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सिनेमा के विकास के लिए समर्पित बॉलीवुड के दूसरे ‘शो मैन’ सुभाष घई

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By Mayapuri Desk
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सिनेमा के विकास के लिए समर्पित बॉलीवुड के दूसरे ‘शो मैन’ सुभाष घई

यूँ तो बॉलीवुड के शो मैन के रूप में हर किसी को निर्माता

,

निर्देशक व अभिनेता स्व.राज कपूर का ही नाम याद आता है

,

जिन्होंने अपनी मृत्यु पर फिल्म इंडस्ट्री का काम काज बंद करने की बजाय काम करते रहने की सलाह देते हुए कहा था-

‘‘

षो मस्ट गो ऑन

’’.

लेकिन

स्व

.

राज कपूर के बाद

बाॅलीवुड के

षो मैन

का खिताब जिस षख्स को मिला उसका नाम है-सुभाष घई. राज कपूर की ही तरह सुभाष घई भी निर्माता

,

निर्देषक व अभिनेता हैं.मजेदार बात यह है कि स्व. राज कपूर की ही तरह सुभाष घई ने भी बाॅलीवुड में अपने करियर की शुरूआत बतौर अभिनेता ही की थी।

जी हाॅ!

24

जनवरी

, 1945

को जन्म हुआ। रोहतक से स्नातक की डिग्री लेने के बाद घई

20-21

साल की उम्र में वह पुणे फिल्म इंस्टीट्यूट चले गए. वहां उन्होंने फिल्म निर्देशन का प्रशिक्षण हासिल किया.उस दौरान सुभाष घई कहानियां भी लिखते थे. कई बड़े निर्माता- निर्देशक उनकी कहानियों को पसंद भी करते थे

,

तब उन्हें कहानियों की अच्छी कीमत भी मिलती थी।

अभिनय से

 

शुरूआत

मगर मुंबई पहुॅंचकर सुभाष घई ने सबसे पहले बतौर अभिनेता

1967

में फिल्म

तकदीर

और

1969

में फिल्म

आराधना

में छोटे किरदार निभाए. मगर

1970

में वह फिल्म

उमंग

में हीरो बने तथा

1971

में मुक्ता संग विवाह रचा लिया. इसके बाद इनकी तकदीर ने जबरदस्त पलटा खाया. उनकी दो बेटियां है- मेघना घई और मुस्कान घई...

 

निर्माता

,

निर्देशक

 

और

मुक्ता

आर्ट्स

फिर बतौर लेखक व निर्देषक उनकी पहली फिल्म

‘‘

कालीचरण

’’ 1976

में आयी

,

जिसने सफलता के ऐसेे रिकार्ड बनाए कि उसके बाद वह सफल लेखक व निर्देशक बन गए.

विष्वनाथ

और

गौतम गोविंदा

,‘

कर

्ज

’, ‘

क्रोधी

’, ‘

विधाता

का लेखन व निर्देशन करने के बाद सुभाष घई ने

1983

में अपनी प्रोडक्शन कंपनी

मुक्ता आर्ट्स

 

प्रा.लिमिटेड

के तहत फिल्म

हीरो

का निर्माण

,

लेखन व निर्देशन किया. (वैसे सुभाष घई ने अपनी प्रोडक्शन कंपनी

मुक्ता फिल्मस

की स्थापना

24

अक्टूबर

1978

को किया था. और

1982

में फिल्म

कर्ज

का निर्माण किया था.

सिनेमा के विकास के लिए समर्पित बॉलीवुड के दूसरे ‘शो मैन’ सुभाष घई

इसी के साथ

1982

में उन्होंने इसका नाम बदलकर

मुक्ता

आर्ट्स

 

प्राइवेट लिमिटेड

कर दिया. यानी कि अब

24

अक्टूबर

2020

को इस कंपनी के

42

वर्ष पूरे हो गए.

2000

 

में उन्होंने इसे पब्लिक लिमिटेड कंपनी बनाकर स्टाॅक एक्सचेंज में सूचीद्ध कराया था. स्टाॅक एक्सचेंज में सूची बद्ध होने वाली

मुक्ता आर्ट्स

’;

पहली फिल्म निर्माण कंपनी है.) उसके बाद उन्होने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. अब तक वह तकरीबन बीस फिल्मों का निर्माण

,

लेखन व निर्देशन तथा

22

फिल्मों का केवल निर्माण कर चुके हैं. सुभाष घई की सबसे बड़ी खासियत यह है कि उनके अंदर अभिनय का कीड़ा सदैव मौजूद रहा और अपने निर्देशन में बनी हर फिल्म में

