Birthday Special Boney Kapoor: मेलुकोटे का एक गाँव, इतने सारे सितारे और वो एक मेहनती लड़का By Ali Peter John 11 Nov 2023 | एडिट 11 Nov 2023 06:00 IST in बीते लम्हें New Update Follow Us शेयर कभी-कभी विरासत (लेगसी) शुरू करने के लिए केवल एक आदमी की जरूरत होती है! सुरेंद्र कपूर एक लंबे और सुंदर नौजवान थे, जो 60 के दशक के एक स्टार बन सकते थे, लेकिन उनके भाग्य को कुछ और ही मंजूर था. वह स्टार कपल शम्मी कपूर और गीता बाली के सेक्रेटरी बन गए थे. गीता बहुत कम उम्र में ही स्माल पॉक्स की बीमारी के चलते मर गई थी और कुछ साल बाद शम्मी उन जवाबों की तलाश में निकला, जो उन्हें नहीं मिले थे. और सुरेंद्र जॉबलेस हो गए थे! अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जाने माने पहलवान दारा सिंह अपनी पहली फिल्म ‘किंग कांग’ के साथ एक स्टार बन गए थे और सुरेंद्र जैसे कई अन्य छोटे समय के निर्माता ने दारा सिंह को 2500 रुपये में साइन किया था. सुरेंद्र ने कुछ अन्य फिल्मों का निर्माण किया, जो सफल नहीं हुई और उनके बड़े बेटे, बोनी कपूर ने अपने पिता से अनुमति लेने के बाद अपने पिता के बैनर पर काम किया. (फिल्मों में उनका एकमात्र अनुभव यह था कि उन्होंने शक्ति सामंत के साथ सहायक निर्देशक के रूप में काम किया हुआ था). बोनी ने उद्योग में और विशेषकर सितारों के साथ बहुत अच्छे संपर्क बनाए हुए थे. उन्होंने एक कन्नड़ फिल्म देखी थी और इसे हिंदी में बनाने का फैसला किया था. उन्होंने बापू को भी साइन किया जो ओरिजिनल के डायरेक्टर थे. अपने कॉन्टेक्ट्स और अच्छी इच्छा के साथ, उन्होंने संजीव कुमार, अमरीश पुरी जैसे छोटे और बड़े सितारों को साइन किया, इसमें न्यूकमर, राज बब्बर, मिथुन चक्रवर्ती गुलशन ग्रोवर, उदय चंद्र, शबाना आजमी और दीप्ति नवल भी शामिल थे. जिस फिल्म का टाइटल ‘हम पाँच’ था उसे कुछ पहाड़ियों की पृष्ठभूमि और एक गाँव में शूट किया जाना था. निर्देशक, बापू ने बैंगलोर हवाई अड्डे से कई किलोमीटर दूर मंड्या के पास एक गाँव में एक स्थान का चयन किया था. गाँव का ओरिजिनल नाम मेलुकोटे था. बोनी ने एक बहुत ही कैपबल प्रोड्यूसर होने के पहले संकेत दिखाए, जो वास्तव में फिल्म की योजना और शूटिंग करना जानते थे. वह जानते थे कि वह हर बार शूटिंग के लिए सितारों और तकनीशियनों की टीम को शूटिंग के लिए बार-बार फ्लाइट में नहीं ले जा सकते थे. इसलिए उन्होंने मेलुकोटे में यूनिट के प्रत्येक सदस्य के लिए विशेष कमरों के साथ एक पूरा हाउसिंग सेट-अप तैयार कराया और सितारों को सर्वश्रेष्ठ एयर-कूलर और टेलीफोन कनेक्शन जैसी अतिरिक्त सुविधाएं दी गईं थी. बोनी के कई सहायक थे लेकिन उनके छोटे भाई अनिल कपूर को निर्देशक, सितारों और पत्रकारों की देखभाल करने की जिम्मेदारी दी गई थी. उनका काम यह देखना था कि शूटिंग बिना किसी बाधा के चल रही थी और उन्होंने अपना काम पूर्णता के साथ किया और जल्द ही वह यूनिट और विशेष रूप से निर्देशक, बापू के पसंदीदा बन गए थे. अनिल ने किसी चुनौती को लेने में सकोच नहीं दिखाया, भले ही वह मुंबई के पत्रकारों को चाय परोसना हो! बोनी या अनिल को शायद ही पता था कि बापू युवा अनिल पर बहुत करीबी नजर रख हुए थे. लंच ब्रेक के दौरान एक दोपहर, बापू ने बोनी को बताया कि अनिल के पास एक स्टार-अभिनेता की सारी खूबियां है और उन्होंने यह भी कहा कि वह अनिल को निर्देशित करना चाहते हैं. नतीजा अनिल अपनी पहली फिल्म बापू द्वारा निर्देशित कन्नड़ में कर रहे थे. उन्हें अनिल पर बहुत भरोसा था कि उन्होंने अनिल को नसीरुद्दीन शाह, नीलू फुले, पद्मिनी कोल्हापुरी और मास्टर राजू के साथ मुख्य भूमिकाओं में ‘वो सात दिन’ में निर्देशन करने का फैसला लिया था, लेकिन अनिल ने फिल्म में मौजूद बाकि कलाकारों से शो को चुरा लिया और हिंदी फिल्मों के नए स्टार-अभिनेता के रूप में उनका स्वागत किया गया. आज, वह एक लीडिंग एक्टर, एक अग्रणी निर्माता और सोनम कपूर आहूजा और निर्माता रिया कपूर और अभिनेता हर्षवर्धन के पिता हैं. किसको पता है था, क्या अनिल कपूर को पता था कि एक बापू कि नजर कैसे उनकी तकदीर की कहानी बदल सकती थी? ?si=dMKLPvGZb1dOOmHS #Boney Kapoor #boney kapoor and sridevi lovestory #Boney Kapoor Birthday #boney kapoor birthday special #Boney Kapoor 67 Birthday हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article