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बर्थडे: सभी मौसमों, सभी क्षेत्रों, सभी समय के लिए एक आवाज Udit Narayan

अस्सी के दशक का समय था. हिंदी फिल्म संगीत की दुनिया सभी प्रमुख गायकों के साथ ऊंचाई पर थी. यह सभी गायक कई सालों से संगीतकार के रूप में बिना हार माने संगीत की इंडस्ट्री...

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By Mayapuri
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बर्थडे सभी मौसमों, सभी क्षेत्रों, सभी समय के लिए एक आवाज Udit Narayan

अस्सी के दशक का समय था. हिंदी फिल्म संगीत की दुनिया सभी प्रमुख गायकों के साथ ऊंचाई पर थी. यह सभी गायक कई सालों से संगीतकार के रूप में बिना हार माने संगीत की इंडस्ट्री में अपना साम्राज्य बनाये हुए हैं. फिल्मकार भी बाहर के नए गायकों को लेकर किसी भी प्रकार का जोखिम नहीं लेना चाहते थे, भले ही वो सभी नए गायक कितने भी प्रतिभाशाली हो!

यह एक तरह का चुनौतीपूर्ण माहौल था कि, नेपाल से एक नौजवान युवक मुंबई में हिन्दी फिल्मों में अपना लक आजमाने आया! वह पहले से ही अपनी ही मूल भाषा नेपाली में एक गायक के रूप में खुद को साबित कर चुका था, साथ ही उदित नारायण ने बहुत सी अन्य भाषाओं में भी अपनी आवाज का जादू बिखेरा था. लेकिन वह आत्मा व मन से हिन्दी फिल्मों का गायक ही बनना चाहते थे. उनकी अपनी प्रतिबद्धता के साहस ने उनकी मन व आत्मा की चाह को पूरा कर दिया आज वह बॉलीवुड के बेहतरीन गायकों की सूची में शुमार है! मैं युवा उदित नारायण के संघर्ष के दिनों का साक्षी रहा हूं, मुझे आज भी याद है उस समय अनु मलिक उदित नारायण के बारे में यकीन से कहते थे कि बतौर संगीतकार उदित के हुनर को दुनिया एक दिन जरूर पहचानेगी.

उदित एक बहुत ही कठिन संघर्ष से गुजर रहे थे! ऐसा कोई व्यक्ति नहीं था जो उदित को हिन्दी फिल्मों में गाना गाने का मौका दे रहा था. लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी ना ही कभी अपने हौंसले को कम होने दिया. यह संगीत के लिए उनका समर्पण था व उनके दृढ़ संकल्प ने किसी भी परिस्थिति में आत्मसमर्पण नहीं किया. उनकी जिंदगी व करियर में चाहे जो भी परिस्थितियां रही हो उनके चेहरे पर हमेशा ही प्यारी से हंसी रहा करती है. आखिरकार उनकी शक्ति व साहस ने उन्हें सफलता का मुकाम दे ही दिया. उदित ने प्रमुख नायकों- शाहरुख खान, अक्षय कुमार, रितिक रोशन, अजय देवगन, सलमान खान, आमिर के लिए गाना गाया. उनकी आवाज ने लगभग सभी संगीतकारों की समस्याओं को हल कर दिया था.

इन सब के साथ साथ उदित नारायण ने लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल, आनंद-मिलिंद, नदीम-श्रवण, अनु मलिक, जतिन ललित, हिमेश रेशमिया, ए आर रहमान, विजू शाह राजेश रोशन, राहुल देव बर्मन, कल्याणजी, आनंदजी, बप्पी लाहिरी, उषा खन्ना, निखिल विनय, जगजीत सिंह, अनूप जलोटा, उत्तम सिंह, राम लक्ष्मण, भूपेन हजारिका, शिव-हरि, रविंद्र जैन, मदन मोहन, खय्याम, विशाल भारद्वाज, शंकर-एहसान-लॉय, विद्यासागर, मणि शर्मा, युवान शंकर राजा, कार्तिक राजा, हैरिस जयराज, देवी श्री प्रसाद जी, वी प्रकाश कुमार, इस्माइल दरबार, आनंद राज आनंद, आदेश श्रीवास्तव, अरुण पौडवाल, प्रीतम चक्रवर्ती, साजिद-वाजिद, दिलीप सेन-समीर सेन, नुसरत फतेह अली खान, संजीव-दर्शन, सोहेल सेन, संदेश शांडिल्य, संदीप चैटा, राम संपत, राहुल शर्मा, समीर टंडन, सुखविंदर सिंह, रूप कुमार राठौड़, अदनान सामी, कैलाश खेर, विशाल-शेखर, सलीम-सुलेमान, अजय-अतुल, सचिन-जिगर, अमित त्रिवेदी के साथ काम किया. उदित नारायण गायिकी से ना केवल संगीतकार बल्कि लोगों को भी संतुष्ट किये हुए थे. उनकी सफलता, विनम्रता ने ऊंचाईयों को पार कर लिया.

