राजी कौर एक सिख महिला थीं और फिल्मों में काम करने के लिए डेस्परेट थीं। लेकिन भाग्य ने कुछ साथ न दिया और उनकी शादी दिल्ली में दर्शन सिंह जी से हो गयी। कुछ समय बाद उनके यहाँ बेटी हुई। बेटी का नाम हरनीत कौर रखा गया। अब राजी कौर के मन में ख्याल आया कि अगर मैं एक्ट्रेस नहीं बन पाई तो क्या हुआ, अपनी बेटी को तो बना सकती हूँ।
उन्हीं दिनों एक जाने माने फिल्मकार अपनी फिल्म के लिए एक child आर्टिस्ट ढूंढ रहे थे। उन्होंने ऑडिशन शुरु कर दिए पर पहले ही ऑडिशन में जब राजी कौर अपनी बेटी हरनीत कौर को लेकर आईं तो उनकी बेटी टी-प्रकाश राव को देखकर बोली “अंकल ये क्या तरीका हुआ बैठने का? आप टेबल पर पैर रखें हैं? और आपकी शर्ट के बटन क्यों खुले हैं? आपकी मम्मी ने बताया नहीं आपको कि ऐसे नहीं रहना चाहिए?”
एक छः साल की बच्ची के मुँह से ऐसी डांट सुनकर वो प्रोड्यूसर हँस दिए और तुरंत अपिर नीचे कर, अपनी शर्ट के बटन बंद कर बोले “ऑडिशन कैंसिल कर दो, हमें जो आर्टिस्ट चाहिए थी वो मिल गयी”
कुछ इस तरह हरनीत कौर उर्फ़ बेबी सोनिया उर्फ़ हम सब की फेवरेट नीतू सिंह ने अपना कैरियर शुरु किया और एक जूनियर आर्टिस्ट के नाते छः फिल्में की जिनमें वारिस, दस लाख, पवित्र पापी और घर घर की कहानी के अलावा दो कलियाँ में उनके डबल रोल की बहुत तारीफ हुई।
फिल्म दो कलियों में गाना – बच्चे मन के सच्चे आज भी बहुत लोकप्रिय है।
नीतू सिंह पहली बार फिल्म रिक्शावाला में हीरोइन के रूप में नज़र आईं। जिसमें उनके साथ रणधीर कपूर हीरो के रूप में थे। ये फिल्म तो कोई ख़ास नहीं चली पर तारिक खान और नासिर हुसैन की यादों की बारात में नीतू सिंह का एक गाना ‘लेकर हम दीवाना, दिल” बहुत हिट हुआ।
इसके बाद उन्होंने फिल्म ज़हरीला इंसान में पहली बार ऋषि कपूर के साथ काम किया। हालाँकि फिल्म बॉबी की शूटिंग के दौरान ही दूसरे सेट पर नीतू को देखकर ऋषि के मन में प्यार की शहनाई बजने लगी थी। ऋषि को नीतू बहुत क्यूट प्यारी सी लगती थीं। ज़हरीला इंसान की शूटिंग के दौरान ऋषि कपूर ने नीतू को बहुत तंग किया। बहुत परेशान किया, इतना परेशान किया कि जब ऋषि शूटिंग ख़त्म कर एक फोरेन टूर पर गए तो उन्हें नीतू की याद आने लगी। नीतू की याद में ऋषि कपूर ने विदेश से एक पत्र भेजा जिसमें लिखा था ‘ये सिखणी बड़ी याद आती है।
बस यहाँ से नीतू और ऋषि कपूर की दोस्ती ऐसी शुरु हुई कि सन 1980 में सात फेरों पर आकर रुकी और बदले में पति-पत्नी का पवित्र रिश्ता दे गयी।
ऋषि कपूर के साथ नीतू सिंह ने पहली पारी में 11 फिल्में कीं जिनमें – ज़हरीला इंसान, रफू चक्कर, ज़िन्दा दिल, खेल खेल में, कभी कभी, अमर अकबर अन्थोनी, दूसरा आदमी, अनजाने में, पति पत्नी और वो, झूठा कहीं का, दुनिया मेरी जेब में, धन दौलत शामिल हैं। वहीं 26 साल बाद कमबैक में उन्होंने चार फिल्में कीं, जिनमें लव आजकल (मेहमान कलाकार), दो दूनी चार, जब तक है जान (मेहमान कलाकार) और बेशरम शामिल हैं। मज़े की बात, ये चारों ही फिल्में उन्होंने ऋषि कपूर के साथ कीं।
नौटी बबली गर्ल के रोल में नीतू सिंह का कोई सानी नहीं था। उन्होंने बहुत सी मल्टीस्टारर फिल्में कीं जिनमें अमर अकबर अन्थोनी, परवरिश, धरमवीर, द बर्निंग ट्रेन आदि बहुत बड़ी हिट रहीं।
