MSP और APSC जैसे शब्द अब पूरे भारत मे हर किसी को पता है। ‘सरकार बनाम किसान’ का जो बिगुल बजा है, उससे देश के दूसरे वर्ग के लोगों की तरह ही बॉलीवुड के लोग भी प्रभावित हुए हैं। सरकार के नए कृषि कानून का विरोध किसान कर रहे हैं जिस बात से बॉलीवुड का सीधे तौर पर कोई लेना देना नहीं है। लेकिन बॉलीवुड के लोग भला चुप्पी साध के कैसे रह सकते हैं?
दिलजीत दोसांझ और कंगना का मसला भला कहाँ ख़त्म हुआ है
बंद हो या बौखलाहट या कोई राष्ट्रीय मसला... बॉलीवुड के लोग आगे आ ही जाते हैं। यही हुआ है दिल्ली के बॉर्डर से पूरे हिन्दुस्तान भर में फैलते गए किसान आंदोलन के साथ। अमेरिका में बैठी देसी गर्ल प्रियंका चोपड़ा और देसी- आधुनिकता गर्ल सोनम कपूर ,जो आजकल लंदन में रहती हैं; ने दूर रहकर भी आंदोलन को सपोर्ट कर रही है। प्रवासी- भारतीयों को उनके मुल्क भेजने में मदद करके वाहवाही लूट चुके सोनू सूद भी किसानों के पक्ष मे दो बार वक्तव्य दे चुके हैं।
पंजाबी गायक हीरो दिलजीत दोसांझ ने किसान आंदोलन कारियों को एक करोड़ रुपए का सपोर्ट देकर लोगों को चौंका दिया है कि बॉलीवुड के लोगों में सभी सरकार के प्यादे नहीं हैं, बल्कि उनमे तमाम किसानों के साथ भी हैं। आंदोलन को समर्थन देने की लिस्ट में कई फिल्म वालों का नाम अब सामने आ गया है।
किसान आंदोलन के समर्थकों की लम्बी फेरहिस्त है
ये हैं- धर्मेंद्र, स्वरा भास्कर, जीशान अयूब, सुशांत सिंह (इम्पा), प्रियंका चोपड़ा, सोनम कपूर,सोनू सूद आदि। दलजीत दोसांझ, हरभजन मान, मिक्का सिंह सहित दूसरे लगभग सभी पंजाबी - फिल्म इंडस्ट्री के लोग गायक , अभिनेता एक स्वर में किसान आंदोलन के समर्थन में सामने आ गए हैं। सभी ने गाने गा कर या ट्वीट करके अपना समर्थन देने की बात कही है।
बेशक बहुत से बड़े स्टार हैं जो किसान और सरकार के बीच छह दौर की वार्ता होने तक चुप्पी साधे हुए है। वहीं अमिताभ बच्चन चुप हैं जो किसान बनने का सपना देखते रहे हैं। नाना पाटेकर किसानों के लिए महाराष्ट्र के गाँव में बहुत काम किए हैं और किसानों के आत्महत्या करने के मसले पर खुल कर सरकार का विरोध करते रहे हैं, चुप हैं। सलमान खान ने लॉक डाऊन के बीच अपने पनवेल फॉर्म हाउस पर खेती करने की फोटो कई बार शेयर की हैं, वे और उनके पिता सलीम खान जो काफी मुखर हैं, खामोश हैं।
धर्मेंद्र आजकल अपने फॉर्म हाउस पर खेती ही करते रहते हैं। धर्मेंद्र तो बोल रहे हैं लेकिन उनकी स्टार पत्नी हेमा मालिनी और पुत्र सनी देओल चुप हैं। हेमा और सनी की मजबूरी समझ में आती है कि वे दोनों बीजेपी के सांसद हैं। वे पार्टी से हटकर अपने निजी विचार वैसे भी व्यक्त नहीं कर सकते लेकिन ‘आश्रम’ से हिट होने के बाद बॉबी देओल क्यों चुप हैं? अजय देवगण सरकार के विज्ञापनों पर नजर डाले बैठे हैं।
अक्षय की चुप्पी में कोई राज़ नहीं है
अक्षय कुमार को सब जानते हैं कि वह सरकार के लाडले हैं,वो बोलेंगे नहीं, बोलेंगे तो उनकी नागरिकता का सवाल खड़ा हो जाएगा। ‘सेतु’ के बाद उनको कई विज्ञापन मिलने वाले हैं, किसानों का समर्थन दिल से करते हैं पर व्यावसायिक नुकसान कौन उठाए? बॉलीवुड के प्रखर वक्ता अनुपम खेर इसलिए चुप हैं कि पत्नी किरण खेर भाजपाई हैं।
आमिर खान और शाहरुख खान कब, किस टॉपिक पर आवाज उठाते हैं, यह बात किसी से छुपी नही है। दीपिका पादुकोण एकबार दिल्ली के एक धरने में शिरकत करने का हश्र देख चुकी हैं। तात्पर्य यह कि जो चुप हैं उनकी कुछ मजबूरी भी हैं। बहुत से और सितारे हैं जो अबतक समझ ही नही पाए हैं कि किसानों का मुद्दा क्या है और सरकार से लड़ाई क्या है,उनके सेक्रेटरी हम पत्रकारों से पूछते हैं ताकि उनको बता सकें। वे तो बस इतना जानते हैं कि अभी हड़ताल है जाना नही है कहीं! या दिल्ली के कोई प्रोग्राम हो तो अभी जाना नही चाहिए।
मतलब यह... कि यह जो बॉलीवुड है सब जानता है पर चुप रहना भी इनकी फितरत है। किसान के चूल्हे पर अपनी रोटी सेंकने वाले कितने फिल्मवाले होंगे जो आंदोलन का वीडियो शूट करके अपनी फिल्मों में डालने का प्लान बनाए बैठे होंगे, लेकिन मुद्दे पर चुप रहेंगे। व्यवसायिकता और बोलकर चर्चा बटोरने का व्याहमोह पास बॉलीवुड में हमेशा से रहा है। इस बार भी बॉलीवुड इसीलिए दो खेमों में बंटा दिखाई दे रहा है, यही है यहां का सच!