जन्मदिन विशेष: कभी किसी ने सोचा भी नहीं होगा कि चपरासी और साबुन बेचने वाले रामानंद सागर एक दिन रामायण बना सकते हैं By Mayapuri 29 Dec 2021 in क्लासिक डायमंड्स New Update Follow Us शेयर जानिए रामानंद सागर की कुछ रोचक बातें ... एक बार फिर दूरदर्शन पर प्रसारित होनी वाली रामानंद सागर की 'रामायण' हर घर में सुबह और शाम का एक अहम हिस्सा बन चुकी है। बड़ी बात है कि इस बार भी रामायण को दर्शकों का वहीं असीम प्यार मिल रहा है। रामानंद सागर के ऐतिहासिक शो रामायण में एक से बढ़कर एक कलाकारों ने काम किया था। मगर रामायण बनाने वाले रामानंद सागर का पूरा जीवन काफी संघर्ष भरा था। उन्होने कई कठिन प्रयासों के बाद इस मुकाम को हासिल किया था । तो चलिए आज आपको बताते हैं रामानंद सागर के बारे में कुछ अनसुनी बातें। रामानंद को उनकी नानी ने दिया नाम रामानंद सागर एक लेखक, पत्रकार, स्क्रिप्ट राइटर, डायलॉग राइटर, प्रोड्यूसर और डायरेक्टर थे। उनका जन्म 29 दिसंबर 1917 को ब्रिटिश इंडिया के पंजाब में हुआ था। अब ये जगह पाकिस्तान के लाहौर में पड़ती है। रामानंद सागर के बचपन का नाम चंद्रमौली चोपड़ा था। रामानंद को उनकी नानी ने गोद लिया था, उन्होने ही नया नाम रामानंद सागर दिया। क्लीनर और चपरासी की नौकरी कुछ समय बाद रामानंद सागर का परिवार भारत आ गया। उनके परिवार की आर्थिक हालत बेहद खराब हो गई थी। परिवार की मदद करने के लिए रामानंद सागर ने कम उम्र से ही काम करना शुरू कर दिया था। उन्होंने ट्रक क्लीनर और चपरासी की नौकरी भी की। सड़क पर साबुन बेचने वाला एक दिन रामायण बना सकता है रामानंद सागर के बेटे प्रेम सागर ने एक बार बताया था कि '1949 में पापाजी (रामानंद सागर) की सबसे पहली फिल्म 'बरसात' थी। किसी ने नहीं सोचा था कि एक आदमी जिसने चपरासी का काम किया, सड़क पर साबुन बेचे, जर्नलिस्ट बने और मुनीम का काम किया, वो आदमी एक दिन रामायण बना सकता है।' बहरहाल मुंबई पहुंचकर उन्होंने बतौर लेखक काम करना शुरू किया। 1940 में रामानंद सागर पृथ्वीराज कपूर के पृथ्वी थियेटर में असिस्टेंट स्टेज मैनेजर के तौर पर काम करने लगे। यहीं से उन्हें राज कपूर के साथ काम करने का मौका भी मिला। साल 1950 में उन्होने प्रोडक्शन कंपनी सागर आर्ट कॉरपोरेशन बनाई। रामानंद सागर के कई सीरियल और फिल्में पॉपुलर हुईं लेकिन 'रामायण' की सबसे ज्यादा चर्चा रही। दूरदर्शन पर प्रसारण कराने में लगे दो साल 80 के दशक में जब दूरदर्शन पर 'रामायण' का प्रसारण रविवार सुबह होता था तो सड़कें सुनी हो जाती थीं। सीरियल के किरदारों को लोग भगवान की तरह पूजने लगे थे। पर रामायण का दूरदर्शन पर प्रसारण कराने भी रामानंद सागर को 2 साल लग गए थे। लव कुश के कारण दस साल तक चला कोर्ट केस रामायण के 78 एपिसोड पूरे होने के बाद दर्शको ने लव कुश की कहानी की मांग की थी। इस कहानी के लिए रामानंद सागर तैयार नहीं थे और उन्होने कहा कि अगर वो लव कुश की कहानी बनाएंगे तो वो एक काल्पनिक कहानी होगी। इस कहानी के टीवी पर आते ही कई विवाद सामने आए और रामानंद सागर पर दस साल तक कोर्ट केस चला था। 'रामायण' से रामानंद सागर ने काफी लोकप्रियता हासिल की। उन्होंने 12 दिसंबर 2005 को 87 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। #RAMAYAN #Ramanand Sagar #ramanand sagar ramayan #रामानंद सागर रामायण #Ramayan cast #ramayan re - telecast #doordarshan ramayan #ramayan live #ramayan part 1 #DD National Ramayan #Ramanand Sagar birthday #Ramanand Sagar birthday special #ramanand sagar luv kush #ramanand sagar ramayan all episodes #ramayan songs हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article