उदित ने एक सपनों की दुनिया में अपने कदम रख दिये थे. उनके गाने की ध्वनि, दिल व आत्मा की गहराई को छू जाती है. सिंगिग उनकी जिंदगी थी व जिंदगी उनकी गायिकी थी.

उदित ने रिकॉर्ड कायम किया जिसमें नॉन-स्टार्टर ने बेस्ट मेल प्लेबैक का अवॉर्ड तीस सालों में 75 से अधिक बार जीता. इसके अलावा भी उन्होंने बहुत से ऐसे अवॉर्ड जीते जिससे उनकी शक्ति व जुनून का पता चलता है. उन्होंने तीन नेशनल अवॉर्ड के साथ राज्य पुरस्कार भी जीते. इसके बाद उदित को पद्म श्री से सम्मानित किया गया. एक सुबह उनकी जिंदगी में ऐसी भी रही जब वह उदित नारायण से पद्मभूषण उदित नारायण झा के रूप में जाने गए.

जिस दिन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने उन्हें इस सम्मान से नवाजा प्रतिष्ठित पुरस्कार के साथ वो क्षण उनके लिए एक सपने की तरह था. उनकी सादगी, विनम्रता व कृतज्ञता उनके जीवन के साथी थे और उसे उन्होंने कभी नहीं छोड़ा चाहे कैसा भी समय रहा हो अच्छा या बुरा. यही कारण है कि वह युवा लड़का जिसे अस्सी के दशक में एक उम्मीद थी कि वह एक दिन कुछ करेगा आज वह अग्रणी भारतीयों में से एक हैं, जिसने देश के लिए एक बड़ा योगदान दिया.

उदित नारायण अब मुंबई के निवासी हैं. उन्होंने दो शादियां की, पहली शादी 1984 में रंजना नारायण झा से की. इसके बाद उनकी दूसरी पत्नी दीपा नारायण झा रही जिनके साथ वह 1985 में विवाह के बंधन में बंधे थे. दीपा नारायण एक नेपाली प्लेबैक सिंगर हैं जिनके साथ उदित नारायण ने ‘दिल दिवाना’ एलबम में काम किया था. उदित के बेटे आदित्य नारायण ने बाल कलाकार, गायक व टेलीविजन प्रेजेंटर के रूप में अपने पिता के साथ काम किया था. 1990 के दशक में हिंदी फिल्मों में आदित्य ने बतौर गायक अपना करियर शुरू किया व 2010 में उन्होंने अभिनय में हाथ आजमाया. उदित नारायण और कितनी भाषाओं में गाना गाएंगे? कितने अधिक संगीतकारों के लिए गाएंगे?

कौन से नए एक्टर्स- खान, कुमार्स, देवगन व रोशन को वह अपनी आवाज दे कर स्टार बनाते हैं. वह उस मुकाम पर खुद को लेकर गए जिसकी उन्होंने कभी कल्पना भी नहीं की थी. उनकी नई जर्नी तब शुरू हुई जब उन्होंने अपने आवाज के जादू से नई पीढ़ी को मोहित किया. मैं केवल इतना ही कह सकता हूं कि एक व्यक्ति हुनर के साथ पैदा हुआ जो दुनिया के बदलाव, बदलते समय, मानवीय भावनाओं, भावनाओं के बदलते रंग के हिसाब से गाने गाता है.

सच्चे दिल से गाने वाले कभी रुकते नहीं, कभी झुकते नहीं, वो तो बस चलते रहते हैं कयामत से कयामत तक.

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