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ए आर रहमान पिछले 25 सालों से अपने अनोखे संगीत और संगीत के साथ नए नए प्रयोगों को लेकर प्रख्यात हैं। नब्बे के दशक से शुरु हुआ रहमान का जादू आज बरसों बाद भी वैसा ही बना हुआ है। ए आर रहमान सिर्फ फ्यूज़न युक्त धुनों के लिए ही मशहूर नहीं हैं, बल्कि वह अपने म्यूजिक इंस्ट्रूमेंट्स के साथ नए नए एक्सपेरिमेंट्स के लिए भी चर्चा में रहते हैं।
कुछ वर्षों पूर्व इस ख़बर ने संगीत जगत में तहलका मचा दिया था कि ए आर रहमान के सिंथेसाइज़र में एक लाख से ज़्यादा धुनें मौजूद रहती हैं और उन्हें याद भी रहती हैं। उनकी आए दिन कुछ न कुछ नया करने की ख़ूबी ही उन्हें बाकी सारे संगीतकारों से अलग बनाती है।
ए आर रहमान अब एक नया गैजेट, सेंसर्ड हैंडबैंड लाए हैं, जिसमें उनके एक इशारे भर से उनकी मनचाही धुन बजने लगती है।
जी हाँ, इस सेंसर्ड बैंड को हथेली और पैरों में बांधे रहमान जब कोई हरकत करते हैं तो इस बैंड से सिंक हुए कंप्यूटर में वो गतिविधि रिकॉर्ड होती है और कंप्यूटर उसे समझ धुन आगे स्पीकर्स तक पहुँचा देता है। रहमान की माने तो आने वाले दिनों में संगीत जगत के लिए यह एक क्रांति से कम नहीं होगा।
रहमान और उनके ऑर्केस्ट्रा ने इस मौके पर स्लमडॉग मिलेनियर का ऑस्कर विनिंग गाना 'जय हो' बजाया और समा बांध दिया।
आजा आजा जींद शामियाने के तले
आजा ज़री वाले नीले आसमान के तले
जय हो, जय हो
रत्ती रत्ती सच्ची मैंने जान गंवाई है
नच-नच कोयलों पे रात बिताई है
अंखियों की नींद मैंने फूंकों से उड़ा दी
गिन-गिन तारे मैंने ऊंगली जलाई है
आजा आजा जींद शामियाने के तले
आजा ज़री वाले नीले आसमान के तले
जय हो, जय हो, जय हो, जय हो
चख ले, हां चख ले, ये रात शहद है, चख ले
रख ले, हां दिल है, दिल आखरी हद है, रख ले
काला काला काजल तेरा कोई काला जादू है ना
आजा आजा जींद शामियाने के तले
आजा ज़री वाले नीले आसमान के तले
जय हो, जय हो
जय हो, जय हो, जय हो, जय हो
कब से हां कब से, जो लब पे रुकी है
केह दे केह दे, हां केह दे
अब आंख झुकी है, केह दे
ऐसी ऐसी रोशन आंखें
रोशन दोनों हीरे हैं क्या ?
आजा आजा जींद शामियाने के तले
आजा ज़री वाले नीले आसमां के तले
जय हो, जय हो, जय हो, जय हो
फिल्म - स्लमडॉग मिलेनियर
गायक - सुखविंदर सिंह
संगीतकार - ए आर रहमान
गीतकार - गुलज़ार