‘‘सुभाष घई ने मुझे अमिताभ बच्चन के सामने मुख्य विलेन का किरदार दिया था, मगर..’’ -लिलिपुट By Mayapuri Desk 09 Nov 2020 | एडिट 09 Nov 2020 23:00 IST in एंटरटेनमेंट New Update Follow Us शेयर सुभाष घई ने अमिताभ बच्चन के साथ एक बड़ी फिल्म करने की सोची. इसके लिए उन्होंने बेहतरीन कहानी लिखी और एक नया प्रयोग करते हुए अमिताभ बच्चन के सामने विलेन का किरदार निभाने के लिए लिलिपुट को चुना। उन दिनों लिलिपुट संघर्ष कर रहे थे। इस फिल्म पर काफी काम हुआ। मगर अंत में एक दिन अमिताभ बच्चन और सुभाष घई अलग हो गए। और फिल्म हमेशा के लिए बंद कर दी गयी। मगर आज तक सुभाष घई ने इस फिल्म व अमिताभ बच्चन को लेकर कुछ नहीं कहा। मगर जब हमने इस संबंध में लिलिपुट से बात की , तो उन्होंने पूरी कथा बयां कर डाली। लिलिपुट बताते हैं- ‘‘ मेरा एक नाटक था.दंगा , जिसमें मैं पांच अलग अलग किरदार निभाता था। इस नाटक को देखकर सुभाष घई काफी प्रभावित हुए। नाटक खत्म होने केे बाद मैं अपना मेकअप छुड़ाने लगा , पर उन्होंने मेरा इंतजार किया। मुलाकात हुई , बात हुईं। उन दिनों हम आत्माराम जी के लिए फिल्म ‘ श रारत ’ लिख रहे थे , उन्हें पता था कि मेरे पास रहने के लिए जगह नहीं है। तो उन्होंने मुझे अपने आँफिस में ही रहने की जगह दे दी थी। इधर उधर भी लिख रहा था। सागर जी के लिए भी काम कर रहा था। फुुर्सत में हम ताश खेलते रहते थे। एक दिन सुभाष घई का फोन आया , उन्होंने अपने आँफिस मिलने के लिए बुलाया। मैं काम काफी कर रहा था , फिर भी उस वक्त मेरे पास पैसे की तंगी थी। अंधेरी पूर्व से बांद्रा जाना था। पैदल जाने पर पहुॅचना मुश्किल था। बस या टैक्सी का किराया देने के पैसे नही थे। तभी मेरा एक गैर फिल्मी दोस्त मुझसे मिलने आया , उसके पास गाड़ी थी। उसे मैने बताया , तो उसने कहा कि चलो मैं छोड़ देता हूं। सुभाष घई के आँफिस में मेरी अच्छी आवभगत हुई। जिससे मुझे आष्चर्य हुआ। उन दिनों मैं कुछ फिल्में लिखने के साथ ही रामानंद सागर की एक फिल्म , ‘ चिंगारी ’, ‘ पत्तों की बाजी ’ सहित पांच छह फिल्मों में अभिनय कर रहा था , जिनकी शूटिंग चल रही थी। ’’ लिलिपुट आगे बताते हैं- ‘‘ मैं सुभाष घई से उनके आँफिस में मिला , उन्होंने कहा कि सुना है कि बहुत व्यस्त हो। मेरी फिल्मों के नाम पूछे और कहा कि सारी फिल्में छोड़ दो। मैंने उनसे कहा कि मेरी औकात तो नहीं है कि जिनकी फिल्मों की कुछ दिन शूटिंग की है , उन्हें मना कर दूं। पर जो फिल्में शुरू नहीं हुई हैं , उनके पास जाकर हाथ पांव जोड़कर उन्हें मना कर सकता हूं। तब सुभाष घई ने कहा कि , ठीक है , मैं सब संभाल लूँगा। उन्होंने कहा कि वह मुझे एक फिल्म में मुख्य विलेन का किरदार दे रहे हैं , जिसके हीरो अमिताभ बच्चन हैं। आप यह समझ ले कि उनकी बात सुनकर मैं बेहोश नहीं हुआ. पर वह चाहते थे कि उनकी फिल्म से पहले मेरी फिल्में रिलीज न हो। मैंने अपने दोस्त की सलाह न मानते हुए सभी फिल्में छोड़ दी। मेरा फोटो शूट हुआ। खास पोशाक सिलवायी गयी थी। और बड़े बड़े पोस्टर बन गए थे। पर मेरी किस्मत खराब थी कि वह फिल्म नही बनीं जबकि उनका आफर अच्छा था। मासिक खर्च , मकान व गाड़ी देने का वायदा किया था। पर उन्होंने साइन नहीं किया। लेकिन जिन फिल्मों की शूटिंग चल रही थी , उनकी शूटिंग करने से मना नहीं किया। एक दिन महबूब स्टूडियो में मिलने के लिए बुलाया। कई लोगों के सामने मेरे अभिनय की तारीफ की। फिर एक दिन आँफिस बुलाकर कहा कि अमिताभ जी बीमार हो गए हैं , इसलिए फिल्म बंद कर रहा हूँ। अब आप स्वतंत्र हैं। इस फिल्म मे मेरा किरदार काफी जटिल था। उसे लंबे कद के इंसानों से नफरत होती है। बहुत ही कनिंग और तेज दिमाग वाला किरदार था। ’’ लिलिपुट अपनी ही लय में अमिताभ बच्चन का जिक्र करते हुए कहते हैं- ‘ फिर जावेद अख्तर ने फिल्म ‘ आलीषान ’ दिलवायी , जिसमें अमिताभ बच्चन के साथ मेरा पैररल किरदार था। हमने फिल्मालय स्टूडियों में दस दिन शूटिंग भी की , पर यह फिल्म भी नहीं बनी। तब मैंने कहा कि डोंट ट्राय टू अट्रैक्ट मीं। मैंने यह जोक अमिताभ बच्चन जी को भी सुनाया था। अब इसे आप किस्मत ही कहेंगे। जब किस्मत खराब हो , तो क्या करेंगे। ’’ लिलिपुट कहते हैं- ‘‘ पर कई बार किस्मत भी इंसान से हार जाती है। मैं जहां भी जिस मुकाम पर हूं , वहां किस्मत ने ही पहुॅचाया है। मेरा मानना है कि किस्मत और कर्म , पति पत्नी की तरह हैं। पति के बिना पत्नी का और पत्नी के बिना मर्द का गुजारा नहीं। वैसे ही कर्म और किस्मत का एक दूसरे के बिना गुजारा नहीं। यह लिलिपुट का दर्शन शास्त्र है। ’’ #सुभाष घई हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article