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कॉनमैन एक अनोखे किस्म के फ्रॉड पर बेस्ड फिल्म होगी– दिशा झा

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By Siddharth Arora 'Sahar'
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कॉनमैन एक अनोखे किस्म के फ्रॉड पर बेस्ड फिल्म होगी– दिशा झा

गंगाजल, अपरहण, राजनीति, आरक्षण और अब आश्रम जैसी बेहतरीन और ज़मीन से जुड़ी फिल्में बनाने वाले फिल्मकार प्रकाश झा की बेटी दिशा झा भी अपने पिता की हर फिल्म में कंधे-से-कंधा मिलाकर प्रोडक्शन संभालती हैं. उनसे हुई कुछ मज़ेदार बातचीत का मुख्य अंश पेश है –

कॉनमैन एक अनोखे किस्म के फ्रॉड पर बेस्ड फिल्म होगी– दिशा झा

  • सिद्धार्थ अरोड़ा सहर

तो सबसे पहले दिशा हमारे रीडर्स को अपने बारे में कुछ बताइए, आपका जन्म कहाँ हुआ, बचपन कैसा रहा जैसी कुछ ऐसी बातें बताइए..

मेरा बचपन बहुत नार्मल बीता था, मैं बोर्डिंग स्कूल में पढ़ती थी. मक्सिमम टाइम बोर्डिंग में ही कटा है. पेरेंट्स मिलने आते थे मिलने के लिए. मैं घर सिर्फ साल की दो वेकेशन्स में ही आती थी. एक समर वेकेशंस और एक दीवाली की छुट्टियाँ. पर मेरा बचपन बहुत नार्मल बीता, ऐसे कोई स्टार किड वाली फीलिंग नहीं थी. मेरे मम्मी पापा बहुत हम्बल रहते थे. मुझे कोई एक्स्ट्रा प्रिविलेज नहीं मिली थी. तब तो कुछ पता ही नहीं था कि पापा क्या करते हैं, कैसे फिल्ममेकर हैं. पर मेरे फ्रेंड्स ने गंगाजल और अपहरण देखी थी और वो उनकी बहुत तारीफ करते थे. बोर्डिंग में मैं कोई तेरह साल रही.

मैंने फर्स्ट टाइम ‘राजनीति’ के सेट पर उनके साथ काम किया था. तब मैंने देखा... ओह माय गॉड, वो कोई आम आदमी नहीं थे. एक फादर के तौर पर और एक डायरेक्टर के तौर पर वो बिल्कुल अलग आदमी हैं.

कॉनमैन एक अनोखे किस्म के फ्रॉड पर बेस्ड फिल्म होगी– दिशा झा

आपको कब लगा कि आप भी एक प्रोड्यूसर के नाते फिल्म इंडस्ट्री में अपना कंट्रीब्युशन दे सकती हैं?

जैसा कि मैंने बताया, मैंने फादर के साथ फिल्म राजनीति में पहली बार काम करना शुरु किया. मुझे ये लाइन अच्छी लगती थी. उस बीच राजनीति, सत्याग्रह, आरक्षण, चक्रव्यूह नामक फिल्मों में मैंने कॉस्टयूम, प्रोडक्शन डिज़ाइन, आदि और भी तरह-तरह के काम किए लेकिन मुझे जितना सेटिसफेकशन प्रोडक्शन में मिला, उतना किसी में नहीं मिला. इसलिए मुझे लगा कि मैं एज़ अ प्रोडूसर बेहतर काम कर सकती हूँ.

फ्रॉड सैयां के बारे में बताइए, ऐसी कौन सी बात थी जिसने आपको यह फिल्म प्रोड्यूस करने के लिए प्रोत्साहित किया?

वो फिल्म रिलीज़ भले ही 2019 में हुई हो, लेकिन उसपर काम मैंने सत्याग्रह के बाद ही करना शुरु कर दिया था. फिल्म का अननेसेसरी डिले होना फिल्म के बिजनेस पर असर कर गया. वो अपने टाइम पर रिलीज़ हुई होती तो बेटर रेस्पोंस मिलता क्योंकि 2019 आते-आते सिनेमा भी थोड़ा बदल गया था, न्यूज़ भी चेंज हो गयी थीं. जिस वक़्त हमने फ्रॉड सैंयां बनाई थी उस वक़्त कुछ ऐसी एक न्यूज़ आई थी कि एक फ्रॉड आदमी कई-कई शादियों में धोखा देकर पैसे लूटकर भाग गया है. लेकिन 3-4 साल निकल जाने के बाद टॉपिक पुराना हो गया तो फिल्म कनेक्ट न हो सकी. फिर भी मुझे अच्छा लगा कि एक रिलीज़ मिली. फर्स्ट रिलीज़ ज़रूरी होती है.

कॉनमैन एक अनोखे किस्म के फ्रॉड पर बेस्ड फिल्म होगी– दिशा झा

आपके फादर प्रकाश झा साहब ने अपनी ज़्यादातर फिल्मों को समाज पर कटाक्ष करते, ज़मीन से जोड़े रखा है, फिर भी आपने फ्रॉड सैयां जैसी लाइट, कॉमेडी फिल्म बनाना चुना, क्यों?

