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एण्डीटीवी के लोकप्रिय शो ‘भाबीजी घर पर हैं‘ और ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ में कमिश्नर रेशम पाल सिंह की भूमिका निभा रहे, किशोर भानुशाली, ने तीन दशक के अपने लंबे एक्टिंग कॅरियर में कई हास्य भूमिकाएं निभाई हैं. इस एक्टर को महान देव आनंद के हमशक्ल के रूप में जाना जाता है. परदे पर उन्होंने लगातार बेहतरीन प्रदर्शन किया है और मंच पर स्टैंड-अप कॉमेडियन के तौर पर दर्शकों का दिल जीता है. हमारे साथ एक छोटी-सी बातचीत में इस एक्टर ने अपने सफर के उतार-चढ़ाव के बारे में चर्चा की.
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क्या आप हमेशा ही एक एक्टर के रूप में काम करना चाहते थे?
मैंने कभी भी एक्टिंग में अपना कॅरियर नहीं बनाना चाहा. मुझे लगता था कि मेरा जन्म अपना छोटा-सा फैमिली बिजनेस चलाने के लिये हुआ है. लेकिन जब मैं छोटा था, तो मुझे याद है, एक लड़के ने मुझसे कहा कि मैं देव आंनद की तरह दिखता हूं. मुझे बिलकुल भी नहीं पता था कि वो कौन थे, क्योंकि उस समय तक हम सिर्फ राजेश खन्ना जी को सुपरस्टार के रूप में जानते थे. इसके बाद उत्सुकतावश मैंने उनकी एक फिल्म, ‘ये गुलिस्तां हमारा‘ देखी, तब मैंने पहली बार देव आनंद को देखा था. मुझे याद है मैंने वो फिल्म अपने स्कूल की छुट्टियों के दौरान देखी थी और उसके बाद मैं ‘ज्वैल थीफ‘ देखने गया और उसके बाद मैंने महसूस किया कि हां, मेरी शक्ल उनसे मिलती-जुलती है. फिर मैंने आईने के सामने खड़े होकर उनकी नकल उतारनी शुरू कर दी और अब इस बात को 50 साल हो चुके हैं कि मेरा नाम उनके नाम से जुड़ा हुआ है. लोग मुझे देव आनंद के हमशक्ल के रूप में जानते हैं.
क्या देव आनंद से मिलती-जुलती शक्ल की वजह से आपको एंटरटेनमेन्ट इंडस्ट्री में काम मिलने में मदद मिली?
नहीं, मुझे काम पाने के लिये संघर्ष करना पड़ा. कई लोगों को यकीन नहीं होगा, लेकिन देव साहब से मिलती-जुलती शक्ल के कारण मुझे एक्टिंग के कई मौके गंवाने पड़े. लेकिन मैंने कोशिश करना कभी नहीं छोड़ा. मेरा हमेशा से मानना था कि जहां चाह, वहां राह. इसलिए, मैं कभी नहीं रुका, और धीरे-धीरे चीजें मेरे पक्ष में होती गईं.
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आप देव आनंद से पहली बार कब मिले?
मैं बहुत छोटा था जब मैं पहली बार देव आनंद सर से मिला और उन्हें अभिनय में अपनी रुचि के बारे में बताया और उन्होंने मुझे इस दुनिया में कदम रखने से पहले अपनी पढ़ाई पूरी करने की सलाह दी. उनके लिये मेरा प्यार और एक्टिंग के प्रति मेरे जुनून ने मुझे आगे बढ़ाया. आज मैं “किशोर की आवाज़ देव का अंदाज़“ नाम से तीन घंटे का स्टैंड-अप कॉमेडी शो करता हूं, जिसमें कॉमेडी करने के साथ-साथ मैं गाना भी गाता हूं. मैं अब तीन दशकों से अधिक समय से शो बिजनेस में हूं और देव जी की बदौलत, मैं नाम कमाने में कामयाब रहा.
आप बॉलीवुड में अपने सफर को कैसे देखते हैं?
