Birthday Special Tanuja: 12 साल की उम्र में अपनी बेटी kajol को दी थी ज़िन्दगी जीने की आज़ादी

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By Ali Peter John
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tanuja तनुजा हिन्दी फिल्म इंडस्ट्री की शुरुआती लिबरल महिलाओं में से एक थीं. उनकी अपनी अलग ही जीवन शैली थी और वो हर तरह की लेटेस्ट सब्जेक्ट्स की,हर वैरायटी की किताबें पढ़ती थीं और बड़े जानकर, नामी राइटर-डायरेक्टर्स-एक्टर्स को भी काम्प्लेक्स फील करवा देती थीं. वो कई बार जानबूझकर तनुजा tanuja की बातों को अवॉयड करते थे क्योंकि वो तनुजा tanuja की बुद्धि और उनकी सोच तक पहुँच ही नहीं सकते थे. वो खुले में शराब पीती थीं, सिगरेट फूंकती थी और इस बात की उन्हें कोई परवाह नहीं थी कि लोग उनके बारे में क्या सोचेंगे. वो कुछ भी किसी के भी सामने बोलने से डरती नहीं थीं, एक बार उन्होंने राजेश खन्ना rajesh khanna से कह दिया था कि मुझे आपके साथ अब और काम नहीं करना है क्योंकि आपको हर मामले में अपनी नाक घुसाने की आदत है जो कि मुझे बिलकुल पसंद नहीं है. ये हाल तब था जब वो 'हाथी मेरे साथी' hathi mere sathi और 'मेरे जीवन साथी' mere jeewan sath सरीखी दो ब्लॉकबस्टर फिल्में राजेश खन्ना के साथ कर चुकी थीं. तनुजा के अलावा किसी की हिम्मत नहीं थी कि ये शब्द उस आदमी को कहे जो ख़ुद को इंडस्ट्री का भगवान या भगवान के ठीक बाद मानने लग गया था. पर चाहें कोई कितनी कोशिश कर लेता, तनुजा जो है उसे उससे बदल नहीं सकता था.  

tanuja तनुजा ने लगभग न मालूम से डायरेक्टर शोमू मुखर्जी के साथ शादी की और वो भी तब की जब वो अपने कैरियर की ऊंचाई पर थीं. उनकी पहली बेटी का नाम रखा गया काजोल. इस काजोल को फिल्म इंडस्ट्री में कैरियर बनाने का बिलकुल भी इंटरेस्ट नहीं था. उसे सिर्फ एक चीज़ का शौक था वो था पढ़ना, मात्र दस साल की उम्र में काजोल ने उस समय सबसे मशहूर और बड़ी से बड़ी किताबें भी पढ़ डाली थीं.  तनुजा ने काजोल को बारह साल का होने तक अपनी गाइडेंस में यूँ तो पूरी आज़ादी दी ही हुई थी लेकिन जब काजोल १२वां जन्मदिन मना चुकी थीं तो तनुजा ने काजोल से कहा कि अबसे तनुजा tanuja उसकी ज़िन्दगी के किसी भी फैसले में कोई रोकटोक नहीं करेगीं. उन्होंने कहा, मैंने तुम्हें हमेशा एक व्यस्क महिला की तरह ही समझा है और अब मुझे लगता है कि वो समय आ गया है जब तुम अपने पंखों पर पूरी तरह उड़ना सीखो. तुम अपनी ज़िन्दगी की ख़ुद मालकिन हो.

kajol काजोल ने अपनी माँ की सलाह को बहुत गंभीरता से लिया और अपनी किताबों के साथ दोस्ती को और आगे बढ़ाया. लेकिन गौतम राजध्यक्षा, जो एक बेहतरीन फोटोग्राफर होने के साथ-साथ तनुजा का बहुत अच्छा दोस्त भी था, इससे कुछ ही मुलाकात करने के बाद काजोल का इंटरेस्ट फिल्मों के प्रति पहली बार जागा. गौतम जो एक लेखक भी था उसने एक स्क्रिप्ट लिखी जो काजोल को बहुत पसंद आई और वो स्क्रिप्ट आगे चलकर एक फिल्म बनी 'बेख़ुदी' bekhudi, जिसे काजोल की डेब्यू फिल्म के तौर पर जाना जाता है. फिल्म तो नहीं चली पर भविष्य के लिए काजोल एक अभिनेत्री के रूप में स्वीकार कर ली गयी और काजोल ने एक के बाद एक बेहतरीन परफॉरमेंस देकर एक अदाकारा होने के नाते अपना सिक्का और मजबूत कर लिया. इनमें भी शीर्ष स्थान 'दिलवाले दुल्हनिया ले जायेगे' dilwale dulhaniya le jaege और कभी कुछ-कुछ होता है' से मिल गया और फिर अगर कोई काजोल और फिर अगर कोई काजोल के बीच में आ सकता था तो वो काजोल ख़ुद ही होतीं. और कोई एक शख्स जो काजोल के अपनी मर्ज़ी से काम करने को लेकर ख़ुश और रोमांचित था तो वो थीं उनकी माँ, तनुजा. जब काजोल ने तनुजा को बताया कि वो अजय देवगन से प्यार करती हैं और उसके साथ शादी करना चाहती हैं तो तनुजा ने उसे बधाई दी और कहा ये पूरी तरह उसका डिसिशन है, मुझसे पूछने की कोई ज़रुरत नहीं है, तुम्हारी ज़िन्दगी में दखलंदाज़ी करने का मेरा कोई हक़ नहीं बनता. ये एक वाक्य तनुजा ने काजोल से जब कहा तो काजोल का भरोसा अपनी माँ की सुझबूझ और ज़िन्दगी जीने के तरीके पर और बढ़ गया. 

