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मैं गिटार, बोंगो, चांगों पियानों व बांसुरी बजाता हूँ-गौरव मुकेश

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By Mayapuri Desk
मैं गिटार, बोंगो, चांगों पियानों व बांसुरी बजाता हूँ-गौरव मुकेश
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‘सुहानी सी एक लड़की’, ‘यह रिश्ता क्या कहलाता है’ व ‘ईमली’जैसे चर्चित कई सीरियलों में अभिनय कर चुके अभिनेता गौरव मुकेश की संगीत में काफी रूचि है।इन दिनों सीरियल “ईमली” में गौरव मुकेश को काफी पसंद किया जा रहा है। वह खुद बांसुरी सहित कई वाद्ययंत्र बजाते हैं।

संगीत का जिक्र छिड़ने पर गौरव मुकेश कहते हैं- “मुझे संगीत से प्यार है। मैं गिटार, बोंगो,चांगों पियानों व फ्लूट/बांसुरी बजाता हूँ। मैंने स्कूल में ड्रम और बोंगो बजाना सीखा, बाकी मैंने अपने दम पर सीखा। मैने सारे इंस्ट्मेंट बजाने खुद से ही सीखा।यह संगीत का शौक स्वांतः सुखाय है। मैं अपने सकून के लिए संगीत के वाद्ययंत्र बजाता हॅूं। मेरी राय में संगीत हर किसी के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हर मौके और मूड के लिए गाने हैं। संगीत की विविध विधाएं हमें विभिन्न कलाकारों से घर के करीब और दुनिया के विभिन्न हिस्सों से जुड़ने में भी मदद करती हैं।

मैं गिटार, बोंगो, चांगों पियानों व बांसुरी बजाता हूँ-गौरव मुकेश

गौरव मुकेश आगे कहते हैं- “संगीत के बिना मेरा जीवन अधूरा है। मुझे अलग-अलग तरह के गाने सुनना बहुत पसंद है। कोई विशेष शैली नहीं है जो मैं कहूंगा कि यह मेरी पसंदीदा है। यह मेरे मूड पर निर्भर करता है कि मैं कब और क्या सुनना चाहता हूं। लेकिन हां मैं आमतौर पर 80 और 90 के दशक के हिंदी फिल्मी गाने सुनना पसंद करता हूं। उन ट्रैकों में अनुभव और गहराई होती है।”

गौरव मुकेश को संगीत उनके अभिनय को निखारने में काफी मदद करता है। खुद गौरव बताते हैं- “जब मैं सेट पर अभिनय कर रहा होता हूँ, उस वक्त भी मैं अपने निर्देशक से कुछ संगीत बजाने के लिए कहता हॅूं। क्योंकि इससे मुझे ध्यान केंद्रित करने और बेहतर अभिनय करने में मदद मिलती है।”

पसंदीदा गायको की चर्चा चलने पर गौरव मुकेष कहते हैं- “मेरे पसंदीदा गायक मो.रफी और अरिजीत सिंह हैं।मेरे पसंदीदा गानों में ‘तुझसे नराज नहीं जिंदगी’ और ‘गुलाबी आंखें जो तेरी’का समावेश है।”

मैं गिटार, बोंगो, चांगों पियानों व बांसुरी बजाता हूँ-गौरव मुकेश

गौरव ने कई स्कूल कार्यक्रमों और समारोहों में भाग लिया। हालाँकि उन्हें बचपन में मंच से डर लगता था, लेकिन धीरे-धीरे उन्होंने इसे एक शॉट देने के साहस में महारत हासिल कर ली।वह उल्लेख करते हैं कि उनके डर को दूर करने के पीछे उनके दोस्त और परिवार का कारण रहा है।

ऑडियो कैसेट और सीडी के अच्छे पुराने दिनों के बारे में बात करते हुए गौरव मुकेष ने कहा- “परिवर्तन प्रकृति का नियम है। पहले के जमाने में इतनी सुविधाएं नहीं थी। उन कैसेट और सीडी को प्राप्त करना काफी कठिन काम था और इसका अपना ही क्रेज था। आजकल कुछ भी और सब कुछ हमारे फोन में उपलब्ध है और इसलिए चलते-फिरते हैं। और, वह बस आश्चर्यजनक है।”

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