पापा जैसी फ़िल्में बनाते हैं, वैसी हार्ड हिटिंग फिल्म्स मुझे पसंद हैं. लेकिन मैं अपने पहले प्रोजेक्ट को लाइट हार्ट कॉमेडी और सर्कास्टिक रखना चाहती थी. मैं नहीं चाहती थी कि मैं बहुत सीरियस फिल्म से डेब्यू करूँ. फिर जैसा मैंने बताया ही, ये रियल इंसिडेंट फिल्म है. इसी के जैसी 2015 में डॉली की डोली भी आई थी और वो फिल्म बहुत कामयाब हुई थी. मुझे यकीन था कि अगर ये फिल्म समय पर आ जाती तो भले ही ब्लाकबस्टर न होती पर जो कलेक्शन हुई, उससे बेहतर होती.

इन दिनों आप किस प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं दिशा?

फिलहाल मैं अध्ययन सुमन के साथ एक फिल्म बना रही हूँ, फिल्म का नाम “कोनमैन” है. यह दूसरे किस्म के फ्रॉड पर आधारित है. इसमें कार्ड नंबर लेकर जो लोग किसी बहाने से एक्सपायरी डेट, व ओटीपी वगरह मांग लेते हैं, उसपर बेस्ड है. आजकल ये कॉमन इशू हो गया है, एक कॉल आती है, और कुछ समय बाद आपकी सारी जमा पूँजी गायब होती है. तो इस टॉपिक पर यह हमारी रेवेंज ड्रामा फिल्म है.

कॉनमैन एक अनोखे किस्म के फ्रॉड पर बेस्ड फिल्म होगी– दिशा झा

आपके और प्रकाश झा साहब के रिश्ते के बारे में बताइए, आपको उनके साथ काम करते, फादर डॉटर रिलेशन और प्रोफेशनल बिहेवियर में से क्या हावी रहता है? और क्या सेट पर आपको कभी डांट पड़ी है?

(हँसते हुए) हाँ डांट तो पड़ी है लेकिन जैसा लोग उनके बारे में सोचते हैं वैसे वो नहीं हैं. वो बहुत ह्यूमरस और विटी हैं. हाँ, उन्हें खुलने में समय लगता है, सबसे तो खुल के बात नहीं करते हैं पर एक बार आप उनसे बात करने लगेंगे तो पता चलेगा कि उनके साथ काम करना कितना मज़ेदार है. उन्होंने मुझे फर्स्ट टाइम सेट पर ज़रूर डांटा था, पर उसके अलावा वो सपोर्ट करते, समझते और समझाते ही नज़र आते हैं. वो बहुत रिलेक्स रहते हैं, उन्हें हाइपर होते नहीं देख पाता कोई.

आपने हाइपर न होने की बात कही, झा साहब जो भी फिल्म बनाते हैं वो पोलिटिकल कमेन्ट ज़रूर करती है, पोलिटिकल कमेंट होता है तो कंट्रोवर्सी भी होती है, उस वक़्त झा साहब और आप कैसे टैकल करते हैं? उदहारण के तौर पर, हालिया रिलीज़ वेब सीरीज़ आश्रम को लेकर भी काफी कंट्रोवर्सी हुई है, तो इसे कैसे संभालते हैं आप दोनों?

आश्रम से कहीं पहले, जब आरक्षण को लेकर कंट्रोवर्सी हुई थी और कुछ लोगों ने, जिन्होंने फिल्म देखी भी नहीं थी, जानी भी नहीं थी; फिर भी थिएटर बंद करने की गुहार लगा दी थी, तब मैंने पहली बार पापा को थोड़ा टेन्स देखा था. हालाँकि फिल्म में ऐसा कुछ भी नहीं था जो किसी एक पक्ष की बात ही दर्शाता हो, पर वो सबसे होरिबल टाइम था. पापा को सेल्यूट है कि वह उस पीरियड को मजबूती से टैकल करने में कामयाब हुए. वैसे राजनीति में भी कंट्रोवर्सी हुई थी, पर वो कोई ख़ास बड़ी नहीं थी. उस हिसाब से देखूं तो आश्रम में कुछ भी ऐसा कंट्रोवर्शियल नहीं है. पापा निडर होकर फिल्म बनाते हैं, जो सोसाइटी अपनी बात ख़ुद नहीं कह सकती है, वह उनकी आवाज़ बनते हैं. अब आवाज़ उठाओ तो किसी न किसी को तो चुभती भी है न, पर वो डरते नहीं है.

कॉनमैन एक अनोखे किस्म के फ्रॉड पर बेस्ड फिल्म होगी– दिशा झा

आपने बिल्कुल सही कहा दिशा, आपसे बात करके और ख़ासकर झा साहब की फिल्मों के बारे में बात करके बहुत अच्छा लग रहा है, पर समय की सीमितता को देखते हुए एक आखिरी सवाल आपसे और पूछना चाहूँगा, क्या आप मायापुरी मैगज़ीन आप हैं?

मैंने इसके बारे में बहुत सुना है. बचपन में तो बोर्डिंग में कोई भी मैगज़ीन पढ़ने को नहीं मिलती थी पर शायद पापा मायापुरी मैगज़ीन काफी समय से पढ़ते आ रहे हैं. मैंने भी बहुत सी जगह पर ये मैगज़ीन देखी है और इसकी तारीफ सुनी है.

कॉनमैन एक अनोखे किस्म के फ्रॉड पर बेस्ड फिल्म होगी– दिशा झा

हमें समय देने के लिए बहुत बहुत शुक्रिया दिशा.

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