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सुभाष घई और उनका सिने प्रेम

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By Mayapuri Desk
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सुभाष घई और उनका सिने प्रेम

शान्तिस्वरुप त्रिपाठी

एक्शन या प्रेम कहानी प्रधान फिल्मों पर जोर

सुभाष घई सदैव एक्शन या प्रेम कहानी प्रधान फिल्मों पर ही जोर देते रहे हैं. उन्होंने एक बार कहा था-

‘‘

मैं ज्यादातर प्रेम कहानियों और एक्शन फिल्मों पर ही काम करता हॅूं।

कालीचरण

और

विश्वनाथ

के बाद मैंने

कर्ज

बनायी। फिर मैंने एक पारिवारिक फिल्म

विधाता

और

हीरो

बनाई। उसके बाद

कर्मा

और

राम लखन

बनायी। मैं कभी नहीं चाहता था कि मेरी फिल्में बासी/ पुरानी नजर आएं।

’’

सुभाष घई और उनका सिने प्रेम

किरदार के उपयुक्त कलाकार की खोज

सुभाष घई ने हमेशा फिल्म के किरदारों के उपयुक्त कलाकारों की खोजकर उनके साथ काम किया. इसी के चलते उन्होंने माधुरी दीक्षित

,

मनीषा कोइराला और महिमा चौधरी को खोजा था. जब वह फिल्म

काॅंची

बना रहे

 

थे

,

तब वह किसी भी बड़ी अभिनेत्री के साथ काम कर सकते थे

,

पर उन्होंने एक नई लड़की मिष्टी को तलाषा। तब उन्होंने कहा था-

‘‘

मैं अपनी नायिका या अपनी पटकथा के बारे में सोच सकता हूँ! फिल्म

कांची

के लिए मैं कैटरीना कैफ या करीना कपूर को ले सकता था

,

मगर मैंने नए चेहरे की तलाश की।

सुभाष घई और उनका सिने प्रेम

यह एक ऐसी

20

वर्षीय पहाड़ी लड़की की कहानी है

,

जो दबंग समुदाय से है और अपनी बेहतरी के लिए लड़ना जानती है। मैंने

300

लड़कियों का ऑडीशन लेने के बाद कोलकाता की मिष्टी को चुना। मिष्टी नृत्य अच्छा नहीं कर सकती

,

मगर वह नाटक और भावनाओं के साथ बहुत अच्छी है। जब वह बोलती है

,

तो दुनिया थर्रा जाती है ... इसलिए मैं एक मासूम चेहरे से भाव निकालना चाहता था! यदि फिल्म सफल हो जाती है

,

तो वह एक बड़ी स्टार बन जाएगी। यदि नहीं

,

तो कम से कम लोगों को याद रहेगा कि इसे

मुक्ता आर्ट्स

द्वारा लॉन्च किया गया था। अंत में वह जीत जाएगी।

दिलीप कुमार

सुभाष घई ने दिलीप कुमार के साथ

सौदागर

में उस वक्त काम किया था

जब वह फिल्में करने के लिए तैयार नहीं थे।

सौदागर

से दिलीप कुमार के करियर की दूसरी

 

पारी शुरू हुई थी।वह कहते हैं-

‘‘

मैंने दिलीप कुमार के साथ तीन फिल्में कीं

,

तब वह सुपरस्टार नहीं थे। वह उस समय अपनी दूसरी पारी खेल रहे थे। मैंने एक नए लड़के और दो दिग्गजों द्वारा समर्थित एक नई लड़की के साथ

हीरो

बनाया

,

जिसमें संजीव कुमार और शम्मी कपूर थे। मैंने एक नए लड़के और दो दिग्गजों दिलीप कुमार और राज कुमार द्वारा समर्थित एक नई लड़की के साथ

सौदागर

बनाई। मैंने एक नए लड़के और एक नई लड़की मिष्टी मुखर्जी के साथ

काँची

बनायी

,

जिसमें ऋषि कपूर और मिथुन चक्रवर्ती यह दो दिग्गज रहे।

’’

