और कितने आंसू बहाओगे मेरे दोस्त डब्बू? By Mayapuri Desk 17 Feb 2021 | एडिट 17 Feb 2021 23:00 IST in बीते लम्हें New Update Follow Us शेयर जिस शाम राजीव कपूर का अंतिम संस्कार किया जा रहा था, मैं उनकी यादों से भरा हुआ था, लेकिन वे सारी यादें तब अचानक से दूर हो गईं जब मैंने उनके बड़े भाई रणधीर कपूर को उनके शव के सामने खड़े देखा और इससे पहले कि यह शव आग की लपटों में समा जाता, एक पहला सवाल जो सीधे मेरे दिल में आया, वह यह था, इस आदमी (रणधीर कपूर) को और कितनी मौतों का गवाह बनना होगा, यह जानते हुए भी कि वह कभी जीवन से भरपूर व्यक्ति हुआ करता था और जो जीवन की सभी अच्छी चीजों से प्यार करता था, और खुलकर हंसना पसंद करता था। मैंने उन्हें कई अंतिम संस्कारों में देखा है, लेकिन जो मुझे परेशान करता है वह यह है कि इस प्यारे से आदमी को अपने करीबी परिवार के सदस्यों के निधन के कारण बहुत दुख-दर्द झेलने पड़े हैं और कैसे वह क्रूर मौत के सभी हमले से बच गए हैं। - अली पीटर जाॅन रणधीर के पास आर.डी.बर्मन जैसे कुछ बहुत अच्छे दोस्त थे वह जल्द ही एक स्टार बन गए थे, वह एक ऐसे युवा थे जिसने अपने जीवन से सब सीखा था (और उन्होंने केवल एक कॉन्वेंट स्कूल में 9वीं कक्षा तक ही पढ़ाई की थी) और एक ऐसे युवक के रूप में जाने जाते थे जो जीवन को बहुत गंभीरता से नहीं लेता था और जो भी जिंदगी उन्हें देती थी वह उससे खुश थे। उनके पास आर.डी.बर्मन जैसे कुछ बहुत अच्छे दोस्त थे और जिनके साथ उन्होंने काफ़ी देर तक बैठ के डिं्रक्स ली थी, लेकिन जल्द ही जीवन उनके लिए क्रूर होने लगा और यह तब साबित हुआ, जब उनके दोनों खास दोस्त, आर.डी.बर्मन और फिल्म निर्माता रमेश बहल की एक के बाद एक करके मृत्यु हो गई। हालांकि यह रणधीर (डब्बू) के लिए एक बड़ा सदमा रहा होगा, लेकिन उन्होंने अपना दुख अपने तक ही रखा और जीवन को गंभीरता से न लेते हुए, जीवन को केवल अपने ही पुराने अंदाज़ में जिया, क्योंकि “लाइफ वास ए बिच“। डब्बू ने अपने पिता की तरह बनने की बहुत कोशिश की थी और फिर मौत ने अपना सबसे भयानक हमला तब किया जब उनके पिता ग्रेट राज कपूर का निधन हो गया, जिसके बाद उनके सबसे बड़े बेटे रणधीर कपूर ने उनकी विरासत को आगे बढ़ाया। वह अपने पिता के लिए एक अच्छे उत्तराधिकारी साबित हुए, लेकिन वह यह जानते थे कि वह अपने पिता की तरह कभी नहीं बन सकते थे, हालांकि उन्होंने अपने पिता की तरह बनने की बहुत कोशिश की थी, और उन्होंने कभी भी अपने तरीके से प्रयास करना बंद नहीं किया था और आर.के बैनर को जीवित रखने की अपनी पूरी कोशिश करते रहे थे। लेकिन मौत उन्हें अपनी ताकत दिखने से बाज़ नहीं आ रही थी। और उन्हें तब मृत्यु के अंधेरे चंगुल के आगे हार माननी पड़ी थी जब उनके अंकल शम्मी कपूर और शशि कपूर का लंबी बीमारियों के बाद निधन हो गया था। और वह शम्मी कपूर की पत्नी गीता बाली जो सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्रियों में से एक थी, और शशि कपूर की पत्नी अभिनेत्री जेनिफर कपूर की मृत्यु के भी गवाह रहे हैं। लेकिन पिछले कई वर्षों में उनके साथ कभी भी मौत ने इतनी क्रूरता नहीं दिखाई जितनी पिछले तीन वर्षों के दौरान दिखाई थी। क्योंकि इस दौरान उन्होंने सबसे पहले अपनी माँ कृष्णा राज कपूर को खो दिया था, जिनकी देवनार कॉटेज में उनके बेटे उनकी देखभाल करते थे। देवनार कॉटेज, जहां वह तब से रह रही थी जब उन्होंने राज कपूर से शादी की थी, और उस समय भी राज कपूर अपने एम्पायर का निर्माण करने के लिए संघर्ष कर रहे थे, और कृष्णा राज कपूर तब भी उनके साथ थी और उनका समर्थन कर रही थी, जब उनके चारों ओर अंधेरा था। इसके बाद रणधीर कपूर ने अपनी प्यारी बहन रितु नंदा को खोया था, जो श्वेता बच्चन की सास भी थी, उन्होंने कैंसर के कारण इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। और उनके लिए यह झटका काफ़ी नहीं था, जिसके बाद रणधीर ने अपने शानदार अभिनेता-भाई ऋषि कपूर को खो दिया था और वह उनकी मृत्यु की इस चैंकाने वाली खबर को बताने वाले पहले व्यक्ति थे। इस बड़ी हार से शायद ही वह अब तक उबर पाए थे। डब्बू के अनुभवों से यह क्यों नहीं सीखते है कि जीवन केवल कुछ सर्वशक्तिमान ताकतों द्वारा खेला जा रहा एक मजाक है कि अब उनके छोटे प्यारे भाई, चिम्पू की भी मृत्यु हो गई, चिम्पू जो एक भाई से ज्यदा एक पिता की तरह उन्हें मानते और प्यार करते थे। मुझे मालूम है कि डब्बू अपने दोनों भाईयों के बहुत करीब थे और मैं उनके दिल के अंदर हो रहे दुःख और दर्द की कल्पना कर सकता हूँ क्योंकि अब वह अकेले बैठे हुए और अपनों के साथ बिताए अपने उन अच्छे पुराने दिनों को याद करते है और उन यादों में खो जाते जब कपूर खानदान चारों ओर से जीवन, प्रेम, ख़ुशी और हँसी से भरा हुआ था। #Raj kapoor #rishi kapoor #babita #Prithviraj Kapoor #Rajiv kapoor #randheer kapoor हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें! विशेष ऑफ़र और नवीनतम समाचार प्राप्त करने वाले पहले व्यक्ति बनें अब सदस्यता लें यह भी पढ़ें Advertisment Latest Stories Read the Next Article