शरद राय
बात तब की है जब घई के अपने बैनर मुक्ता आट्र्स के अंतर्गत फ़िल्म
’
हीरो
’
के लिए हीरोइन चुनने का ऑडिशन रखा गया था।
’
काली चरण
’, ’
विश्वनाथ
’, ’
कर्ज़
’
जैसी सफल फिल्मों के निर्देशक के रूप में सुभाष घई के नाम की खूब चर्चा थी। ऑडिशन देने आने वाली खूबसूरत लड़कियों की तब बॉलीवुड में भीड़ हुआ करती थी। आज के कोरोना जैसे हालात में सोचना भी मुश्किल है कि तब नामचीन निर्देशकों की फिल्मों में काम पाने के लिए क्या क्रेज हुआ करती थी ! आनेवाली खूबसूरत यौवनाओं में
1981
की मिसइंडिया शशिकला शेषाद्री भी थी।
जी हां
,
शशिकला शेषाद्री यही नाम था मीनाक्षी शेषाद्री का। वह इव्ज़वीकली -फेमिना मिस इंडिया का खिताब जीती थी दो साल पहले
,
तब सिर्फ
17
वर्ष की थी। ऑडिशन पास होने के बाद और फ़िल्म शुरू होने से पहले शशि कला
,
शेषाद्री का नामकरण किया गया था- मीनाक्षी शेषाद्री के रूप में। इसके पीछे भी एक रोचक सोच है। दरअसल घई को
’
म
’
नाम बहुत लकी समझ मे आया। जब वह अपनी मैडम का नाम
’
रेहाना
’
से बदलकर
’
मुक्ता
’
रखे थे
,
उनके जीवन मे कामयाबी का रास्ता खुल गया। इसीलिए वह अपनी हीरोइनों का नाम भी
’
म
’
से रखने लगे। माधुरी दीक्षित के बाद शशिकला का नाम रखे मीनाक्षी
,
रीतू चैधरी का नाम महिमा चैधरी...। यह सोच भले ही भ्रम समझी जाए
,
फ़िल्म इंडस्ट्री में कामयाब नुस्खा माना जाता है। शायद सुभाष घई से ही यह प्रचलन शुरू हुआ है लेकिन
,
फ़िल्म वालों में नाम और नाम की स्पेलिंग बदलने वालों की एक लंबी फेहरिस्त है।
बहरहाल मीनाक्षी मिस इंडिया थी और ऑडिशन में उनका सेलेक्शन लगभग तय था। किंतु अपनी प्रोफाइल में वह मिस इंडिया का फोटो नहीं लगाई थी। तब
,
आज के जैसा इंटरनेट का अवतरण इंडिया में नहीं आया था। मीनाक्षी का फोटो उनके पास था ही नहीं
,
देती कहां से
?
दरअसल तब मीनाक्षी एक फ़िल्म के लिए अनुबंधित थी। वह मनोज कुमार की फ़िल्म
’
पेंटर बाबू
’
कर रही थी। मनोज कुमार यह फ़िल्म अपने छोटे भाई राजीव गोस्वामी को लांच करने के लिए बना रहे थे। फ़िल्म बिना शोर शराबे के बन रही थी। लोगों का ख्याल था मनोज जी फ़िल्म फॉर्मेलिटी के लिए बना रहे हैं। और
,
फ़िल्म का हश्र भी वही हुआ।
लोग यही जानते हैं कि मीनाक्षी की लॉनिं्चग फ़िल्म जैकी श्रॉफ के साथ
’
हीरो
’
ही है। खैर
, ’
पेन्टरबाबू
’
के शुरुआत पर ही मैंने मीनाक्षी का इंटरव्यू किया था और छापने के लिए वह फ़ोटो ले लिया था इस वादे के साथ कि वापस करुंगा। मीनाक्षी की मां ने मुझे बहुत चेताया था कि उनके पास यह
एकलौती फ़ोटो है। फ़ोटो मैं वापस नहीं कर पाया था क्योंकि मैं जिस फ़िल्म पत्रिका के लिए काम क
रता था वहां ऑफिस से फ़ोटो गुम हो गई थी। मुझे जब कभी मीनाक्षी और उनकी मां देखती थी
,
फ़ोटो के लिए चिल्लाकर आवाज देती थी। यहां तक कि फ़िल्म
’
हीरो
’
के मुहूर्त तक (मेहबूब स्टूडियो में) वह मुझसे फ़ोटो के लिए बोली थी। खैर
,
सुभाष जी जानते थे
,
वह मिस इंडिया कांटेस्ट में थे भी
,
घई ने शशिकला को
’
मीनाक्षी
’
बनाकर
’
हीरो
’ (
जैकी श्रॉफ) की हिरोइन बना दिया था।
बाकी तो सब इतिहास है।