गपशप : संगीतकार रोशन एक ऐसे शख्स का नाम है जो किसी पहचान के मोहताज नहीं है. फिल्म अनहोनी, बरसात की रात, ताज महल, चित्रलेखा, अनोखी रात आदि ऐसी दर्जनों फ़िल्में हैं...
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Siddharth Arora
गपशप : भारतीय सिनेमा में एक दौर था जब कहते थे कि ये सिनेमा का नहीं, अमिताभ बच्चन का दौर है। कहा ये भी जाता है कि अमिताभ वो आँधी थे जिनके सामने सब उड़ जाते थे सिवाये एक के, और वो एक थे ‘ऋषि कपूर’...
गपशप: 22 जुलाई 1923 में जन्में मुकेश बचपन से ही संगीत प्रेमी रहे थे. वह दस भाई बहन थे जिसमें मुकेश चंद माथुर छठे नंबर पर थे. उनके इंजिनियर पिता जोरावर ने उनकी बहन...
गपशप: ये साल 1968 की बात है। वो दोनों भाई अपने कैरियर के क़रीब 14 साल बाद तक किसी मेजर अवार्ड का इंतज़ार कर रहे थे। लेकिन अवार्ड था कि इंतज़ार पर इंतज़ार करवा रहा था...
गपशप: गुलज़ार यूँ तो नाम सुनते ही कोई ग़ज़ल, कोई शायरी, कोई नज़्म या कोई उदासी छेड़ता गीत याद आ जाता है। गुलज़ार की आँखों में भी आपको उदासी ठहरी हुई नज़र आ जाती है...
Saif Ali Khan Birthday Special: साल 2007 का वक़्त था और फिल्मफेयर अवार्ड का मंच सजा हुआ था. सैफ अली खान भी सेलेब्रिटीज़ की भीड़ में बैठे हुए थे...
गपशप: सचिन देव बर्मन यानी सचिन दा, म्यूजिक की दुनिया के बेताज बादशाह थे. सन 50 और 60 के दशकों में उनका संगीत फिल्म म्यूजिक इंडस्ट्री की विरासत की तरह है. सचिन दा संगीत जितना...
Web Stories: संगीतकार रोशन एक ऐसे शख्स का नाम है जो किसी पहचान के मोहताज नहीं है. फिल्म अनहोनी, बरसात की रात, ताज महल, चित्रलेखा, अनोखी रात आदि ऐसी दर्जनों फ़िल्में हैं...
गपशप: 22 जुलाई 1923 में जन्में मुकेश बचपन से ही संगीत प्रेमी रहे थे. वह दस भाई बहन थे जिसमें मुकेश चंद माथुर छठे नंबर पर थे. उनके इंजिनियर पिता जोरावर ने उनकी बहन...
गपशप: सन 1965 में जब फिल्म आरज़ू आई तो खासकर युवा दिलों को इस फिल्म से बहुत उम्मीद जगी। उम्मीद लगती भी क्यों न, उस दौर में राजेन्द्र कुमार और बॉलीवुड की रानी साधना...
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