kajol काजोल आज न सिर्फ लीडिंग अभिनेत्रियों में से एक है बल्कि दो बच्चों, न्यासा और युग की केयरिंग माँ भी हैं. पर उनके बच्चों की बात करें तो, स्पेशली न्यासा के बारे में, तो वो उसी रास्ते को फॉलो करती है जो उसकी माँ ने उसे तब समझाया था जब वो बहुत छोटी थी.  

मैं अपने मोबाइल को देख रहा था कि मेरी नज़र काजोल kajol पर लिखी एक स्टोरी पर पड़ी जो उसकी और उसकी माँ के रिश्ते को बयां करती थी और जिस चीज़ ने मेरी नज़र अपनी ओर खींची वो काजोल की कही दो बातें थीं जो उसने तनुजा के लिए कहीं थीं जिन्हें वो आज भी 'मम्मा' कहती है. काजोल ने कहा कि जब उनकी माँ उनके पास होती हैं तो उन्हें लगता है कि वो पूरी एक आर्मी के साथ हैं, उन्हें इतना सुरक्षित महसूस होता है और दूसरी बात उनके शब्दों में ही कि "(माँ के लिए), तुम एक योद्धा हो, एक औरत, एक पत्नी, एक माँ और एक बेहतरीन इंसान और एक रूह भी. मैं बहुत खुशकिस्मत हूँ कि मैं तुम्हारी बेटी बनकर जन्मीं. काजोल ने प्रण लिया था कि अपने बच्चों की परवरिश भी उसी तरह करेंगी जिस तरह उनकी माँ ने उनकी परवरिश की थी. 

मज़े की बात, काजोल बहुत समय बाद एक बिलकुल अनोखी फिल्म "त्रिभंग- टेढ़ी-मेढ़ी-क्रेज़ी" Tribhanga - Teddy Medi Crazy से वापसी कर रही हैं. इस फिल्म में काजोल के साथ तन्वी आज़मी भी हैं जो उषा किरण की बेटी हैं. इससे भी इंटरेस्टिंग बात ये है कि इस फिल्म को रेणुका शहाणे ने डायरेक्ट किया है जो 'हम आपके हैं कौन' ham apke hai koun नामक फिल्म से जानी जाती हैं. इसी फिल्म में एक और दिलचस्प अदकारा मिथिला पालकर भी हैं जो दिलवाले दुल्हिनया ... और हम आपके हैं कौन.... दोनों में काम कर चुकी हैं. हम आपके हैं कौन की वो छोटी सी लड़की आज बड़ी होकर अच्छी एक्ट्रेस बन चुकी है और उसे हम आपके हैं कौन का एक एक डायलॉग, एक एक गाना, गाने के बोल और किसने क्या कॉस्ट्यूम  थी ये सब मुंह जबानी रटा हुआ है. इसलिए इस एक्ट्रेस को लोग हम आपके हैं कौन का इनसाइक्लोपीडिया कहते हैं. फिल्म की सिनेमेटोग्राफी अवार्ड विनिंग बाबा आज़मी ने की है जो शबाना आज़मी के भाई और तन्वी आज़मी के पति हैं. 

'त्रिभंग-टेडी मेडी क्रेज़ी' Tribhanga - Teddy Medi Crazy 15 जनवरी को एक OTT प्लेटफॉर्म पर रिलीज़ हो रही है और मुझे उम्मीद है कि रचनात्मक महिलाओं की टीम ठीक उसी तरह सफल होगी जिस तरह एयर इंडिया की सभी महिला पायलट कठिन चुनौती भरे उत्तरी ध्रुव से उड़ान भरने में सफल रहीं और एक उन्होंने रिकॉर्ड पूरा कर  बेंगलुरु से सैन फ्रान्सिस्को और फिर वापसी की उड़ान भी भरी. मैं हमेशा चाहता था कि महिलाएं इस पुरुषों की दुनिया में सफलता के नए आयाम बुनें और इस पुरुषों की दुनिया को समझाएं कि वो इस दुनिया को बेहतर चला सकती हैं जिस ख़ूबसूरत दुनिया को आदमज़ात ने बर्बाद करके रख दिया है. 

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