हर धर्म के लोग क्या गाएंगे, क्या आरती उतारेंगे, क्या पूजा करेंगे क्योंकि ऊपर वाले को सालों से लता जी की आवाज सुनने की आदत हो गई आजकल हवाएं, नदिया, पहाड़, पत्ते, सागर और हर वो जिंदा प्राणी ये पूछ रहा है की लता कहां है, लता कहां है। वो सब और भी आवाजें सुन रहे हैं, लता जी की भी कुछ आवाजे हवाओं में और फिजाओं में है, लेकिन वो ये सब सोचकर हैरान है की लता जी फिर कभी नहीं गाएंगी। जाना तो सबको है, लता जी भी लगती थी कि वो अमर है, लेकिन लता जी भी चली गई, लेकिन जीना भी होगा और जीना थोड़ा सा आसान होगा अगर हम लता जी को याद रखें और उनके गीतों को हम गा तो नही सकते लेकिन गुनगुनाने की हिम्मत तो कर सकते हैं। जय हो लता जी, मैं लता ही अमर हो नहीं कहूंगा क्योंकि आप जब यहां थी तो भी अमर थीं और अब जहां गईं हैं वहा भी अमर हैं। #lata ji हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article