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पूर्व लेख:
आइए घड़ी को थोड़ा पीछे कर देते हैं. मुंबई में जन्में, पले बढ़े सिद्धार्थ शुक्ला अपने स्कूल के समय से ही गजब के स्पोर्ट्स पर्सन रहे थे. वह टेनिस और फुटबॉल जैसे गेम्स हाई स्टैमिना खेलों में महारथी थे और फिटनेस तो जैसे उनकी पहली मुहब्बत थी.
आपको ये भी बताते चलें कि सिद्धार्थ ऐक्टर होने से कहीं पहले इन्टीरीअर डिजाइनर थे और दो साल एक नामी इन्टीरीअर डिजाइनिंग कंपनी में जॉब भी कर चुके थे और अगर सूत्रों को सही मानें तो, वहाँ भी कामयाब इन्टीरीअर डिजाइनर थे. लेकिन सिद्धार्थ की कद काठी, उनकी शक्ल-सूरत उन्हें हमेशा से शो-बिजनेस में जाने के लिए उकसाती रहती थी इसलिए 2004 में, कोई 24 साल की उम्र में उन्होंने एक मशहूर मेगा-मॉडेल कॉन्टेस्ट में पार्टिसिपेट किया और रनर-अप भी बने. यहाँ से शो-बिज़ की तरफ उनकी दीवानगी और बढ़ गई. इसके बाद सिद्धार्थ वर्ल्ड बेस्ट मॉडेल कॉन्टेस्ट के लिए तुर्की गए और अमेरिका, यूरोप के मॉडेल्स को किनारे कर, वर्ल्ड के टॉप 40 मॉडेल्स में नंबर एक स्थान पर काबिज हो गए. ये बात 2005 की है.
एक शख्स जो अपनी खूबसूरत शक्ल और बेहतरीन फ़िजिक के चलते दुनिया में नंबर एक चुना गया है; उसने अपनी काठी को और तराशने का, नंबर एक पर काबिज रहने के लिए और मेहनत करने का इरादा कर लिया. इस कॉन्टेस्ट के बाद ही उन्हें टीवी एड और सिरियल्स मिलने शुरु हो गए पर सिद्धार्थ को असली पहचान मिली बालिका वधू से. 2012 में आए महिला केंद्रित धारवाहिक बालिका वधू में सिद्धार्थ अपनी अवॉर्ड विनिंग परफॉरमेंस दे गए. इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर न देखा, न उन्हें देखने की ज़रूरत पड़ी. बस अफ़सोस इस बात का है कि आगे निकलने की होड़ में वह सबको इतना पीछे छोड़ गए कि अब लौट भी नहीं सकते.
बालिका वधू के लिए उन्हें टेलीविजन का सबसे बड़ा अवॉर्ड मिला. इसके बाद झलक दिखला जा, सावधान इंडिया, खतरों के खिलाड़ी, इंडिया’ज़ गॉट टैलेंट आदि में काम कर सिद्धार्थ टीवी इंडस्ट्री पर छा गए. इधर करण जौहर के साथ तीन फिल्मों में काम करने का कान्ट्रैक्ट उन्हें बॉलीवुड में एंट्री पास के तौर पर मिल गया
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उनकी पहली फिल्म हम्पटी शर्मा की दुल्हनिया थी जिसमें वह आलिया भट्ट के मंगेतर बने थे. इस फिल्म में भी उनके काम की जम कर तारीफ हुई. (हालांकि अच्छी एक्केटिंग के बाद भी बाकी दो फिल्में क्यों नहीं आई, इसके बारे में भगवान ही बता सकते हैं)
2019 में सिद्धार्थ ने टीवी इंडस्ट्री के सबसे लोकप्रिय रीएलिटी शो, बिग बॉस 13 को भी अपने नाम कर लिया. आप यकीन जाने, सिद्धार्थ की पॉपुलरिटी इस हद तक थी कि पब्लिक ने उन्हें करोड़ों वोट देकर बिगबॉस जिताया था. और तो और वह पिछले साल, उन्हें एक वीकेंड में ‘सलमान खान’ की जगह शो होस्ट करने का भी मौका मिला था जिसे सिद्धार्थ ने बहुत अच्छी तरह निभाया था. 
