उस सुबह सुभाष घई ने अनुपम खेर को घर जाने के लिये कहा... By Mayapuri Desk 07 Nov 2020 | एडिट 07 Nov 2020 23:00 IST in एंटरटेनमेंट New Update Follow Us शेयर अनुपम खेर उन दिनों कामयाबी के सातवें आसमान पर झूम रहे थे। और जिस एक्टर ने अपनी पहले ही फ़िल्म में चैसठ साल के लाचार बूढ़े का किरदार निभाया था, उसको सुभाष घई ने एक खतरनाक विलन (डॉ. डेंग) का किरदार निभाने के लिये साईन किया था जिससे अनुपम एक बड़ा स्टार बन गया था। जिस रात “कर्मा“ लांच हुई थी, अनुपम और उसकी बीवी किरण को राज कपूर और दिलीप कुमार और उनके बीवियों, कृष्णा और सायरा बानू के साथ एक ही टेबल पर बैठने का मौका मिला था। अनुपम ने खास शेरवानी पहनी हुई थी उस खास मौके के लिये। उस समय दोनो राज कपूर और दिलीप कुमार ने बहुत ज्यादा तारीफ कर दी थी अनुपम का उनके काम के वजह से और अनुपम इतने खुश हो गये थे कि उन्होंने कुछ ज्यादा ही शराब पी गये और उसी टेबल पर खड़े होकर नाचने लगे थे और किरण इतनी शर्मसार हो गई थी की उसने अनुपम को सबके सामने डांटा भी और गाड़ी में बिठाकर घर लेकर गई। “कर्मा“ की शूटिंग शुरू हो गई थी मुंबई के एसएल स्टूडियो में जहाँ एक बहुत बड़ा जेल का सेट लगा हुआ था। उस सुबह अनुपम को दिलीप कुमार के साथ पहली बार एक लंबा सीन करना था। अनुपम जो उन दिनों मे मेरा खास दोस्त था ने मुझसे रिक्वेस्ट कि की अपने साथ चलने की। हम एसएल स्टूडियो पहुंच गये। सुभाषजी ने अनुपम का स्वागत किया और अपने रूम में रिलैक्स होने को कहा और कहा कि शार्ट रेडी होने पर वो उसको बुलाएंगे। रूम में सिर्फ अनुपम और मैं था। मैंने देखा कि अनुपम बहुत ही टेंशन में थे और नर्वस हो रहे थे, यहाँ तक कि उनके दोनो हाथ पसीने पसीने हो गये थे और वो बिल्कुल शान्त हो गये थे जैसे कोई डरा हुआ बच्चा होता है ..... एक घंटे के बाद सुभाषजी अनुपम के रूम में आये और उन्होंने अनुपम कि हालत देखी और दस मिनट के अंदर उन्होंने अनुपम को घर जाने के लिये कहा। मैंने कभी अनुपम के चेहरे पर इतना डर कभी नहीं देखा था। उसको लगा था कि सुभाष घई उसको “कर्मा“ से और डॉ. डेंग के रोल से निकाल रहे हैं। मैंने सुभाषजी को अनुपम कि हालत के बारे में बताया और सुभाषजी अनुपम के रूम में वापस आये और उनको दिलासा दिया कि वो उनको फ़िल्म से नही निकालेंगे। सुभाषजी ने अनुपम को कहा कि बड़े बड़े एक्टरों का यही हाल होता है जब उनको दिलीप कुमार के साथ पहली बार काम करना होता है। सुभाषजी ने अनुपम से आगे कहा “घर जाकर थोड़ा आराम करो, अपनी कॉन्फिडेंस को सही करो और कल सुबह फ्रेश होकर आओ, सब ठीक हो जायेगा “अगले दिन एक नया अनुपम सेट पर आया और उनका पहला ही शॉट दिलीप कुमार के साथ ओके हो गया और फिर क्या ....जब अनुपम ने डॉ. डेंग में जान डाल दी, उसको फिर कोई रोक नहीं सका। वो एक्टर जिसको डायरेक्टर्स ए.के.हंगल के रिजेक्ट किये हुये रोल ऑफर कर रहे थे, वही दिग्दर्शक उसके लिये खास रोल लिखने लगे। सुभाष घई एक ऐसे दिग्दर्शक है जिन्होंने कभी स्टार्स के साथ काम के बारे में कोई कोम्प्रोमाईज़ नहीं किया। वो अपनी पहली प्रोडक्शन “कर्ज़ “ की शूटिंग ऊटी में कर रहे थे। फ़िल्म के छःरील शूट हो चुके थे। ऊटी के शूटिंग के दौरान उनके और टीना मुनीम के बीच कुछ खटपट हो गई थी और सुभाष ने सेट पर ही टीना पर अपनी भड़ास निकाली और सबके सामने कहा “शूटिंग पैक अप, मैं ऐसी हिरोईन के साथ काम नहीं कर सकता जो दिग्दर्शक कि बात नहीं माने “पूरे यूनिट में खलबली मच गई और कुछ ही समय बाद टीना ने सुभाषजी से माफी मांगी और फिर शूटिंग में कोई रुकावट नहीं आई और “कर्ज़“ एक यादगार फ़िल्म बन गई सबके लिये। सुभाष ने “सौदागर“ में दिलीप कुमार और राज कपूर को साईन कर लिया था। लेकिन उनको एक बड़े विलेन कि जरूरत थी और उनको सिर्फ अमरीश पुरी चाहिए था, लेकिन अमरीशजी की फीस इतनी थी कि सुभाषजी को वो प्राइस मंज़ूर नहीं थी। एक दिन अमरीशजी सुभाषजी के घर मिलने गये। उन्होंने देखा कि सुभाषजी एक कैनवस पर कोई तस्वीर पेंट कर रहे थे। अमरीशजी ने पूछा कि वो किसकी तस्वीर थी। सुभाषजी ने एक एक्टर का नाम बताया और कहा “ये आपका रोल करेगा मेरी फिल्म में, क्योंकि आपकी प्राइस मैं दे नहीं सकता “अमरीशजी ने उसी वक़्त सुभाषजी से कहा “आप जो भी प्राइस देंगे मुझे मंज़ूर है लेकिन मुझे ये रोल करना है“। और “सौदागर“ के विलन की खोज खत्म हुई। राम लखन का एक सीन शूट हो रहा था फिल्मिस्तान स्टूडियो में। माधुरी दीक्षित को एक सीन करना था जिसमें वो अनिल कपूर को देखकर शर्माती है। आठ टेक हुये लेकिन सुभाषजी संतुष्ट नहीं थे। आखिर वो माधुरी के पास गये और एक ही मिनट में माधुरी को दिखाया उसको क्या करना था और जब सुभाषजी ने वो शर्माने का सीन करके दिखाया तो सारे फ्लोर पर तालिया बजी और माधुरी का अगला हि टेक परफेक्ट भी हो गया, ओके भी हो गया और वो सीन मेरे हिसाब से माधुरी के बेहतरीन सीनों में से एक है। यश चोपड़ा और सुभाष घई के फ़िल्म बनाने के तरीके भले ही बहुत अलग हो, लेकिन एक चीज़ कॉमन थी और कॉमन है और वो है एक्टर्स को सीन करके दिखाना और वो उनकी कामयाबी का सबसे बड़ा रहस्य है। #अनुपम खेर #सुभाष घई हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article