बॉलीवुड में मेरा सफर उतार-चढ़ाव से भरा रहा. 1980 के दशक के दौरान, मैंने देव आनंद की नकल करते हुए कई सारी डांस रिकॉर्डिंग की. हर दिन एक से दो रुपये की कमाई हो जाती थी. हालांकि, मेरे परिवार ने मेरे एक्टिंग कॅरियर का विरोध किया, इसलिए उन्होंने मेरी शादी करा दी और मुझे अपना छोटा-सा फैमिली बिजनेस चलाने के लिए मजबूर किया. मैंने लगभग दो से तीन साल अपने आप को अपने फैमिली बिजनेस में झोंक दिया, लेकिन मैं दुखी था. एक दिन, अभिनेता मोहन जोशी सर ने मुझसे संपर्क किया और मुझे देव आनंद के रूप में एक शो करने के लिये कहा. उसके बाद, मुझे ‘पागलखाना‘ में उनके साथ काम करने का प्रस्ताव मिला और शूटिंग के दौरान, रज़ा मुराद जी ने मुझे देखा और सुझाव दिया कि स्क्रीन पर मेरी मौजूदगी बढ़ाई जाए. इस तरह मेरा सफर शुरू हो गया. बाद में, आदि ईरानी ने अपने भाई इंद्र ईरानी जी से मेरी सिफारिश की, जो आमिर खान और माधुरी के साथ फिल्म ’दिल’ पर काम कर रहे थे. उन्होंने मुझे पारसी हाऊस में मिलने के लिये बुलाया, जिसे अब मशहूर मन्नत (शाहरुख खान हाऊस) के नाम से जाना जाता है. मुझे पहले दिन एक क्राउड सीक्वेंस में कास्ट किया गया था, लेकिन मैं खुश था कि सालों के संघर्ष के बाद मुझे एक फिल्म में काम करने का मौका मिला. मैंने एक शॉट देते हुए भीड़ के बीच कुछ बेहद ही मनोरंजक किया, जिससे इंद्र सर प्रभावित हो गए और अगले दिन उन्होंने मुझे अनुपम खेर जी के साथ स्क्रीन पर काम करने का मौका दिया, जिसे मैंने एक ही शॉट में कर लिया. इस बात से आमिर खान और बाकी लोग काफी प्रभावित हुए. इंद्र सर ने मुझे पूरी फिल्म में एक सहायक अभिनेता के रूप में कास्ट किया, जिसके लिये मुझे बीआर चोपड़ा सर से पुरस्कार मिला. उस दिन से मैं एक्टिंग, गायन और स्टैंड-अप कॉमेडी कर रहा हूं और आगे भी इसे करते रहना चाहता हूं.
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आपको ‘भाबीजी घर पर हैं‘ में कैसे काम मिला?
‘भाबीजी घर पर हैं‘ में मेरा सफर आसिफ शेख की वजह से शुरू हुआ, जिन्हें मैं काफी सालों से जानता हूं और वो मेरे करीबी दोस्त हैं. उन्होंने ही मुझे शो के डायरेक्टर, शशांक बाली से अलग-अलग किरदारों के लिये मिलवाया था. शशांक जी ने एक बार मुझे एकदम से अनीता भाबी के अंकल के किरदार के लिये चुन लिया और उसके बाद मुझे इस शो में कमिश्नर, रेशम पाल सिंह की भूमिका के लिये कॉल आया. फिर मुझे 2019 में ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ में भी ले लिया गया. और अब मैं दो शोज़ में एक ही किरदार निभा रहा हूं और इसके लिये मैं बेहद शुक्रगुजार हूं.
क्या आपने कभी सोचा था कि कमिश्नर रेशम पाल सिंह का किरदार इतना लंबा चलेगा?
जब मुझसे कमिश्नर की भूमिका के लिये पूछा गया तो मैं उससे संतुष्ट नहीं हो पा रहा था. लेकिन उन्होंने मुझे लुक टेस्ट के लिये बुलाया और जब मैं पहुंचा तो नकली मूंछों और विग के साथ क्रिएटिव टीम ने मेरा पूरा मेकओवर किया. उन्होंने मेरी तस्वीर चैनल को भेजी, लेकिन वे भी कहीं ना कहीं मेरे अपीयरेंस से खुश नहीं थे, इसलिए उन्होंने बदलाव करने को कहा, क्योंकि उन्हें यह मजेदार नहीं लगा था. हालांकि, समय के साथ मैं किरदार में ढलता गया और अपने फैन्स से मुझे अच्छे फीडबैक मिले. बेशक, ऐसा बहुत ही कम देखने को मिलता है कि एक एक्टर दो शो में एक ही किरदार निभाए. मैं खुद को काफी खुशकिस्मत मानता हूं.
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वैसे तो आपका काम है लोगों का मनोरंजन करना, लेकिन आप खुद का मनोरंजन कैसे करते हैं?
जब भी मुझे समय मिलता है, मैं आसिफ जी, रोहिताश्व जी और योगेश के साथ अपने शोज़ के बारे में बातचीत करने में बिताता हूं. सीन्स की प्रैक्टिस करने के दौरान हम अक्सर अपने पिछले अनुभवों के बारे में मजाक करते रहते हैं. मैं एक सिंगर भी हूं, इसलिए जब भी मुझे समय मिलता है, मैं एक ‘‘माहौल‘‘ तैयार करता हूं और किशोर दा, मोहम्मद रफी और आरडी बर्मन की आवाज में गाकर सबका मनोरंजन करता हूं.
कोई ऐसा काम जो आपका सपना रहा है?
मेरे जीवन का सबसे बड़ा सपना प्रियदर्शन, मणिरत्नम और राम गोपाल वर्मा जैसे डायरेक्टर्स के साथ काम करने का है.
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किशोर भानुशाली को कमिश्नर रेशम पाल सिंह के रूप में देखिए, ‘भाबीजी घर पर हैं‘ और ‘हप्पू की उलटन पलटन‘ में, हर सोमवार से शुक्रवार, रात 10:00 बजे और 10:30 बजे तक, सिर्फ एण्डटीवी पर!
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