ऊपर से अबतक पढ़ते आ रहे आप जनाब मुझे बताइए कि उनकी ज़िंदगी में क्या कमी थी?
 
उन्हें बिग बॉस के दौरान ही शहनाज़ गिल जैसी बेहद खूबसूरत और खुले तौर पर प्यार का इज़हार करने वाली प्रेमिका भी मिली थी. इतना ही नहीं, उनके घर में भी उन दोनों के रिश्ते को लेकर कोई आपत्ति नहीं थी. बल्कि जिस बिलिं्डग में सिद्धार्थ 12जी फ्लोर पर रहते थे, उसी बिलिं्डग में उनकी फैमिली पाँचवे माले पर बीएसई हुई थी.
1 तारीख की रात को सिद्धार्थ ठीक महसूस नहीं कर रहे थे, फिर भी उनका शाम का कसरत का रूटीन ज़रूरी था, सो वो जिम से होकर आए और आते ही बोले कि उन्हें ठीक महसूस नहीं हो रहा है. शाम के उस वक़्त उनकी माँ और शहनाज़ (सूत्रों के मुताबिक) वहीं थीं. उन्हें पसीने आने लगे, घबराहट होने लगी तो शहनाज़ उनकी पीठ सहलाने लगी. वहीं उनकी माँ नींबू पानी ले आईं और सोचा कि शायद सिद्धार्थ को इससे आराम मिलेगा. पर शायद ये समय नींबू पानी का नहीं, एम्बुलेंस बुलाने का था.
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इसके कुछ देर बाद ही सिद्धार्थ को बेहतर महसूस हो, इसके लिए शहनाज़ ने उन्हें आइस क्रीम दी. आधी रात के वक़्त सिद्धार्थ ने शहनाज़ से दरख्वास्त की कि “मेरे पास ही रहो, मुझे अच्छा नहीं लग रहा है, यही रुक जाओ”
सिद्धार्थ की ये बात सुनकर शहनाज़ ने उन्हें गोद में लिटा लिया. उनकी माँ अपने फ्लैट में चली गईं और ये कह गईं कि अगर कोई दिक्कत लगे तो मुझे फ़ौरन बुला लेना.
कोई डेढ़ बजे के बाद सिद्धार्थ शहनाज़ से ज़रा हटकर सो गए. तीन बजे उन्हें फिर अजीब सा लगने लगा तो शहनाज़ ने पानी पिलाया. सिद्धार्थ फिर एक करवट लेकर लेट गए. सुबह 7 बजे शहनाज़ की आँख खुली तो उसने पाया कि सिद्धार्थ ठीक उसी करवट हैं जिस करवट रात लेटे थे. शहनाज़ ने सिद्धार्थ को पुकारा, टटोला, लेकिन सिद्धार्थ नहीं हिले.
शहनाज़ के पैरों तले ज़मीन निकल गई. वह उनकी माँ को बुलाकर लाईं, बहनों को संग ले आईं, सबने सिद्धार्थ को आवाज़ दी पर सिद्धार्थ वहाँ होते तो सुनते, वहाँ बस एक शरीर था. एक ऐसे व्यक्ति का शरीर पड़ा था जो टीवी इंडस्ट्री में शीर्ष पर था, लेकिन उसे और आगे बढ़ना था.