 

वह छोटे-छोटे किरदारों में नजर आते रहे हैं।

अस्सी व नब्बे का दशक

हिंदी सिनेमा में

80

का दशक सुभाष घई का माना जाता है. इस दशक में उनकी अधिकतर फिल्में सुपरहिट रहीं. इनमें

विधाता

’, ‘

कर्मा

’, ‘

हीरो

’, ‘

मेरी जंग

और

राम लखन

शामिल थीं. इस दौरान सुभाष घई ने दिलीप कुमार जैसे बड़े अभिनेता के साथ भी काम किया. फिल्म

‘‘

इकबाल

के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार सहित कई फिल्मफेअर व अन्य अवार्ड भी हासिल किए. वह हिंदी सिनेमा में अपनी बेहतरीन फिल्मों कालीचरण

,

हीरो

,

जंग

,

कर्मा

,

राम लखन

,

सौदागर

,

खलनायक

,

परदेस

,

ताल के लिए जाने जाते हैं।

सिनेमा के विकास के लिए समर्पित बॉलीवुड के दूसरे ‘शो मैन’ सुभाष घई

सिनेमा के विकास के लिए उठाए कदम

सुभाष घई की गिनती उन लोगों में होती हैं

,

जो कि सिनेमा के विकास के लिए हमेषा कुछ न कुछ नया कदम उठाते रहे हैं.

मुक्ता मूवीज

के बैनर तले उन्होंने

400

 

फिल्मों का वितरण किया.

2012

में फिल्म प्रदर्शन/ एक्जबीशन के क्षेत्र में

 

कदम रखते हुए

‘‘

मुक्ता ए

2

सिनेमा

’’

के नाम से मल्टीप्लैक्स की श्रृंखला शुरू की. फिलहाल भारत में

18

 

शहरों व बहरीन सहित इसकी

52

स्क्रीन्स हैं.

फिल्म इंश्योरेंस पॉलिसी की शुरुआत की

सुभाष घई ने ही सबसे पहले

 

अपनी फिल्म

ताल

के जरिए फिल्म इंश्योरेंस पॉलिसी की शुरुआत की थी। फिल्मों को बैंक से फाइनेंस करवाने का कॉन्सेप्ट शुरू करने का श्रेय भी उन्हीं को जाता है।

सिनेमा के विकास के लिए समर्पित बॉलीवुड के दूसरे ‘शो मैन’ सुभाष घई

फिल्म प्रशिक्षण संस्थानः व्हिसलिंग वूड्स इंटरनेषनल

सुभाष घई ने सिनेमा के विस्तार व विकास के लिए सिनेमा के प्रशिक्षण के महत्व को समझते हुए

2006

में फिल्म प्रशिक्षण संस्थान

व्हिसलिंग वूड्स इंटरनेशनल

’’

की शुरूआत की।जो कि दुनिया के टॉप

10

फिल्म स्कूलों में से एक माना जाता है।

स्थापित कलाकारों के साथ ही नए कलाकारो को अवसर

सुभाष घई ने स्थापित कलाकारों के साथ साथ कई नए कलाकारों के साथ न सिर्फ काम किया

,

बल्कि उन्हे बाॅलीवुड में

 

स्थापित भी किया. सुभाष घई ने सबसे पहले

 

जैकी श्राफ को

1983

में अपनी फिल्म

‘‘

हीरो

’’

तथा अनिल कपूर को

1985

में फिल्म

‘‘

मेरी जंग

’’, 2014

में फिल्म

‘‘

कांची

’’

में मिस्टी को बे्रक दिया.

 

अनिल कपूर

,

जैकी श्राफ और सुभाष घई ने

कर्मा

’, ‘

राम लखन

और

त्रिमूर्ति

में भी साथ काम किया है.

1997

में फिल्म

परदेस

में सुभाष घई ने ना सिर्फ महिमा चैधरी को बॉलीवुड में ब्रेक दिया

,

बल्कि उनका नाम रितु चौधरी से बदलकर महिमा चौधरी भी कर दिया।

सिनेमा के विकास के लिए समर्पित बॉलीवुड के दूसरे ‘शो मैन’ सुभाष घई

एम

के पीछे की दीवानगी

सुभाष घई अपनी फिल्मों के लिए हमेशा उन अभिनेत्रियों को तवज्जो देते रहे हैं

,

जिनके नाम

एम

से शुरू होते हैं. इसी के चलते उन्होंने महिमा चौधरी का नामकरण रितु चौधरी से बदलकर महिमा चैधरी किया था. उन्होंने फिल्म

