कहानी में वो दिखाना जो लोगों ने कभी सोचा भी न हो, मल्टीस्टारर फिल्में बनाना और एक्शन भी ऐसा रखना कि दर्शकों की दांतों तले उंगलियाँ दब जायें। फिर सबसे बड़ी बात, ऐसे लार्जर देन लाइफ करैक्टर्स जिनको देखकर हॉलीवुड के सुपर हीरोज़ भी शरमा जाएँ, अब तो आप समझ ही गये होंगे कि ऐसी फिल्में बनाने वाले फिल्मकार कोई और नहीं बल्कि मनमोहन देसाई ही थे।
लेकिन कोई ऐसा डायरेक्टर-प्रोडूसर जो मनमोहन देसाई के नक़्शे-कदम पर मॉडर्न एरा सिनेमा में चल रहा हो, तो वो खतरों के खिलाड़ी डैशिग डायरेक्टर रोहित शेट्टी ही हैं। रोहित शेट्टी का सिनेमा भी मास-पब्लिक को देखकर ही तैयार होता है और पब्लिक भी उनकी फिल्मों के लिए जमकर प्यार लुटाती है।
जैसे मनमोहन देसाई ने अमर-अकबर-एंथनी (अमिताभ बच्चन, ऋषि कपूर, विनोद खन्ना) या परवरिश (विनोद खन्ना, अमिताभ बच्चन, शम्मी कपूर) में तीन-तीन हीरोज़ को एक साथ लेकर फिल्म को एक नए आयाम पर पहुँचा दिया था, वैसे ही रोहित शेट्टी भी सूर्यवंशी में तीन-तीन सुपरस्टार्स के साथ काम कर सिनेमा को बहुत समय बाद मल्टीस्टारिंग फिल्म दे रहे हैं।
रोहित शेट्टी की सबसे अच्छी ख़ासियत ये भी है कि उनकी फिल्म में तीन हों या तीस करैक्टर्स हों, वह सबको बराबर स्क्रीन स्पेस देते हैं और छोटे-से-छोटे एक्टर को भी पूरा फोकस देते हैं।
शायद इसी लिए कटरीना कैफ रोहित शेट्टी के बारे में ये खुलकर कहती हैं कि “रोहित शेट्टी के साथ सूर्यवंशी में काम करना औसम एक्सपीरियंस है, सिम्बा (रणवीर सिंह), सिंघम (अजय देवगन), और सूर्यवंशी (अक्षय कुमार) के साथ काम करके तो मेरी लाइफ बन गयी”
रोहित शेट्टी से जब मनमोहन देसाई के बारे में सवाल किया जाता है तब वह बेबाक होकर कहते हैं “शायद ये मेरे जीन्स में है, मनमोहन देसाई भी दर्शकों की नब्ज़ पकड़ते थे, मुझे लगता है कि मैं भी कुछ कुछ दर्शकों की पसंद समझने लग गया हूँ। कभी मैं उन्हें दिलवाले बना देता हूँ तो कभी चेन्नई एक्सप्रेस में बिठाकर सैर करा लाता हूँ तो कभी खतरों के खिलाड़ी में स्टंट सिखाने ले जाता हूँ। फिर जबतक मैं गाड़ियाँ न उड़ा लूँ, तबतक मुझे चैन नहीं पड़ता”
कमर्शियल फिल्मों में भी सीरियस ड्रामा से शुरुआत करने वाले रोहित शेट्टी जाने कब कॉमेडी फिल्म्स बनाने लगे और डेविड धवन के बाद कॉमेडी फिल्मेकर्स में किंग की हैसियत रखने लगे। लेकिन सिंघम सीरीज़ या यूँ कहूँ पुलिस यूनिवर्स से रोहित फिर से सीरियस मोड में आ गये हैं। पुलिस यूनिवर्स की पहली फिल्म सिंघम दर्शकों और समाज को अन्दरतक हिलाने का माद्दा रखती है। वहीं सिंघम टू भी पोलिटिकल और ढोंगी बाबाओं पर अच्छा कटाक्ष है। साथ ही टेम्पर की रीमेक सिम्बा में रणवीर सिंह के साथ सोसाइटी के एक सीरियस मुद्दे को कॉमिक तरीके से दर्शाते हुए, लीक से हटकर अंत दिखाया था।
- सिद्धार्थ अरोड़ा ‘सहर’