जन्मदिन विशेष सीमा बिस्वास: बैंडिट क्वीन के नाम से मशहूर ‘फूलन देवी’ जेल से निकलते ही आत्मादाह करने वाली थीं By Siddharth Arora 'Sahar' 14 Jan 2023 in बीते लम्हें New Update Follow Us शेयर भारत में बनी मोस्ट कंट्रोवरशियल फिल्मों में से एक बैंडिट क्वीन शेखर कपूर की एक ऐसी फिल्म है जिससे कई बड़े नाम मिले थे। जो 1994 में इतनी वोइलेंट और रॉ थी कि उसे बैन करने की मांग उठने लगी थी। बैंडिट क्वीन ऐसी फिल्म थी जिसमें एक या दो बार नहीं बल्कि कई बार ऐसे भीषण बलात्कार के सीन दिखाए गये थे जो आज के फिल्ममेकर्स भी दिखाने की हिम्मत न कर पायें। फूलन देवी की बात करें तो 1981-82 में उनके ऊपर एक शादी में घुसकर मर्डर करने और उपद्रव मचाने का आरोप था। उन्हें जेल भी हुई लेकिन उनके हाल को जानते-समझते कोर्ट ने उनके ऊपर लगे सारे चार्जेस सन 1994 में ही हटा लिए थे। ख़बर थी कि कपूर बैंडिट क्वीन की ज़िन्दगी पर फिल्म बनाना चाहते थे। शेखर कपूर माला सेन की किताब इंडिया’ज़ बैंडिट क्वीन: ट्रू स्टोरीज़ ऑफ़ फूलन देवी को आधार बना फिल्म निर्माण शुरु कर चुके थे और उन्होंने फूलन देवी को बताना भी ज़रूरी नहीं समझा था। माला सेन की लिखी स्क्रिप्ट बहुत बड़ी थी जिसे शेखर कपूर ने एडिट करते-करते दो घंटे की फिल्म लायक बनाया था। इस फिल्म में सीमा बिस्वास पहली बार स्क्रीन पर आने वाली थीं। मनोज बाजपायी की भी ये पहली फिल्म थी। थिएटर के मशहूर कलाकार सौरभ शुक्ला की भी ये पहली ही फिल्म थी। सौरभ शुक्ला अक्सर एक आदमी को सेट पर आता देखते थे पर उन्होंने कभी उसे कोई काम करते नहीं देखा था। वो हैरान होते थे कि ये आखिर क्यों यहाँ आता है, इसे अलाऊ कौन करता है। फिर एक रोज़ सौरभ शुक्ला ने देखा कि वह शख्स सीधे शेखर कपूर से मिल रहा है और उनके साथ गाड़ी में बैठकर हँसता मुस्कुराता जा रहा है। तब पता चला कि ये वही शख्स है जिसका किरदार उनके दोस्त मनोज बाजपायी द्वारा निभाया जा रहा है। ‘डाकू मानसिंह मल्लाह’ फिल्म ठीक उसी वक़्त रिलीज़ हुई जिस वक़्त फूलन देवी के सारे चार्जेस माफ़ हो उन्हें रिहा किया गया था। फूलन को जब पता चला कि उनपर फिल्म बनी है और उन्हें बताया भी नहीं गया तो उन्हें ज़रा बुरा लगा पर जर्नलिस्ट अरुंधती रॉय ने जब इस फिल्म के रिव्यु में इसे ‘द ग्रेट इंडियन रेप ट्रिक’ जैसा फ्रेस दिया तो सबकी निगाहें उस ओर उठ गयीं। अरुंधती ने आपत्ति जताई कि बिना एक औरत की मर्ज़ी के कैसे शेखर कपूर उनकी ऐसी भयावह ज़िन्दगी फ़िल्मी पर्दे पर दिखा सकते हैं” अरुंधती की मदद से फूलन देवी ने उनपर कोर्ट केस भी किया और फिर धमकी भी दी कि अगर फिल्म रिलीज़ हो गयी तो वो सबके सामने थिएटर के बाहर ख़ुद को आग लगा लेगी। इस धमकी से शेखर कपूर क्या प्रोडक्शन हाउस चैनल फोर भी डर गया और उन्होंने कोर्ट के बाहर ही सेटलमेंट करने के इरादे से चालीस हज़ार पौंड पेमेंट की थी जो तब भी कम से कम आठ लाख रूपये के बराबर थी। इस सेटलमेंट के तुरंत बाद ही फूलन से अरुंधती को किनारे कर कोर्ट केस विदड्रा कर लिया और फिल्म का सपोर्ट भी करने लगीं। ढाई-तीन करोड़ में बनी ये फिल्म विश्वस्तर पर 22 करोड़ रूपये कमाने वाली फिल्म बनी। आज फूलनदेवी का जन्म दिवस होता था। लेकिन 25 जुलाई 2001 में उन्हें कुछ हत्यारों ने 15 गोलियां मार हमेशा के लिए चुप कर दिया। फूलन देवी सबकुछ सहकर भी किसी से न डरने वालों में से थीं। उनके करैक्टर को निभाने के बाद सीमा बिस्वास को नेशनल अवार्ड मिला। फिल्म को भी नेशनल अवार्ड मिला और शेखर कपूर भी नेशनल और फिल्मफेयर अवार्ड जीत गये। -सिद्धार्थ अरोड़ा ‘सहर’ #Manoj Bajpayee #Shekhar Kapoor #Bandit Queen #phoolan devi हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article