उन्होंने अमिताभ बच्चन के साथ भी प्रत्यक्ष और परोक्ष रूप से कई फिल्में कीं। कुछ फिल्मों में वह अमिताभ की हीरोइन बनीं जैसे –अदालत, परवरिश, याराना और द ग्रेट गैम्बलर मुख्य हैं वहीँ मल्टीस्टार कास्ट फिल्म अमर अकबर अन्थोनी, कभी कभी, काला पत्थर, दीवार आदि में वह अमिताभ संग मौजूद रहीं पर उनके हीरो अलग रहे। फिल्म काला पत्थर में उनके अभिनय के लिए उन्हें फिल्मफेयर नोमिनेशन भी मिला।
वहीं जितेन्द्र के साथ उनका एक अलग ही रिश्ता है। उनकी बेबी सोनिया के रूप में हिट फिल्म वारिस जितेन्द्र के साथ थी वहीँ 1977 में वह प्रियतमा फिल्म में फिर जितेन्द्र के साथ आईं मगर इस बार वह फिल्म की लीडिंग लेडी थीं।
शशि कपूर के साथ भी उन्होंने दीवार में बेहतरीन अभिनय किया और सबकी तारीफें भी बटोरीं।
फिल्म महाचोर में राजेश खन्ना के साथ भी नीतू सिंह ने काम किया। कहते हैं कि सन 1975 में नीतू इतनी बिज़ी थीं कि उनके पास 80 से ज़्यादा फिल्में पड़ी थीं जिनमें से सबसे ज़्यादा ऋषि कपूर के साथ थीं, फिर शशि कपूर के साथ थीं और कुछ रणधीर कपूर के साथ भी थीं।
नीतू सिंह उस वक़्त अपने कैरियर के पीक पर थीं जब उन्होंने ऋषि कपूर से शादी करने का फैसला लिया और शादी के तुरंत बाद ही उन्होंने सारी फिल्में छोड़ दीं। उन्होंने हालाँकि यही कहा कि ये उनका फैसला है और इसलिए वो हर प्रोड्यूसर का एडवांस भी वापस कर रही हैं पर सब जानते हैं कि ये कपूर फैमिली का ट्रेडिशन है कि परिवार की औरतें फिल्मों में काम नहीं करेंगी। 22 जनवरी 1980 में ऋषि कपूर और नीतू सिंह ने शादी कर ली और यूँ नीतू सिंह नीतू कपूर बन गयीं।
इसी साल उन्होंने 15 सितम्बर 1980 में अपनी बेटी ऋधिमा को जन्म दिया और पूरी तरह घर गृहस्थी में लीन हो गयीं। 1982 में उनका बेटा रणबीर कपूर 28 सितम्बर को पैदा हुआ जो आज बॉलीवुड इंडस्ट्री का दिग्गज अभिनेता है। नीतू सिंह की माँ हमेशा चाहती थीं कि नीतू टॉप की हीरोइन बनें, सिर्फ चाइल्ड आर्टिस्ट या करैक्टर आर्टिस्ट बनकर न रह जाए और नीतू सिंह ने अपनी माँ का सपना पूरा भी किया। मगर अपने कैरियर की पीक पर फिल्में छोड़कर शादी करना उनके लिए वाकई बहुत बड़ा फैसला था जो उन्होंने ऋषि कपूर के प्यार में लिया।
पिछले बरस ऋषि कपूर कैंसर के चलते ये दुनिया छोड़ चले ज़रूर गए हैं पर दिल से उनकी अच्छी अदाकारी और उनकी नीतू सिंह के साथ नायाब जोड़ी कभी न निकल पायेगी।
मायापुरी ग्रुप की तरफ से नीतू सिंह जी को जन्मदिन की बहुत बहुत बधाई।
उनके जन्मदिन पर हम ये गाना उनको डेडीकेट करते हैं, इस गाने को देख आपको लगेगा कि ये वाकई नीतू और ऋषि ने एक दूजे के लिए गाया होगा–
तेरे चेहरे से नज़र नहीं हटती
नज़ारे हम क्या देखें
तुझे मिलके भी प्यास नहीं घटती
नज़ारे हम क्या देखें
पिघले बदन तेरी तपती निगाहों से
शोलों की आँच आए बर्फ़ीली राहों से
लगे कदमों से आग लिपटती
नज़ारे हम क्या देखें।।।
रंगों की बरखा है खुशबू का साथ है
किसको पता है अब दिन है कि रात है
लगे दुनिया ही आज सिमटती
नज़ारे हम क्या देखें।।।
पलकों पे फैला तेरी पलकों का साया है
चेहरे ने तेरे मेरा चेहरा छुपाया है
तेरे जलवों की धुँध नहीं छँटती
नज़ारे हम क्या देखें।।।
फिल्म – कभी कभी
गीतकार –साहिर लुधियानवी
संगीत – ख़य्याम
गायक –किशोर कुमार, लता मंगेशकर