नाना पाटेकर और आलोक नाथ के अलावा करीब दर्जन भर फिल्म कर्मियों पर अलग-अलग क्षेत्र से महिलाओं ने उन पर यौन-उत्पीड़न का आरोप लगाया है। इसे देखकर बॉलीवुड के बड़े-बड़े सूरमा दुबकी लगाये बैठे हैं कि पता नहीं किस ओर से, कौन सी लड़की, किस साल की ढकी-छुपी घटना को लेकर उठ खड़ी होगी और उनके खुशहाल परिवार और दरख्त की तरह खड़ी ‘इमेज’ की बिल्डिंग ध्वस्त हो जाएगी। नाना की इमेज सच के लिए जुझारू नायक की थी और आलोक नाथ ‘संस्कारी’ बाबूजी थे, आज उनके घरों में उनकी इमेज दो कौड़ी की हो गई है। और, ऐसा ही कुछ अपने परिवार आसपास तथा पड़ोसियों के बीच बिगड़ी इमेज लिए खड़े हैं- विकास बहल, गोरांग दोषी, विवेक अग्निहोत्री, रजत कपूर, गणेश आचार्य, राकेश सारंग, उत्सव चक्रवर्ती, कैलाश खेर, एम.जे. अकबर सहित चार बड़े चैनलों के पत्रकार (और लेख छपने तक ना जाने कितने नाम इस लिस्ट में जुड़े हो सकते हैं)... ये सभी, हैरान परेशान व मानसिक यातना के शिकार हो रहे हैं कि वे ‘रेपिस्ट’ या यौन-शोषक इमेज धारी जीव बन गये हैं।
ऐसा नहीं कि हम उनके या उनके जैसों के कुकृत्यों के प्रति सहानुभूति दर्शा रहे हैं, बल्कि हम वो स्थिति बता रहे हैं जो आज फिल्म इंडस्ट्री की सोच में शामिल हो गई है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो पूरी फिल्म इंडस्ट्री प्याज के छिलके की तरह खुलती हुई नंगी हो जायेगी। क्योंकि यह तो ग्लैमर का संसार है। नाना जब तनुश्री दत्ता के साथ शूट कर रहे थे ‘हॉर्न ओके प्लीज’ के सैट पर, उस गाने के फिल्मांकन के समय वहां 50-100 लोगों का जमावड़ा था और उन सबकी दो-दो आंखों में ग्लैमरस तारिका का सर्वांगबदन भी रहा होगा? नाना उस गाने का हिस्सा थे मगर मन का स्पर्श...काश, इसके लिए भी कोई दंड-विधायिका बने। बॉलीवुड का तो काम ही ऐसा है। अब, इसी सोच से दहशत है कि ना जाने कब किस पर रुडम ज्वव का बम गिर जाए?
पाठकों को बता दें कि यह ‘#MeToo है क्या? करीब एक साल पहले हॉलवुड के एक निर्माता हॉर्ने वेनस्टीन पर एक तारिका ने खुलासा किया था कि वह उनके साथ कंप्रोमाइज करके स्टार बनी थी। धीरे-धीरे वहां की कई तारिकाओं ने ऐसा बोलना शुरू किया कि किस-किस ने किसके साथ मन मारकर समझौता किया था। नारी सशक्तिकरण की हवा भारत में भी बह रही है। कभी मिस इंडिया-युनिवर्स रह चुकी तनुश्री दत्ता भी विदेश में ही ज्यादा रहती हैं, उन्होंने दस साल पहले घटी शूटिंग की वारदात को एक इंटरव्यू में बताया और बॉलीवुड में भी रु डम ज्वव की लहर चल पड़ी है। अब सिर्फ सितारे ही नहीं, निर्माता,निर्देशक, संगीतकार, गायक, को-ऑर्डिनेटर, कास्टिंग एजेन्सियां और इंटरटेनमेंट पीआरओ, पत्रकार सभी घबराहट में हैं (जिन्होंने गलतियां की हैं) कि ना जाने रु डम ज्वव का बम लिए कौन सी महिला, कब की घटना सुनाकर उनकी जिन्दगी को खुशियों के परखचे उड़ा देगी।
- संपादक