सुभाष घई और उनका सिने प्रेम

शाहरुख खान

सुभाष घई ने शाहरुख खान के साथ तीन फिल्मों का अनुबंध किया था। इनमें से दो फिल्में

त्रिमूर्ति

और

परदेस

बनी। मगर तीसरी फिल्म

‘‘

मातृभूमि

कभी नही बन पायी।

सुभाष घई और उनका सिने प्रेम

हार मानना सुभाष घई की फितरत नहीं

इन दिनों आदित्य चोपड़ा और करण जौहर जैसे बड़े नाम बन गए हैं। पर सुभाष घई ने हार नहीं मानी है. वह कहते हैं-

‘‘

मैं चार दशकों से अधिक समय से काम कर रहा हूं। मैं एकमात्र निर्देशक हूॅ

,

जिसने बहुत

कम समय में

13

हिट फिल्में दीं। उस समय बहुत बड़ी प्रतिस्पर्धा थी - मनमोहन देसाई

,

प्रकाश मेहरा

,

फिरोज खान और एन चंद्रा जैसे कई अन्य बड़े नाम थे। लेकिन मैंने कभी शिकायत नहीं की। जहां तक मेरी फिल्म की बात है

,

तो मैं सर्वश्रेष्ठ हूं। मैं सर्वश्रेष्ठ निर्देशक हूँ! जिस क्षण आप अपनी तुलना करना शुरू करते हैं

,

आप डर जाते हैं। मीडिया और व्यापार को आपकी तुलना दूसरों से करने दें। लेकिन आपको खुद पर विश्वास करना होगा। क्योंकि मैं उनकी तरह की फिल्में नहीं बनाता हूं और वह मेरी तरह की फिल्में नहीं बनाते हैं। मैं अनुराग कश्यप

,

दिबाकर बनर्जी

,

आदित्य चोपड़ा या करण जौहर के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर रहा हूं। मैं सुभाष घई के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहा हूं। यह एक रेस ट्रैक नहीं है।

’’

सुभाष घई और उनका सिने प्रेम

प्रोफशन व रिश्ते अलगः

सुभाष घई लोगों के साथ रिष्तें बनाते हैं

,

मगर उसमें प्रोफेशन को मिलाते नहीं है। षत्रुघ्न सिन्हा के साथ सुभाष घई ने

‘‘

कालीचरण

’’

और

‘‘

विश्व

नाथ

’’

में काम किया था

,

उसके बाद दोनो ने एक साथ काम नहीं किया. इस पर सुभाष घई का कहना है-

‘‘

मैंने शत्रुघ्न सिन्हा के साथ

कालीचरण

और

विश्वनाथ

में काम किया

,

लेकिन उसके बाद हमने कभी साथ काम नहीं किया।

वह अभी भी मेरा सबसे अच्छा दोस्त और परिवार का सदस्य है। मैंने तीन दशकों तक ऋषि कपूर के साथ काम नहीं किया ...पर जब तक वह जिंदा रहे

,

मेरे सबसे अच्छे दोस्त रहे। मैंने तीन दषक के बाद ऋषि कपूर संग

कांची

की थी। एक साथ काम करना महत्वपूर्ण नहीं है। रिश्ते को बनाए रखना है। मैं आज भी महिमा के साथ सौहार्दपूर्ण हूं। माधुरी आज टीवी की सबसे बड़ी स्टार हैं। पेशेवर और व्यक्तिगत संबंधों में अंतर है। मैं माधुरी और उनके परिवार के साथ अपने व्यक्तिगत संबंधों का सम्मान करता हूं। अगर मेरे पास उसके लिए कोई स्क्रिप्ट है

,

तो मैं उससे संपर्क करूंगा।

’’

सुभाष घई और उनका सिने प्रेम

खुद अपनी फिल्म का रीमेक बनाने के खिलाफ

जब सभी अपनी पुरानी फिल्मों का रीमेक बना रहे हैं

,

तब भी सुभाष घई इसके पक्ष में नही हैं. इस पर वह कह चुके हैं-

‘‘

मैं अपनी फिल्मों का रीमेक कैसे बना सकता हूं

?

क्या मैं फिर से कालीचरण का रीमेक

बना सकता हूं

?

क्या मैं फिर से राम लखन बना सकता हूँ

?

यह बेवकूफी लगेगा। मैं इन फिल्मों को दोबारा कैसे बना सकता हूं

?

मैंने अपने जीवन के इतने वर्षों में काम किया है

,

मैं खुद को उत्कृष्ट बनाना चाहता हूं। मैं वापस नहीं जा सकता।

’’

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