रमेश सिप्पी की यादगार फिल्म शोले के सभी किरदार ऐतिहासिक किरदार बन चुके हैं। जय, वीरू, बसंती, ठाकुर और गब्बर सिंह समेत कई किरदार आज भी लोगों के ज़ुबान पर रहते हैं। इन्हीं में से एक गब्बर सिंह का किरदार तो शायद सबसे ज्यादा मशहूर हुआ। वैसे तो बॉलीवुड अभिनेता अमजद खान ने कई हिट में काम किया और कई शानदार किरदार निभाए, लेकिन गब्बर सिंह के किरदार ने उन्हें एक खास पहचान दिलाई। यहां तक कि अपनी भारी भरकम, रौबदार अवाज़ से दर्शकों में खौफ पैदा कर देने वाला गब्बर सिंह ही शोले का रियल हीरो माना जाता है। फिल्म में नेगेटिव किरदार होने के बाद भी अमजद खान को गब्बर सिंह के रोल के लिए लोगों द्वारा पसंद किया गया।
कम ही लोगों के ये बात पता होगी कि फिल्म इंडस्ट्री में नया कलाकार होने के बावजूद, जिसे लोग ज्यादा जानते तक नहीं थे, आखिर कैसे उन्हें इस किरदार के लिए चुन लिया गया। तो आइए आज उनके जन्मदिन के मौके पर हम आपको बताते हैं कि अमजद खान के हाथ लगा शोले का ये ऐतिहासिक किरदार....
कहा जाता है कि जिस समय शोले की कास्टिंग हो रही थी और गब्बर सिंह के किरदार के लिए किसी दमदार खलनायक की तलाश की जा रही थी उस समय फिल्म के हीरो धर्मेन्द्र और अमिताभ ने भी गब्बर सिंह का किरदार निभाने की इच्छा जाहिर की थी। खासकर धर्मेन्द्र ने इसके लिए कई बार फिल्म की कहानी लिखने वाले सलीम जावेद से भी सिफारिश की, लेकिन निर्माता रमेश सिप्पी जय वीरु के लिए दोनों का नाम फाइनल कर चुके थे और उन्हें किसी भी सूरत में बदलना नहीं चाहते थे।
ये भी कहा जाता है कि ठाकुर का किरदार निभाने वाले स्वर्गीय संजीव कुमार भी गब्बर बनने की इच्छा रखते थे लेकिन रमेश सिप्पी ने उन्हें यह कहकर मनाया कि ठाकुर के रोल के लिए उन्हें उन जैसा कोई दूसरा अभिनेता नहीं मिल सकता। सिप्पी की इस दलील पर संजीव कुमार भी चुप्पी साध गए। जिस समय सलीम-जावेद इस फिल्म की पटकथा तैयार कर रहे थे उस समय उनके दिमाग में विलेन के तौर पर पहला चेहरा उस समय के स्थापित खलनायक डेनी डोंजेगपा का था।
निर्माता रमेश सिप्पी भी डेनी को ही अपनी फिल्म में लेना चाहते थे। लेकिन किसी वजह से डेनी ने वह फिल्म करने से मना कर दिया। इसी बीच किसी ने लेखक जावेद को एक नए कलाकार अमजद खान के बारे में बताया। जावेद ने रमेश सिप्पी के सामने उनका नाम बढ़ाया। बताया जाता है जब पहली बार अमजद खान, रमेश सिप्पी के सामने पहुंचे तो उनकी बारीक आवाज और पतले से बदन को देखकर सिप्पी ने एक झटके में ही उन्हें मना कर दिया।
लेकिन इरादों के पक्के अमजद खान ने एक बार उन्हें मौका देने की गुजारिश की। जिसके बाद निर्माता रमेश सिप्पी ने उनके सामने शर्त रखी की अगर एक महीने में वो अपना वजन बढ़ाकर दिखाएं तो उन्हें मौका दिया जा सकता है। कहा जाता है कि इसके बाद अमजद खान ने अपना वजन तो बढ़ाया ही अपनी आवाज में भी वो खनक ले आए जिसकी निर्माता को तलाश थी। एक महीने बाद ही अमजद खान का ऑडिशन हुआ और वो चुन लिए गए।