गांधी जी की पुण्यतिथि पर ये कभी न भुलाया जा सकने वाला गीत उन्हें समर्पित है

| 30-01-2021 4:30 AM No Views

आज मोहन दास करमचंद गांधी जी की पुण्य तिथि है। गांधी जी हमेशा से विदेशी सामान और विदेशी चलन के ख़िलाफ़ थे। वह सदैव स्वदेशी वस्तुओं के प्रयोग और आत्मनिर्भरता के लिए संघर्ष करते रहते थे। गांधी जी ने अंग्रेज़ी हुकूमत को बिना किसी हिंसा के भी भारत से जाने के लिए मजबूर कर दिया था। वरिष्ठ फिल्मकार मनोज कुमार जी ने अपनी बहुचर्चित फिल्म पूरब और पश्चिम में एक ऐसा गीत इस देश को दिया था जिसे सुन वेस्टर्न सभ्यताओं को सपोर्ट करने वाले और हमारे देश भारत को कमज़ोर समझने वालों के लिए आँखें खोलने का काम करता है।

इस गीत के बोल पढ़िए और याद कीजिए द लेजन्ड मनोज 'भारत' कुमार को

गांधी जी की पुण्यतिथि पर ये कभी न भुलाया जा सकने वाला गीत उन्हें समर्पित हैपूरब और पश्चिम का यह गीत महेंद्र कपूर ने गाया है, इंदीवर ने इसके बोल लिखे हैं और कल्याणजी आनंद जी ने इसे कम्पोज़ किया है।है प्रीत जहाँ की रीत सदा मैं गीत वहाँ के गाता हूँ Zero दिया मेरे भारत नेभारत ने, मेरे भारत नेदुनिया को तब गिनती आईतारों की भाषा भारत नेदुनिया को पहले सिखलाईदेता ना दशमलव भारत तोयूँ चाँद पे जाना मुश्किल थाधरती और चाँद की दूरी काअंदाजा लगाना मुश्किल थागांधी जी की पुण्यतिथि पर ये कभी न भुलाया जा सकने वाला गीत उन्हें समर्पित हैसभ्यता जहाँ पहले आईसभ्यता जहाँ पहले आईपहले जन्मी है जहाँ पे कलाअपना भारत वो भारत हैजिसके पीछे संसार चलासंसार चला और आगे बढ़ायूँ आगे बढ़ा, बढ़ता ही गयाभगवान करे ये और बढ़ेबढ़ता ही रहे और फूले फलेबढ़ता ही रहे और फूले फले(चुप क्यूँ हो गए? और सुनाओ)गांधी जी की पुण्यतिथि पर ये कभी न भुलाया जा सकने वाला गीत उन्हें समर्पित हैहै प्रीत जहाँ की रीत सदाहै प्रीत जहाँ की रीत सदाहै प्रीत जहाँ की रीत सदामैं गीत वहाँ के गाता हूँभारत का रहनेवाला हूँभारत की बात सुनाता हूँहै प्रीत जहाँ की रीत सदाकाले गोरे का भेद नहींहर दिल से हमारा नाता हैकुछ और न आता हो हमकोहमें प्यार निभाना आता हैजिसे मान चूकी सारी दुनियाहो जिसे मान चुकी सारी दुनियामैं बात...मैं बात वही दोहराता हूँभारत का रहने वाला हूँभारत की बात सुनाता हूँहै प्रीत जहाँ की रीत सदाजीते हो किसी ने देश तो क्याहमने तो दिलों को जीता हैजहाँ राम अभी तक है नर मेंनारी में अभी तक सीता हैइतने पावन हैं लोग जहाँओ इतने पावन हैं लोग जहाँमैं नित-नित...मैं नीत-नीत शीश झुकाता हूँगांधी जी की पुण्यतिथि पर ये कभी न भुलाया जा सकने वाला गीत उन्हें समर्पित हैभारत का रहने वाला हूँभारत की बात सुनाता हूँइतनी ममता नदियों को भीजहाँ माता कह के बुलाते हैंइतना आदर इंसान तो क्यापत्थर भी पूजे जाते हैंउस धरती पे मैने जनम लियाओ उस धरती पे मैने जनम लियाये सोंच...ये सोच के मैं इतराता हूँभारत का रहने वाला हूँभारत की बात सुनाता हूँहै प्रीत जहाँ की रीत सदा