सिद्धार्थ को कसरत करने का इतना शौक था कि वह तबीयत खराब होने पर भी वर्कआउट सेशन नहीं छोड़ते थे. इन दिनों बेस्ट बॉडी की चाह में बिना सप्लीमेंट और एसटरॉयड्स के बॉडीबिलिं्डग भी अधूरी मानी जाती है. सुनने में ये भी आया है कि वह सिगरेट खूब पीते थे. डिं्रकिंग ड्राइविंग केस में भी एक बार चालान कटवा चुके थे. तिसपर उन्हें स्ट्रेस भी बहुत रहती थी, शायद आगे बढ़ना, बॉलीवुड में पैर जमाना, हम्पटी शर्मा के बाद कुछ फिल्में लीड ऐक्टर के रूप में करने की भी अभिलाषा हो.
साथ ही काम इतना करते थे कि कई वेब सीरीज़, कई टीवी शोज़ की शूटिंग वह कर रहे थे.
इन सब कामों को छोड़, उन पर जान लुटाने वाली प्रेमिका को छोड़, उनसे बेहद स्नेह करने वाली दो बहनों और माँ को अकेली छोड़ अचानक दिल का दौरा पड़ने से सिद्धार्थ चले गए.
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उनके डॉक्टर का कहना था कि वह अक्सर सिद्धार्थ को वर्कआउट सेशन कम करने के लिए कहते थे. सिद्धार्थ शुक्ला दिन में 3 से 4 घंटे तक हेवी वर्कआउट करने के आदि थे. वहीं उनके जिम ट्रेनर ने भी कन्फर्म किया है कि चाहें कुछ हो जाए, सिद्धार्थ कसरत का एक दिन भी मिस नहीं कर सकते थे.
हालांकि मृत्यु का सही पिन पॉइंट कारण तो अभी पोस्टमॉर्टम की रिपोर्ट बेहतर बता सकेगी. लेकिन कुछ सवाल हैं कि
क्या सिद्धार्थ खुद से, खुद की सेहत से खिलवाड़ नहीं कर रहे थे? क्या सिद्धार्थ मजबूत शरीर दिखाने की होड़ में अपना दिल कमज़ोर नहीं करते जा रहे थे? क्या सिद्धार्थ की ही तरह बहुत से सितारें ऐसे नहीं हैं जो चमक धमक की वैल्यू करते हुए शरीर को इतना मजबूत बना रहे हैं कि खुद को खोते जा रहे हैं?
जनाब ये सवाल सिर्फ शो-बिज़ इंडस्ट्री से ही नहीं है, आपसे, हमसे, इस मोबाईल चलाती पूरी युवा पीढ़ी से है कि क्या आप बाहर के दिखावे में अंदर से खोखले तो नहीं हो रहे हैं?
ये कोई पहला हादसा नहीं है जब कोई नामी कम उम्र कलाकार दिल के दौरे से आकस्मिक काल ग्रस्त हुए हैं. अब भी समय है, देश की पुरानी पीढ़ी से पूछिए, सीखिए कि सेहतमंद होने के वाकई क्या मायने होते हैं, शरीर को मजबूत रखने के लिए कैसी कसरत ज़रूरी होती है और कैसे कारोबार और परिवार के बीच तालमेल बिठाया जा सकता है.
दो बातें हमेशा याद रखिए, एक-पहला सुख है निरोगी काया और सर्वोच्च धन है संतोष धन.
आप कितना ही कमा लें, कितनी ही दुनिया देख लें, पर जब तक आप स्वस्थ नहीं हैं, तबतक वो पैसा किसी काम का नहीं. वहीं आप चाँद छूकर भी चिंतित हैं कि अभी मंगल ग्रह पर प्लॉट क्यों नहीं मिल रहा है, मतलब आपको अपनी कामयाबी से कहीं भी संतुष्टि नहीं मिल रही है, तो आप अभी भी निर्धन ही हैं.
मगर किन्तु परंतु, इन सब बातों से इतर, दुख इस बात का कहीं ज़्यादा है कि एक चमकता सितारा, एक बेहतरीन कलाकार, एक कभी न भूल सकने वाला मुस्कुराता चेहरा, हमेशा के लिए हमसे दूर हो गया.
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