पिछले लगभग 75 सालों से संगीत की दुनिया की इकलौती स्वर कोकिला लता मंगेश्कर उर्फ़ लता दीदी का जन्मदिन यूँ तो 28 सितम्बर को आता है। इस 28 सितम्बर तो लता जी 92 सालों की हो जायेंगी। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने उन्हें चार दिल पहले ही जन्मदिन की शुभकामनाएं क्यों दीं? आइए जानते हैं।
माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वर कोकिला लता मंगेश्कर जी के पुराने फैन हैं। वह उन्हें राष्ट्र की धरोहर कहते हैं। वहीं लता जी भी नरेंद्र मोदी के रूप में एक बदलाव देखती हैं, उनका भी मानना है कि ऐसा प्रधानमंत्री अब से पहले कोई नहीं हुआ है और नरेंद्र मोदी की वजह से देश तेज़ी से बदल रहा है। माननीय मोदी लता जी को हर जन्मदिन पर बधाई देते हैं। पर इस बार वह अमेरिका के दौरे पर हैं और 28 तारीख की रात को वह भारत लौटेंगे और 29 की सुबह पहुंचेंगे। सिर्फ इसलिए, मोदी जी ने अमेरिका जाने से ठीक पहले लता जी को फोन किया और उनसे बात की। पेश है वह बातचीत
मोदी जी: “लता दीदी प्रणाम मैं नरेंद्र मोदी बोल रहा हूँ, मैंने फोन इसलिए किया कि इसबार आपके जन्मदिन पर मैं हवाई जहाज मैं ट्रेवलिंग कर रहा हूँ, इसलिए मैंने सोचा जाने से पहले ही आपको जन्मदिन की बहुत बहुत शुभकमनाएं व अग्रिम बधाई दे दूँ। आपका स्वास्थ्य अच्छा रहे, आपका आशीर्वाद हम सब पर बना रहे”
लता जी: (हँसते हुए) “प्रणाम मोदी जी, आपका फोन आयेगा, ये सुन के ही मैं बहुत ख़ुश हो गयी थी। आप जा के कब वापस आयेंगे?”
मोदी जी: मैं 28 को वहाँ से चलूँगा और 29 को भारत पहुंचूंगा, और तबतक आपका जन्मदिन ख़त्म हो गया होगा”
लता जी: “अब क्या जन्मदिन बनायेंगे, अब तो बस घर में ही पूरे परिवार के साथ मिल जुल लेंगे। आपका फोन आ गया, आपका आशीर्वाद मिल गया बस यही बहुत है”
मोदी जी: (टोकते हुए) “आशीर्वाद तो आपका हमें चाहिए लता दीदी, आप बड़ी हैं। आपसे हम आशीर्वाद हम मांगे हैं”
लता जी: “उम्र से बड़े तो बहुत लोग होते हैं पर जो काम से बड़ा होता है, उसका आशीर्वाद मिलना बहुत बड़ी बात होती है”
मोदी जी: “दीदी आप उम्र में भी बड़ी हैं और काम में भी बड़ी हैं, और अपने जो सिद्धि पाई है ये तपस्या करके पाई है”
लता जी: मैं तो ये सोचती हूँ कि ये तो मेरे माता पिता का आशीर्वाद है और सुनने वालों का आशीर्वाद है, मैं कुछ नहीं हूँ”
मोदी जी: “यही नम्रता जो है ये हम नई पीढ़ी के लिए बहुत बड़ी इंस्पिरेशन है। कि आपने जीवन में इतना कुछ अचीव करने के बाद भी अपने मात-पिता के आशीर्वाद को ही प्राथमिकता दी है, मुझे तो ख़ुशी है कि जब आप गर्व से कहती हो कि आपकी माँ गुजराती थीं, (हँसते हुए) और मैं जब भी आपके पास आया, आपने मुझे कुछ न कुछ गुजराती खिलाया”
लता जी: “आप क्या हैं आपको ख़ुद आपको पता नहीं है, आपके आने से भारत का चित्र बदल रहा है और वही देख मुझे बहुत ख़ुशी होती है और मुझे बहुत अच्छा लगता है”
मोदी जी: “बस दीदी आपका आशीर्वाद मुझपर और पूरे देश पर बना रहे, और हम जैसे लोग कुछ न कुछ अच्छा करते रहे। मुझे आपने मुझे हमेशा प्रेरणा दी है। आपकी चिट्ठी भी मुझे मिलती रहती है। आपकी कुछ भेंट सौगात भी मुझे मिलती रहती है। तो ये अपनापन जो एक पारिवारिक नाता है इसका मुझे बहुत आनंद मिला है”
लता जी: “नहीं मैं आपको बहुत तकलीफ नहीं देना चाहती हूँ, क्योंकि मैं देख रही हूँ कि आप कितने बिज़ी होते हैं, आपको कितना काम करना होता है, कितना सोचना पड़ता है। जब आप जा के अपनी माता जी के पाँव छू के आए, मैंने देखा, तब मैंने भी किसी को भेजा था उनके पास और उनका आशीर्वाद लिया था”
मोदी जी: “मेरी माँ को याद था, और वो मुझे बता रही थी”
लता जी: “और टेलेफोन पर उन्होंने मुझे आशीर्वाद दिया था तो मुझे बहुत अच्छा लगा“
मोदी जी: “हमारी माँ बहुत प्रसन्न थीं आपसे बात होने पर और मैं बहुत आभारी हूँ कि आप मुझे इतना प्यार करती हैं और मैं फिर एक बार आपको जन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनाएं देता हूँ और इस बार मुम्बई आया तो दिल में था कि रूबरू आ जाऊं, लेकिन समय की इतनी व्यस्तता थी कि मैं आ नहीं पाया लेकिन मैं बहुत ही जल्द आऊंगा कुछ न कुछ गुजराती व्यंजन आपके हाथ से खाऊंगा (हँसते हुए)”
लता जी: “जी ये तो मेरा सुभाग्य होगा।“
इसके बाद मोदी जी ने उन्हें प्रणाम किया और अमेरिका जाने की तैयारी में जुट गये।
सिद्धार्थ अरोड़ा ‘सहर’