50 और 60 के दशक में अपनी खूससूरती और अपने बेहतरीन अभिनय से लोगों के दिलों पर राज करने वाली अभिनेत्री माला सिन्हा ने हिंदी सिनेमा को कई ङिट फिल्में दीं। आज के 11 नवंबर को माला सिन्हा अपना जन्मदिन सेलिब्रेट करती हैं। माला सिन्हा का जन्म नेपाल में हुआ था। करियर के शुरुआती दिनों में बॉलीवुड के एक प्रोड्यूसर ने उनकी बहुत बेइज्जती कर दी थी।
इतना ही नहीं, प्रोड्यूसर ने उन्हें अपना चेहरा शीशे में देखने को कहा और काम देने से इनकार कर दिया। प्रोड्यूसर ने उनसे कहा था कि ऐसी भद्दी नाक लेकर तुम हिरोइन बनने का सपना देखती हो। आगे चलकर इसी लड़की ने एक बेहतरीन अभिनेत्री के तौर पर अपनी एक खास पहचान बनाई। माला सिन्हा के पिता अल्बर्ट सिन्हा बंगाल के थे। इसी वजह से लोग उन्हें नेपाली-भारतीय बाला कहते थे।
माला सिन्हा की मां नेपाल की रहने वाली थीं। माला के स्कूल का नाम आल्डा था, जो सुनने में थोड़ा अजीब था और शायद इसी वजह से माला के स्कूल के दोस्त उन्हें डालडा कहकर पुकारते थे। माला के माता-पिता उन्हें माला कहकर पुकारते थे। वहीं, कुछ दोस्त उन्हें डालडा सिन्हा तो कुछ उन्हें बेबी सिन्हा भी कहकर पुकारते थे। माला को अपने ये दोनों ही नाम पसंद नहीं थे। इसलिए उन्होंने खुद अपना नाम बदलकर माला सिन्हा रख लिया।
पहली बार माला सिन्हा एक बंगाली फिल्म के लिए मुंबई आईं थी। यहां पर उनकी मुलाकात अपने जमाने कि मशहूर एक्ट्रेस गीता बाली से हुई। उन्होंने ही माला की मुलाकात डायरेक्टर केदार शर्मा से करवाई। बस फिर क्या था, केदार शर्मा को माला तुरंत पसंद आ गईं और उन्होंने अपनी फिल्म ‘रंगीन रातों’ में माला को बतौर एक्ट्रेस काम दे दिया।
ऐसा कहा जाता है कि माला सिन्हा को बॉलीवुड में खास पहचान दिलाने वाले केदार शर्मा ही थे। माला फिल्मों से पहले रेडियो के लिए गाने भी गाती थीं। बता दें कि 1957 में आई फिल्म प्यासा की स्क्रिप्ट पहले मधुबाला के लिए लिखी गई थी। लेकिन किसी वजह से मधुबाला इस फिल्म को नहीं कर पाईं और ये फिल्म माला सिन्हा की झोली में आ गई।
इस फिल्म के बाद तो जैसे माला की किस्मत ही बदल गई। वहीं, दूसरे तरफ माला सिन्हा के बारे में ये भी कहा जाता है कि उन्होंने जीनत अमान और परवीन बॉबी पर एक बार ऐसा कमेंट कर दिया था, जिससे ये दोनों एक्ट्रेस माला से काफी नाराज़ हो गईं थी। माला ने दोनों एक्ट्रेसेस के बारे में कहा था कि ये दोनों एक्ट्रेस कम और मॉडल ज्यादा लगती हैं, और ऐक्ट्रेसेस के पास दिखाने के लिए सिर्फ शरीर होता है।
माला सिन्हा की खासियत थी कि वो इतनी मशहूर एक्ट्रेस बनने के बाद भी अपने घर में एक सामान्य लड़की की तर ही रहती थीं। माला अपनी पिता से बहुत डरती थीं। उनके घर में कोई नौकर नहीं रखा गया था। इसीलिए शूटिंग से घर लौटने के बाद वो घर में खुद ही खाना बनाया करती थीं। माला घर में बेहद सादगी से रहा करती थीं। माला ने चिंदबर प्रसाद लोहानी से शादी की थी।
माला ने बहूरानी, गुमराह, अपने हुए पराए, जहाँआरा, बहारें फिर भी आएंगी, धूल का फूल, दो कलियां, फिर सुबह होगी, होली आई रे, अनपढ़ और नई रोशनी जैसी बड़ी फिल्मों में काम किया।