हीरो

में मीनाक्षी शेषाद्री

, ‘

राम लखन

में माधुरी दीक्षित

, ‘

सौदागर

में मनीषा कोईराला और

परदेश

में महिमा चैधरी के साथ काम किया. इन फिल्मो ने धमाल मचाया. महिमा चैधरी को छोड़कर तीनों ही अभिनेत्रियों ने बॉलीवुड में राज किया है. इनकी सफलता का श्रेय सुभाष घई की मेहनत को भी जाता है. कोरियोग्राफर सरोज खान को भी उन्होंने ही फिल्मों में मौका दिया था।

सिनेमा के विकास के लिए समर्पित बॉलीवुड के दूसरे ‘शो मैन’ सुभाष घई

ओटीटी प्लेटफॉर्म को मल्टीप्लेक्स और थियेटर का विकल्प नहीं मानते

कुछ समय पहले फिल्मकार सुभाष घई ने कहा था कि

कोविड-

19’

के दौरान ओटीटी (ओवर द टॉप) प्लेटफॉर्म का भले ही विस्तार हुआ है

,

लेकिन देश में मल्टीप्लैक्स और सिनेमा घर का कोई विकल्प नहीं है। उन्होंने कहा था-

‘‘

वेब सीरीज हो या फिल्म सभी के लिए सबसे महत्वपूर्ण कंटेंट है। लोग स्थानीय कंटेंट को पसंद करते हैं

,

लेकिन इसे कहने का तरीका आना चाहिए। डिजिटल प्लेटफॉर्म की वजह से अब किसी को प्रोड्क्शन हाउस के चक्कर काटने की जरूरत नहीं है। अब खुद अभिनेता

,

लेखक व निर्देशक बन सकते है। यदि कंटेंट में दम है

तो उसे लोग हाथों हाथ लेंगे और वह फिर आमदनी का

 

जरिया बन जाएगा।

’’

सिनेमा के विकास के लिए समर्पित बॉलीवुड के दूसरे ‘शो मैन’ सुभाष घई

ओषो पर फिल्म बनाएंगे

दो वर्ष पहले सुभाष घई ने

71

वें काॅन्स इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में घोषणा की थी कि वह रोम के नवाला प्रोडक्शन हाउस के साथ मिलकर आचार्य रजनीश

 

ओशो

 

पर

‘‘

ओशो: अदर साइड आफ

 

शि

यन

’’ 

का निर्माण करने वाले हैं.इसकी पटकथा

रंग दे बसंती

फेम कमलेश पांडे ने लिखी है.पर अभी तक इसकी षूटिंग षुरू नहीं हो पायी.

सिनेमा के विकास के लिए समर्पित बॉलीवुड के दूसरे ‘शो मैन’ सुभाष घई

24

अक्टूबर का दिन

सुभाष घई के लिए

24

अक्टूबर का दिन बड़ी अहमियत रखता है. उन्होंने

24

अक्टूबर

1971

को मुक्ता रेहाना संग विवाह रखा था.

24

अक्टूबर

1978

को

मुक्ता प्रोडक्शन

की स्थापना.

24

अक्टूबर

1982

को फिल्म

कर्ज

का निर्माण शुरू

 

किया.अपनी हर सफलतम फिल्म की शुरूआत

24

अक्टूबर को ही करते रहे हैं.

24

अक्टूबर

2006

को

‘‘

व्हिसलिंग वूड्स इंटरनेशनल

’’

की शुरूआत.

24

अक्टूबर

2012

को

मुक्ता ए

2

सिनेमा

मटीप्लैक्स की शुरूआत की. और

24

अक्टूबर

2020

को

‘‘

जी स्टूडियो के साथ तीन फिल्मों का अनुबंध किया..

सुभाष घई की इन तीन नई फिल्मों में एक फिल्म कॉमेडी

,

दूसरी थ्रिलर और तीसरी फिल्म एक अदालती कार्यवाही पर आधारित होगी। इन सभी फिल्मों की पटकथा सुभाष घई ने अपने लेखकों के साथ मिलकर तैयार कर ली है और अब फिल्मों के लिए कलाकारों की तलाश में हैं। यह सभी फिल्में उनके होम प्रोडक्शन

मुक्ता आर्ट्स

के बैनर तले ही जी स्टूडियोज की मदद से बनेंगी। फिल्मों के कलाकार मिलने के बाद

2021

में साल सुभाष घई इनकी शूटिंग शुरू कर सकते हैं।

 

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